- देश के बजट में स्वास्थ्य पर बहुत कम् खर्च किया जाता है
- स्वास्थ्य सेवा में मुनाफा के बदले सेवा पर ध्यान होना होगा
पटना। कोरोना काल के दौरान आम लोगों की निःस्वार्थ सेवा करने वाले व सामाजिक सरोकार रखने वाले पटना के छह महत्वपूर्ण चिकित्सकों को पटना के नागरिकों की तरफ से ए. के. सेन नागरिक सम्मान प्रदान किया गया। इन छह चिकित्सकों में शामिल हैं – डॉ शकील, डॉ अभय कुमार गौड़, डॉ देवशीष गांगुली, डॉ उषासी गुप्ता, डॉ आनंद शंकर तथा डॉ सत्यजीत कुमार सिंह. बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में चिकित्सकों को शाल व मोमेंटो दिया गया. उपस्थित लोगों ने करतल ध्वनि से सभी डॉक्टरों का स्वागत व अभिनंदन किया.
‘अभियान सांस्कृतिक मंच’और ‘भगत सिंह विचार मंच’ के तत्वाधान में आयोजित इस नागरिक सम्मान समारोह में उत्साह व जोश भरे माहौल बड़ी संख्या में पटना शहर के विभिन्न क्षेत्रों, संगठनों व दलों के लोग मौजूद थे.
आगत अतिथियों का स्वागत विश्वजीत कुमार जबकि अध्यक्षता एटक के राज्य अध्यक्ष अजय कुमार ने किया.
प्रारम्भिक वक्तव्य देते हुए अनीश अंकुर ने कहा ” पटना शहर में अपने चिकित्सा पेशे में अग्रणी भूमिका निभाने के साथ साथ सामाजिक-राजनीतिक क्षेत्र में अपने सरोकार सार्वजनिक करने वाले चिकित्सकों की अच्छी खासी परम्परा रही है. ऐसे कुछ प्रमुख लोगों में है डॉ ए.के. सेन, डॉ ए के दत्ता, डॉ हरिअनुग्रह तथा डॉ पी. गुप्ता. चिकित्सा के साथ- साथ नागरिक जीवन के इन चमकते सितारों ने जो रुपरेखा तैयार की उसी के अनुकूल चिकित्सकों की दूसरी पीढ़ी चलने का प्रयास अपने-अपने ढंग से कर रही है. ”
सर्वप्रथम बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ भवन के महासचिव तथा पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने अपने संबोधन में कहा ” आज बेहद खुशी का दिन है जब हम उन डॉक्टरों को सम्मानित कर रहे हैं जिन्होंने कोरोना काल के दौरान बेहद प्रशंसनीय कार्य किया है. हमलोग भगवान को भले न मानें परन्तु आज कल के यही लोग भगवान हैं. “
पटना विश्विदयाल में प्राचीन इतिहास के प्रोफ़ेसर तथा इस कार्यक्रम के सूत्रधार ओ. पी जायसवाल ने इस कार्यक्रम के पीछे की दृष्टि को रेखांकित करते हुए कहा ” मुझे इतिहास्कार रामशरण शर्मा ने ऐसे कार्यक्रम करने के लिए प्रेरित किया कि हमलोग यदि समाज के लिए काम करने वालों को हम नहीं सम्मानित करेंगे तो कौन करेगा. वैसे भी कम्युनिस्टों को कौन सम्मानित करता है. यह हमारा दायित्व है कि हम अपने लोगों को सम्मानित करें “
सम्मानित डॉक्टरों ने भी अपना अनुभव साझा किया। सबों ने अपने पूर्व के डॉक्टरों को याद किया जिन्होंने सेवा भाव से जीवन भर अपने मरीजों का इलाज किया। इसके अलावा एक सजग नागरिक की तरह समाज से भी जुड़े रहे। उन्हीं की प्रेरणा से हमलोग भी काम करने की कोशिश करते हैं।
‘पॉलीकलीनिक’ से कंसलटेंट के रूप में जुड़े डॉ शकील ने कहा ” हमलोगों ने मेडिकल की पढ़ाई करने के बाद पॉलीकलीनिक का प्रयोग शुरू किया. सस्ते दर पर इलाज ऐसा सफल प्रयोग बिहार में क्या बाहर भी कहीं नहीं हुआ है. हमलोगों ने प्राफिट के बदले हमेशा पीपुल को तरजीह दी है “
पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पितल से पढ़ाई पूरी करने के बाद पॉलीकलीनिक में बतौर कंसलटेंट जुड़ने वाले डॉ अभय कुमार गौड़ ने कहा ” हमलोगों ने जब पॉलीकलीनिक में काम करना शुरू किया उस वक़्त डॉ ए के सेन जो उसके कोषाध्यक्ष थे ने कहा कि यहां काम करने के पहले सोच लो. लेजिन हमलोगों ने खतरा उठाया और टिक गए. “
इंग्लैंण्ड से एफ. आर. सी. एस करने वाले रूबन मेमोरियल के डॉ सत्यजीत सिंह ने सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कहा ” हमलोगों के अंदर मेडिकल का एथिक्स की समझ डॉ ए के सेन, डॉ पी गुप्ता जैसे लोगों ने अंदर हुआ. इनलोगों के सानिध्य के कारण हमेशा मुझे पैसा की तरफ भागने से रोकता है. मेरे आज भी गर्व से कहता हूं कि मैं कम्युनिस्ट परिवार में पैदा हुआ और आज भी उनलोगों द्वारा बताये मार्ग पर चलने का प्रयास करता हूं. “
मधुमेह रोग के विशेषज्ञ डॉ आनंद शंकर ने बताया ” मैं बेगूसराय के ‘चाँद-सूरज अस्पताल’ से जुड़ा रहा हूं . मेरे पिता जी पास हमेशा लोगों का आना जाना लगा रहा करता था. कोरोना काल के दौरान खतरा उठाकर काम किया गया. आज देश का दुर्भाग्य है कि स्वास्थ्य पर खर्च जीडीपी का एक दो प्रतिशत भी नहीं हो पा रहा है. आज चुप नहीं खुल कर बोलने की जरूरत है. “
सोवियत संघ के जमाने में मास्को से जनरल मेडिसीन में पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई पूरी करने के वाले देवशीष गांगुली ने कहा ” मैंने समाज़वाड़ी देश सोवियत संघ में पढ़ाई की है वहां स्वास्थ्य सेवा मुफ्त हुआ करती थी. पैसे का लेन देन तो होता ही नहीं था . इसकारण जब हमने पटना में मरीज देखने शुरू किया तो फी काफी कम् रखा “
मास्को से ही स्त्री व प्रसूति रोग की पढ़ाई करने वाली अशीसी गुप्ता ने कहा ‘ मेरे दादा ए.एन.सरकार ने पहली बड़ा बिहार में संस्थागत डिलीवरी को शुरू किया था. फिर मेरे पिता जगन्नाथ सरकार कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े रहे . मैं तो इन्ही लोगों के मध्य रही और मास्को से लौटने के बाद पटना में रह गई हूं. ”
इस नागरिक सम्मान समारोह को संबोधित करने वालों अधिवक्ता मदन प्रसाद सिंह, विश्वविद्यालय व महाविद्यालय शिक्षकों के फेडरेशन के राष्ट्रीय महासचिव प्रो अरुण कुमार, सीपीआई के वरिष्ठ नेता विजय नारायाण मिश्रा, पटना कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो नवलकिशोर चौधरी थे।
कार्यक्रम में मौजूद प्रमुख लोगों थे अनिल कुमार राय, गजेंद्र शर्मा, डॉ अंकित, सूर्यकर जितेन्द्र, साधना, हरदेव ठाकुर, डी पी यादव, कुलभूषण, नवाब आलम, चंद्रबिंद, राजकुमार शाही, प्रिरंजन, प्रीति सिंह, महात्माजी आदि मौजूद थे।