सामग्रियों की बढ़ती कीमत व बालू-कोयले की किल्लत से ईंट निर्माता परेशान, 3 नवम्बर को बैठक कर तय करेंगे रणनीति

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। बालू और कोयले की किल्लत तथा मिट्टी की बढ़ती रॉयल्टी से ईंट उद्योग पर संकट के काले बादल मंडरा रहे है। डीजल की कीमत में भी निरंतर हो रही वृद्धि से ईंट निर्माण के लिए आवश्यक सामानों की ढुलाई भी महंगी पड़ रही है। साथ ही महंगाई बढ़ने से मजदूरी की दर भी बढ़ रही है। इस स्थिति में ईंट निर्माताओं को ईंट भट्ठों के संचालन में कई तरह की आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस तरह की परेशानियों से जुझ रहे ईंट निर्माता अब सरकार से राहत या अनुदान की उम्मीद लगा रहे है अन्यथा ईंट की कीमत बढ़ाना उनकी मजबूरी होगी।

इन्ही समस्याओं पर विचार के लिए रविवार को ईंट निर्माताओं के संगठन औरंगाबाद जिला ईंट निर्माता संघ की एक बैठक औरंगाबाद के बभंडी में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष रामनरेश मेहता ने की। बैठक में संघ के सचिव सत्येंद्र सिंह, कोषाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह, मगध प्रमंडल के अध्यक्ष अरविंद सिंह, परशुराम मेहता, योगेंद्र कुमार सिंह, भोला सिंह, बाला जी, उपेन्द्र मेहता, रामनाथ सिंह, अजय सिंह, राजेन्द्र यादव, अरविंद कुमार गुप्ता, मदन कुमार सिंह, सुनील गुप्ता, शिवनाथ सिंह, दुर्गेश कुमार एवं अंबिका प्रसाद आदि ईंट भट्ठा संचालक मौजूद रहे।

बैठक में आगे की रणनीति पर विचार करने के लिए पूरे जिले के ईंट भट्ठा संचालकों की एक वृहद बैठक बुलाने पर सर्वसम्मति बनी। इसके लिए तीन नवम्बर की तारीख निर्धारित की गई। यह बैठक मदनपुर के रानीकुआं स्थित मानसरोवर होटल में होगी। बैठक में ईंट उद्योग के समक्ष उत्पन्न संकट और चुनौतियों से निपटने पर चर्चा कर आगे की रणनीति तय की जाएगी।