चार नये पॉजीटिव मिलते ही औरंगाबाद के आकाश में मंडराने लगे कोरोना के खतरे के बादल

कोविड-19 ने फिर दी दस्तक, कोरोना विस्फोट की आशंका बढ़ी

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। कोरोना की तीसरी लहर के आने की आशंका के बीच कोविड-19 के नएं वैरिएंट ओमिक्रॉन के आ जाने के बावजूद औरंगाबाद में सावधानी नाम की कोई चीज नजर नही आ रही है। यही वजह है कि कोरोना पॉजीटिव आने का थम गया सिलसिला अब फिर से शुरु हो गया है।

हाल फिलहाल की यदि बात करे तो औरंगाबाद में बुधवार को कोविड-19 पॉजीटिव के चार नए ताजे मामले प्रकाश में आये है। इससे औरंगाबाद जिला कोरोना विस्फोट होने की राह पर अग्रसर दिख रहा है। आम अवाम में कोरोना के प्रति लापरवाही का सिलसिला यदि इसी तरह जारी रहा तो कभी भी यहां कोरोना बम फट सकता है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक औरंगाबाद जिले में कोरोना के चार नए संक्रमित मरीज मिले है। इससे स्वास्थ्य महकमे में हडकंप मच गया है।

साफ है कि औरंगाबाद जिले में एक बार फिर से कोरोना ने दस्तक दे दी है। सदर अस्पताल में हुई कोरोना जांच में मदनपुर के बेरी गांव निवासी 75 वर्षीय महिला में कोरोना के वायरस पाएं गए। वही दूसरा कोविड-19 पॉजीटिव आमस जिले के विशुनपुर गांव का एक 19 वर्षीय युवक पाया गया है। वह पिछले कुछ दिनों से बुखार लगने की शिकायत के बाद इलाज कराने औरंगाबाद सदर अस्पताल आया था, जहां जांच के बाद वह कोरोना संक्रमित पाया गया। औरंगाबाद के ही दो और लोगो ने गया में कोरोना जांच कराई है और रिपोर्ट पॉजीटिव आया है। अब कोरोना के 4 नए केस मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है।

ऐसे में स्वास्थ्य विभाग अब क्या तैयारी करता है। लोगों को एक बार फिर से कोरोना के प्रति कैसे जागरूक कर पाता है, यह देखने वाली बात होगी। गौरतलब है कि कोविड-19 की दूसरी लहर में औरंगाबाद जिले में भयंकर कोरोना विस्फोट हुआ था। कईयों की जान चली गई थी। कईयों ने अपनो को खोया था। उस वक्त ऑक्सीजन तक के लाले पड़ गये थे। समय पर ऑक्सीजन नही मिलने से कई लोग कोरोना के काल के गाल में समा गये थे। उस वक्त औरंगाबाद में कोरोना की आरटीपीसीआर जांच की भी सुविधा उपलब्ध नही थी। महज ट्रूनेट मशीन और एंटिजन कीट से ही कोरोना जांच की सुविधा उपलब्धता थी। सुविधाओं एवं संसाधनों की कमी के कारण स्वास्थ्य महकमे से लेकर जिला प्रशासन का पूरा अमला परेशान हो गया था।

इधर इस बार प्रशासनिक महकमे का दावा है कि वे कोरोना के संभावित तीसरी लहर से निपटने को पूरी तरह तैयार है। अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र के स्तर तक ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। कोरोना जांच की व्यवस्था को पहले से अधिक मजबूत किया गया है। उप विकास आयुक्त अंशुल कुमार ने बताया कि कोरोना के नये ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सजग है। ऑक्सीजन की कमी से संभावित मौतों को टालने के लिए पुख्ता प्रबंध किए गये है। सदर अस्पताल और दाउदनगर के अनुमंडल अस्पताल में कुल मिलाकर दो ऑक्सीजन प्रेशर प्लांट पूरी तरह चालू है और दोनो अस्पतालो में बेड तक ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। दो सौ ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर और चार सौ ऑक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध है, जिसे एपीएचसी के स्तर तक पहुंचा रखा गया है। साथ ही कोरोना से सावधानी बरतने को लेकर व्यापक स्तर से प्रचार प्रसार भी कराया जा रहा है।

प्रशासनिक स्तर से लोगों से मास्क का इस्तेमाल करने, सैनिटाइजर का प्रयोग करने और शारीरिक दूरी बनाएं रखने की भी अपील की जा रही है। कोविड से निपटने के लिए जिले के 82 प्रतिशत लोगो को कोविड-19 की दूसरी डोज तक दी जा चुकी है। कोविड वैक्सीनेशन के मामले में औरंगाबाद राज्यभर में छठे नंबर पर है और वैक्सीनेशन का कार्य लगातार जारी है। कोरोना के प्रति लोगो को जागरूक बनाये रखने को लेकर पूरे जिले में अभियान भी चलाया जा रहा है। इधर प्रशासनिक दावों के विपरीत अवाम में कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर कही कोई जागरूकता और सजगता नही दिख रही है। लोग बाजारो में खुलेआम बिना मास्क के खुलेआम घुम रहे है। सैनिटाइजर का इस्तेमाल दूर की कौड़ी बनी हुई है। सोशल-फिजिकल डिस्टेंस की तो बात ही भूल जाइएं। बाजार से लेकर सभी सार्वजनिक स्थानों और परिवहन सेवाओं में भी रेलमपेल मची है। लोग बिना मास्क और उचित शारीरिक दूरी अपनाये बेधड़क सफर कर रहे है। ऐसे में साफ है कि औरंगाबाद के आकाश में कोरोना विस्फोट के खतरे के बादल निरंतर मंडरा रहे है और यदि लोग सजग नही हुए तो यहां कभी भी कोरोना का भयंकर विस्फोट हो सकता है।