9 करोड़ 53 लाख की लागत से देव सूर्य मंदिर का होगा विकास, जानिए क्या मिलेंगी सुविधाएं

औरंगाबाद। देव सूर्य मंदिर के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए पर्यटन विभाग ने करोड़ों रुपए स्वीकृत किए हैं। संपूर्ण कार्यों के लिए नौ करोड़ 53 लाख 72 हजार रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्रथम किस्त के रूप में चार करोड़ 76 लाख 86 हजार रुपए की स्वीकृति दी गई है। इन पैसों से कई महत्वपूर्ण कार्य कराए जाने हैं। बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के महाप्रबंधक ने एक पत्र जारी कर इसकी जानकारी दी है। कार्यकारी एजेंसी के रूप में बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम को चिन्हित किया गया है।

योजना का कार्यान्वयन भी पर्यटन विकास निगम के द्वारा ही कराया जाएगा। गुणवत्ता की जांच सक्षम प्राधिकार के कराने के बाद ही विमुक्त राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र एवं योजना की वीडियो ग्राफी, फोटोग्राफी के साथ प्रत्येक महीने वित्तीय एवं भौतिक प्रगति प्रतिवेदन पर्यटन विभाग को उपलब्ध करना होगा।

अगर कोई राशि उनके पास शेष बचती है तो वह भी पर्यटन विभाग को वापस कर दी जाएगी। इस राशि का इस्तेमाल किसी दूसरे कार्य में नहीं होगा। योजना की प्रशासनिक स्वीकृति 12 जून को मिली है वहीं उपमुख्यमंत्री सह पर्यटन विभाग के मंत्री ने भी इसकी स्वीकृति प्रदान कर दी है।

मंदिर और सूर्य कुंड परिसर में होगा कार्य देव सूर्य मंदिर के विकास और सौंदर्यीकरण पर करोड़ों रुपए खर्च किए जाने से लोगों को सहूलियत होगी। जो राशि उपलब्ध कराई गई है, उससे बहुद्देशीय भवन का निर्माण, तालाब कैंपस में ग्रेनाइट और सैंड स्टोन फ्लोरिंग, तालाब घाट पर ग्रेनाइट और सैंड स्टोन फ्लोरिंग सहित घाट का विकास, तालाब के पानी में ग्रिल से विभाजन का कार्य, साइनेज लगाना, मौजूदा पानी की टंकी को स्थानांतरित करना, सोलर लाइट, वॉच टावर, पेयजल की व्यवस्था सहित कई अन्य कार्य कराए जाएंगे। 18 महीनों में इस कार्य को पूर्ण कर लिया जाना है।

करोड़ों लोगों की आस्था का केन्द्र है मंदिर

देव सूर्य मंदिर करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है। यहां प्रत्येक वर्ष चैत्र और कार्तिक छठ के मौके पर मेला का आयोजन होता है। चैत्र और कार्तिक छठ में लोग पूजा करने पहुंचते हैं और भारी भीड़ उमड़ती है। कार्तिक छठ मेले में तो 10 लाख से अधिक छठ व्रती यहां भगवान भास्कर को अर्घ्य प्रदान करते हैं। मनौती पूरी होने पर माता-पिता अपने बच्चों का मुंडन कराने यहां अवश्य आते हैं। देव से कई धार्मिक और ऐतिहासिक मान्यताएं जुड़ी हुई हैं।

इतने सालों के बाद भी नहीं हुआ अपेक्षित विकास

देव सूर्य मंदिर का विकास और सौंदर्यीकरण उस गति से नहीं हुआ है जिसकी यहां जरूरत थी। पूर्व में कुछ कार्य कराए गए हैं लेकिन बढ़ती भीड़ के आगे यह कार्य नाकाफी साबित हुए हैं। पिछले कुछ सालों में यहां सूर्य कुंड के चारों ओर चहारदीवारी निर्माण का कार्य कराया गया है। इसके अलावा हाई मास्क लाइट लगाई गई है। एक धर्मशाला और पीसीसी सड़क का निर्माण कराया गया है। शौचालय निर्माण सहित सूर्य कुंड की सफाई और रंग रोगन आदि कार्य भी कराए गए हैं। पूर्व में यहां एक धर्मशाला बना था जहां सीआरपीएफ की टीम स्थाई रूप से रूकती है। ऐसे में लोगों को ठहरने में काफी दिक्कत होती है। नए भवन के निर्माण से भी लोगों को काफी लाभ होगा।