मगध संवाद में हुई साहित्य-संस्कृति से लेकर ज़ुल्मतों के दौर तक की चर्चा

हसपुरा(औरंगाबाद)(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। हसपुरा में आयोजित मगध संवाद एवं फार्म एन फूड कार्यक्रम के दूसरे दिन की शुरुआत ‘‘मगध के साहित्य और संस्कृति’’ विषय पर चर्चा से की गयी। इसकी अध्यक्षता समुन्दर सिंह एवं अर्चना कुमारी ने की जबकि संचालन डॉ. गजेन्द्र कांत ने किया।

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कार्यक्रम में आगत अतिथियों के साथ अभियान सांस्कृतिक मंच, पटना के कलाकारों, पर्यावरण सुरक्षा अभियान बिहार टीम किलकारी टीम को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो. अलखदेव प्रसाद अचल ने कहा कि मगध की संस्कृति कृषि संस्कृति रही है। साहित्य हमेशा संस्कृति को बचाये रखती है। सबसे बेहतर साहित्य वह होता है, जिसमें जनता का दुख दर्द प्रतिबंधित होता है। रंगकर्मी एवं पत्रकार अनीश अंकुर ने कहा कि मगध की संस्कृति काफी उदात्त रही है। मगध का इतिहास हमेशा परिवर्तन कामी रहा है। अगले सत्र में ‘‘जुल्मतों के दौर में गीत गाए जायेंगे’’ विषय के सेमिनार की अध्यक्षता स्वागताध्यक्ष आरिफ रिजवी एवं सुनीता भारती ने की, जबकि संचालन शमशेर आलम ने किया। सेमिनार को संबोधित करते हुए पालीगंज के विधायक संजीव सौरभ ने कहा कि जिस देश का मंत्रालय पीएमओ पर आत्मनिर्भर हो गया हो, वहां जनता की अपेक्षाएं पूरी नहीं हो सकती। सरकार जिस तरह से सरकारी उपक्रमों को निजी हाथों में सौंप रही है, उससे संकट और अधिक बढ़ जाएगा।

अभाकिस के राष्ट्रीय महासचिव राजाराम सिंह ने कहा कि जिस तरह से पूंजीवाद हावी होता जा रहा है, उससे देश में बहुत बड़ा संकट की संभावना प्रबल हो गयी है। अरुण कुमार मिश्र ने कहा कि आज जनसामान्य को शिक्षा से वंचित करने की सुनियोजित साजिश चल रही है। आज की सरकार आंदोलन को भी नजरंदाज कर रही है। अनिल राय ने कहा आज यहां की सरकार और पूंजीपतियों की सांठगांठ है, जो जन सामान्य के लिए घातक है। कार्यक्रम को सफल बनाने में शंभू शरण सत्यार्थी, डाॅ. जाकिर हुसैन, विपिन कुमार, अरुण कुमार गुप्ता, जेपी कुमार, कामाख्या नारायण सिंह, संजय कुमार गुप्ता, नीरज कुमार, दिलीप कुमार, सन्नाउल्लाह रिजवी, शाहबाज मिन्हाज सहित भारतीय युवा मंच की भूमिका काफी सराहनीय रही।