सामाजिक न्यायवादी के बीच घोर सामंतवादी का सुंदर महल


मैंने वर्ष 2019 में इस दल की सदस्यता ली। सक्रिय सदस्य बनने के बाद 27 सितंबर 2023 को चार लोगो के साथ प्रदेश कार्यालय में पार्टी के एक शीर्ष नेता से मिलने पहुंचा। 2.15 बजे मैंने अपने चारों साथियों के साथ पार्टी कार्यालय स्थित नेताजी के कक्ष में प्रवेश किया। कक्ष में प्रवेश कर बैठा ही था कि साधारण वेशभूषा में दो और लोग उस कक्ष में दोनों हाथ जोड़े आएं, जिन्हें नेताजी(काले नाग बाबा) ने अपना बड़ा सा फन फैलाकर डस लिया। बाद में दोनो घायल और विष से आहत हाल में पार्टी कार्यालय से बाहर सड़क किनारे बेहोश पड़े थे।

इस दृश्य को देख कर मैं बड़ी हैरत में पड़ गया। मैं सोचने लगा कि मैंने अपने पूरे जीवन का आधा समय काले नागों के विरूद्ध संघर्ष में बिताया है। आज उसी काले नाग बाबा के शरण में आकर अपनी अर्जी सुनाने आया हूं। खैर किसी तरह साहस, जुटाकर मैंने अपनी अर्जी मौखिक रूप से काले नाग बाबा के समक्ष रखी। मेरे शब्दों को सुनते ही काले नाग बाबा ने बगल में बैठे एक बैठे व्यक्ति को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करते हुए कहा कि इनको पार्टी में रहते हुए चालीस साल हो गए है। अभी भी यें पार्टी की गाड़ी की खिड़की पकड़ कर लटके हुए है। आपको मैं क्या कहूं, जाइएं वैकेंसी निकलेगी तो फॉर्म भर दीजिएगा और बहाली के लिए  यहां खिड़की में लटक कर इंतजार करना पड़ेगा।

मैं काले नाग बाबा के प्रवचन से प्रशिक्षित होकर कार्यालय से बाहर आया तो वे दोनो व्यक्ति काले नाग बाबा के विष के प्रभाव से बेहोश नज़र आए। उन दोनों के पास जाकर पूछा तो उन्होने कहा कि हमलोग पूर्णिया से आए है। और हमलोग अति पिछड़ा समाज से आते है। अब हमलोग यहां नही आएंगे। हमलोग समझ गए कि सामाजिक न्याय किसे कहा जाता है। नेताजी के इस आचरण से अवाम में दल की छवि खराब हो रही है। जय हो दल के वफादार काले नाग बाबा की जय हो।
(लेखक राम नरेश सिंह यादव ने कानून की पढ़ाई की है। पढ़ाई के बाद विधि को पेशे के रूप में नही अपनाया। विचार से साम्यवादी है। आज जिस दल में है, उसी दल के एक वाकये को उन्होने ये शब्द दिए है)