औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो): औरंगाबाद के सदर विधायक आनंद शंकर सिंह ने अंचल कार्यालय में व्याप्त अराजकता और घूसखोरी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। गुरुवार को अपने आवास पर आयोजित जनता दरबार में दर्जनों फरियादियों की समस्याएं सुनने के बाद विधायक उग्र हो गए। स्थानीय लोगों ने अंचल कार्यालय से संबंधित कई शिकायतें रखीं, जिनमें विकास कार्यों में देरी, अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी न होना और अधिकारियों की उदासीनता प्रमुख थीं।

जनता दरबार में फरियादियों की शिकायतें
जनता दरबार में पहुंचे फरियादियों ने अंचल कार्यालय की लापरवाही और बिचौलियों के बढ़ते हस्तक्षेप की शिकायत की। विधायक आनंद शंकर सिंह ने तुरंत अंचलाधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन संपर्क न हो पाने पर उनका गुस्सा भड़क गया। कई अधिकारियों से बात करने के बावजूद समस्याओं का त्वरित समाधान न होता देख, विधायक स्वयं फरियादियों के साथ अंचल कार्यालय पहुंचे।

अंचल कार्यालय में विधायक की सक्रियता
अंचल कार्यालय पहुंचकर विधायक ने अधिकारियों को धूप में बैठकर फरियादियों की समस्याओं का समाधान करने का निर्देश दिया। उनकी इस सक्रियता से प्रभावित होकर तीन दर्जन से अधिक फरियादियों ने अपनी समस्याएं उनके समक्ष रखीं। इस दौरान जिला उपसमाहर्ता और भूमि सुधार उप समाहर्ता (LRDC) भी मौके पर पहुंचे। विधायक ने अधिकारियों को सभी आवेदनों पर 20 दिनों के भीतर कार्रवाई करने और इसकी रिपोर्ट सौंपने का सख्त निर्देश दिया।
विकास कार्यों में बाधा पर चेतावनी
आनंद शंकर सिंह ने बताया कि औरंगाबाद विधानसभा क्षेत्र में कई विकास योजनाएं अनापत्ति प्रमाण पत्र न मिलने के कारण रुकी हुई हैं। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इन फाइलों को तत्काल ठीक करने का आदेश दिया। विधायक ने चेतावनी दी कि यदि अंचल और प्रखंड कार्यालय अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं करते, तो वे हर सप्ताह औरंगाबाद और देव अंचल कार्यालय में जनता दरबार लगाएंगे।
घूसखोरी और बिचौलियों पर सख्ती
सदर विधायक ने अंचल कार्यालय में घूसखोरी और बिचौलियों के प्रवेश पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, “घूसखोरी और बिचौलियों का हस्तक्षेप तत्काल बंद होना चाहिए। अंचल कार्यालय को आम जनता और किसानों के हित में काम करना होगा।” उन्होंने अधिकारियों को पारदर्शी और जनहितकारी कार्यशैली अपनाने की हिदायत दी।
जनता दरबार का प्रभाव
विधायक की इस पहल से फरियादियों में उत्साह देखा गया। स्थानीय लोगों ने उनके त्वरित और सख्त कदमों की सराहना की। यह घटना न केवल अंचल कार्यालय की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है, बल्कि जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही और सक्रियता का भी उदाहरण पेश करती है।
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