सीएम ने अतिवृष्टि के कारण हुई फसल क्षति को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग, जल संसाधन विभाग एवं कृषि विभाग के साथ की समीक्षा, जानिए क्या दिए निर्देश

  • वर्षा के कारण पिछले 2-3 दिनों में हुयी फसल क्षति का आकलन एक बार फिर सभी जगहों का करा लें।
  • जल संसाधन विभाग सिंचाई कार्य को ठीक से देखने के साथ-साथ बाढ़ से बचाव के स्थायी समाधान के लिए कार्य करें। जिन नदियों के किनारे तटबंधों का निर्माण बचा हुआ है उनका निर्माण कार्य जल्द पूर्ण करें।
  • नदियों की उड़ाही के लिए योजना बनाकर काम करें।
  • छोटी-छोटी नदियों को भी कनेक्ट करने की योजना बनाएं ताकि जल संरक्षण हो सके और उससे सिंचाई कार्य में किसानों को काफी सुविधा हो सके।

पटना(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में आपदा प्रबंधन विभाग, जल संसाधन विभाग एवं कृषि विभाग के साथ पिछले दो दिनों में वर्षा के कारण उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की एवं फसल क्षति के संबंध में जानकारी ली। जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस, कृषि विभाग के सचिव एन० सरवन कुमार, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने अपने-अपने विभागों की अद्यतन स्थिति की बैठक में जानकारी दी।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 5-6 माह से लगातार बारिश हुई है। राज्य में इस मॉनसून अवधि के दौरान चार चरणों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई। बाढ़ के दौरान राहत एवं बचाव कार्य पूरी मुस्तैदी के साथ किया गया। उन्होंने कहा कि 15 अक्टूबर के पहले सभी जगह की रिपोर्ट लेकर हुई फसल क्षति का आकलन किया गया और उन्हें मुआवजा दिया जा रहा है। पिछले 2-3 दिनों में भी वर्षा के कारण हुई फसल क्षति का फिर से एक बार आकलन कर लें। कोई भी प्रभावित क्षेत्र छूटे नहीं। सभी गाँवों में हुयी फसल क्षति की जानकारी लें। उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 से आपदा की स्थिति में लोगों को हर प्रकार से सहायता की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संसाधन विभाग को दो भागों में बांटा गया है ताकि सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण का कार्य ठीक ढंग से किया जा सके। उन्होंने कहा कि सिंचाई कार्य को ठीक से देखने के साथ-साथ जल संसाधन विभाग बाढ़ से बचाव के स्थायी समाधान के लिए कार्य करे। जिन नदियों के किनारे तटबंधों का निर्माण बचा हुआ है उनका निर्माण कार्य जल्दी पूरा करें। उन्होंने कहा कि नदियों की उड़ाही के लिए योजना बनाकर काम करें। छोटी-छोटी नदियों को भी कनेक्ट करने की योजना बनाएं ताकि जल संरक्षण हो सके और उससे सिंचाई कार्य में किसानों को काफी सुविधा हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार की लगभग 74 प्रतिशत आबादी की आजीविका का आधार कृषि है। हमलोग कृषि के क्षेत्र में कई कार्य किए हैं, फसलों का उत्पादन और उत्पादकता

बढ़ी है। अधिप्राप्ति का काम भी अच्छे से हो रहा है और लोगों की आमदनी बढ़ी है। बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस, कृषि विभाग के सचिव एनo सरवन कुमार, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल एवं मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार उपस्थित थे।

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