औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार(डीएलएसए) के तत्वावधान में नागरिको के सशक्तिकरण के लिए चलाये जा रहे 12 दिवसीय विशेष कानूनी जागरूकता कार्यक्रम- हक हमारा भी तो है, का समापन रविवार को समारोहपूर्वक संपन्न हुआ।
शहर के नगर भवन में आयोजित समापन समारोह का उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के अध्यक्ष रजनीश कुमार श्रीवास्तव, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर, जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल, पुलिस अधीक्षक कांतेश कुमार मिश्रा, जिला शिक्षा पदाधिकारी संग्राम सिंह, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी(स्थापना) दयाशंकर सिंह, कार्यक्रम पदाधिकारी(मध्याह्न भोजन) गार्गी कुमारी, जिला विधि संघ के अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह एवं सचिव नागेंद्र सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस मौके पर न्यायिक पदाधिकारी संतोष कुमार, योगेश कुमार मिश्रा, कणिका शर्मा, सुदीप कुमार पांडेय ने दीप प्रज्ज्वलन में सहयोग किया। कार्यक्रम में शिक्षा विभाग तथा जूनियर रेडक्राॅस की छात्राओं ने स्वागत गान की प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में आगतों का स्वागत अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के सचिव प्रणव शंकर ने किया। उन्होने 01 नवम्बर से चल रहे विभिन्न कार्यक्रमों का विवरण तथा प्राधिकार के कार्यो का विस्तृत विवरण दिया। कहा कि प्राधिकार का प्रयास रहा है कि जिले के प्रत्येक प्रखंड के प्रत्येक पंचायत और प्रत्येक गांव तक पहुंचकर जितना ज्यादा हो सके, लोगो को विधिक रूप से जागरूक किया जाए। इसी का प्रतिफल है कि प्राधिकार द्वारा आउटरिच कार्यक्रम के तहत जिले के 202 पंचायतों के करीब 1000 गांव तक 12 दिनों के मेगा विधिक जागरूकता सह विशेष कानूनी जागरूकता कार्यक्रम के तहत नागरिको का सशक्तिकरण अभियान चला, जिसमें 50 हजार से ज्यादा लोगो से सीधा सम्पर्क स्थापित कर उन्हें सशक्त करने का प्रयास किया गया। उन्हें प्राधिकार द्वारा संचालित कार्यक्रमो के बारे में जानकारी मुहैया करायी गयी। कहा कि इसी मुहिम के हक हमारा भी तो है, के तहत कुल 750 कैदियों को आच्छादित करते हुए उन्हें पहचान तथा ब्यौरा पत्र दिया गया जिसमें उनके वाद से संबंधित समस्त जानकारी डाटा के रूप में वर्णित है।
कार्यक्रम में जिला शिक्षा पदाधिकारी संग्राम सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग ने प्राधिकार से समन्वय स्थापित करते हुए कई कार्यक्रम आयोजित किए। इससे छात्र-छात्राओं और अभिभावको के बीच विधिक अधिकारो के प्रति जागरूकता आई है। शिक्षा विभाग कार्यक्रम करता रहेगा। वही पुलिस अधीक्षक कांतेश कुमार मिश्रा ने कार्यक्रम में छात्राओं की अच्छी संख्या को देखते हुए उन्हें साईबर अपराध एवं उससे जुड़े कई पहलुओं एवं स्वयं की प्राईवेसी संबंधी गंभीर विषयो पर छात्राओं को सजग रहने की बात कही। आगे भी इस विषय पर कार्यक्रम आयोजित करने की जरूरत पर बल दिया। कार्यक्रम में जिलाधिकारी सह प्राधिकार के उपाध्यक्ष सौरभ जोरवाल ने छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्द्धन किया। कहा कि आप भी आगे चलकर कोई बड़े पदाधिकारी बनेंगें, कोई जज बनेंगें। जरूरत है आप अपने कर्तव्यों का पालन करें। आपके साथ प्रशासन एवं प्राधिकार सहयोग करेगा। उन्होंने सेवा प्राधिकार के कार्यो की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्राधिकार लोगो तक अपना विश्वास बनाने और पहुंच सुनिश्चित करने में सफल हो रहा है। उम्मीद करेंगें कि प्राधिकार आगे चलकर और लोगो तक अपनी पहूंच बनाकर उनके विधिक अधिकारो की रक्षा करेगा। अध्यक्षीय भाषण में जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनीश कुमार श्रीवास्तव ने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए शिक्षकों एवं अभिभावकों पर विशेष प्रकाश डालते हुए कहा कि अगर बच्चें सफल होते हैं तो उनके शिक्षक एवं माता-पिता उसके यश के भागी होते हैं। इसी प्रकार अगर बच्चे असफल होते हैं तो उसकी भी जिम्मेवारी शिक्षकों एवं अभिभावकों की होती है। उन्होंने बच्चों से यह भी अपील किया कि किसी भी परिस्थिति में आप विद्यालय जायें। प्राधिकार भी अपने स्तर से पहल करेगा कि आपको किसी तरह की कोई समस्या आपके पढ़ाई एवं भविष्य को लेकर न हो। उन्होंने छात्राओं की भीड़ को देखते हुए उन्होंने उनका उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि मंच पर महिला जज बैठी है। पदाधिकारी बैठी हैं। सभा में कई महिला अधिवक्ता बैठी हैं। आप सब भी पढ़ाई के प्रति कर्तव्य का निर्वहन कर अपना भविष्य उज्जवल करें। जिला जज ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ रंग ला रहा है लेकिन हमें प्रयास करना चाहिए कि जो लोग अभी स्कूल से दूर हैं, उन्हें स्कूल लाया जाए। प्रशासन छुट्टियों के दिन गांव-देहात मेें इसे लेकर कार्यक्रम आयोजित करें तथा अभिभावको, ग्रामीणों को जागरूक किया जाए। न्यायिक व्यवस्था भी आपके साथ इस कार्यक्रम में सहयोग करेगा। कार्यक्रम में जिला विधि संघ के अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह ने कहा कि न्यायिक व्यवस्था में बार का एक अलग स्थान है। बार पूरी व्यवस्था में सामंजस्य बनाकर जागरूकता कार्यक्रम में सहयोग कर रहा है। कहा कि जागरूकता में छात्राओं पर ही नहीं छात्र पर भी बराबर ध्यान देते हुए संस्कारित करने की जरूरत है। बार के तरफ से धन्यवाद ज्ञापन बार के सचिव नागेंद्र सिंह ने किया। उन्होने कहा कि बार हमेशा से जिला विधिक सेवा प्राधिकार का अंग रहा हैं तथा हमारे साथियों ने पैनल अधिवक्ता के रूप में कई अभूतपूर्व कार्य करते हुए लोगो को विधिक अधिकारो को दिलवाया है। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन न्यायिक दंडाधिकारी सुदीप पांडेय ने किया। कहा कि शिक्षा विभाग, जिला प्रशासन, का बेहद ही अभूतपूर्व सहयोग पूरे कार्यक्रम में प्राप्त हुआ। इसके लिए आज वे धन्यवाद के पात्र हैं। कहा कि प्राधिकार का उद्देश्य ही था कि कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों में सृजनात्मक क्षमता विकसित हो और इसके लिए प्राधिकार द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से कई शैक्षणिक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें पेंटिंग तथा निबंध प्रतियोगिता प्रमुख थी। कार्यक्रम के समापन के समारोह में प्रतियोगिता के विजेताओं को अतिथियों द्वारा प्रशस्ति पत्र के साथ ट्राफी और शिल्ड प्रदान किया गया।कार्यक्रम के अंत में पूरे कार्यक्रम में सक्रिय सहयोग प्रदान करने लिए निरंजन कुमार को प्राधिकार की ओर से प्रशस्ति-पत्र दिया गया।प्रवक्ता के रूप में उल्लेखनीय सहयोग के लिए सतीश कुमार स्नेही को भी प्रशस्ति पत्र प्रदान करते हुए सम्मानित किया गया। पूरे कार्यक्रम के कोर टीम के रूप में सभी विभागों से समन्वय स्थापित कर कार्यक्रम को सफल बनाने तथा अधिक से अधिक लोगो की भागीदारी सुनिश्चित कराने के लिए प्रधिकार के रिटेनर अभिनन्दन कुमार को भी प्रशस्ति-पत्र देकर अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।