*बच्ची के साथ दुष्कर्म कर हत्या के मामले में जेल में बंद है गंगौली का बलराम
*पीड़िता के परिजन समेत ग्रामीणों ने कोर्ट के फैसले को ठहराया सही
डेहरी(रोहतास)(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। डालमियानगर थाना क्षेत्र के गंगौली गांव में बीते वर्ष दीपावली की शाम एक बच्ची के साथ दुष्कर्म कर हत्या कर बक्सा में बंद करने के मामले में जेल में बंद बलराम सिंह को सासाराम न्यायालय द्वारा फांसी की सजा सुनाए जाने की गूंज शुक्रवार को गंगौली गांव में सुनी गई।
आग की तरह फैली फांसी की सजा की खबर से पीड़ित परिवार के साथ-साथ ग्रामीण भी संतुष्ट दिखे। वही बलराम सिंह के परिजनों ने फांसी की सजा के मामले पर चुप्पी साध ली। दबी जुबान से परिजनों ने भी कहा कि इस प्रकार की घटना बलराम सिंह द्वारा की गई है। उसके लिए यह सजा तो होना ही था। बताते चलें कि 15 नवंबर 2020 को गंगौली गांव में एक 10 वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी गई थी और बच्ची के शव को बक्से में बंद कर दिया गया था। सूचना मिलने के बाद ग्रामीणों ने आरोपी की जमकर धुनाई कर पुलिस के हवाले कर दिया था। तब पुलिस ने भी भरोसा दिलाया था कि दुष्कर्मी को फांसी की सजा दिलाने के लिए अंतिम दम तक प्रयास करेगी।
घटना उस समय घटी थी जब पीड़ित बच्ची के माता-पिता मध्यप्रदेश में थे और वह दादा-दादी के साथ दीपावली मनाने की तैयारी कर रही थी। इसी बीच बलराम सिंह ने पड़ोस की 10 वर्षीय बच्ची को चॉकलेट देने के बहाने घर में बुलाया और शराब के नशे में उसके साथ दुष्कर्म कर हत्या कर दी तथा शव को अपने ही घर के बक्से में बंद कर दिया। करीब 6 माह बाद जेल में बंद बलराम सिंह को सासाराम न्यायालय में फांसी की सजा सुनाई है। ग्रामीणों का कहना है कि इतना घिनौना कृत्य बलराम सिंह ने किया है। उसके लिए ऐसी सजा तो मिलनी ही थी। न्यायालय के निर्णय से ग्रामीण संतुष्ट है। उनका कहना है कि इस सजा से समाज में यह संदेश भी गया है की घिनौनी करतूत करने वाले को दुनिया में रहने की कोई जगह नहीं मिलेगी।