एक सही राजनीतिज्ञ ही कर सकता है राजनीति को ठीक, पॉलीटिक्स में होने पर हमे गर्व : रितू जायसवाल
पूर्व आइएएस अधिकारी ने बीएड कॉलेज में स्टूडेंट्स को दिए सफलता के टिप्स
दाउदनगर(औरंगाबाद)(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के पद से वीआरएस लेकर प्रदेश की राजधानी पटना में गंगा घाट पर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करनेवाले छात्रों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान कर रहे पूर्व आइएएस अधिकारी अरुण कुमार ने अपनी पत्नी राजद की वरिष्ठ नेत्री व समस्तीपुर की सिंहवाहिनी पंचायत की पूर्व मुखिया रीतू जायसवाल के साथ दाउदनगर में छात्र-छात्राओं के बीच अनुभव साझा करते हुए सफलता के गुर बताएं।
पूर्व आइएएस अधिकारी अरूण कुमार ने यहां के केरा स्थित भगवान प्रसाद शिवनाथ प्रसाद बीड कॉलेज में वर्ष 2022- 24 सत्र के लिए अभिविन्यास कार्यक्रम का उद्धाटन करने के बाद कहा कि बिहार से प्रति वर्ष करीब डेढ़ लाख विद्यार्थी सुनहरे भविष्य के सपनों के साथ दिल्ली जाकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते है। तैयारी के दौरान 12 हजार रुपये प्रति विद्यार्थी प्रतिमाह खर्च आता है यानी एक भारी-भरकम राशि लगभग एक अरब तीस करोड़ की राशि बिहार से प्रतिमाह दिल्ली चली जा रही है। यदि विद्यार्थियों को बिहार में भी दिल्ली जैसी सुविधा मिले तो यहां के विद्यार्थियों को बाहर जाने की जरूरत क्यों पड़ेगी। ऐसा होने से बिहार की अर्थव्यवस्था सुधरेगी और राज्य के अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों पर किया गया खर्च राज्य में ही रहेगा और बिहार की शिक्षा के क्षेत्र में और भी तरक्की हो सकेगी। साथ ही शिक्षा के अलावा अन्य संबद्ध क्षेत्रों में और रोजगार देने की क्षमता में वृद्धि होगी तथा राज्य के साथ देश भी विकसित होगा। उन्होने साफगोई के साथ कहा कि कोचिंग संस्थान अब सिर्फ पैसे कमाने के साधन बनकर रह गये है। बच्चों के लिए सबसे अच्छा कोचिंग स्कूल है, जहां छठी से दसवीं तक की यदि सही तरीके से पढ़ाई कर ली जाएं तो आगे चलकर विद्यार्थियों को किसी प्रकार की तैयारी करने में किसी प्रकार की कोई कठिनाई नहीं होगी। कहा कि हमारे यहां कौशल विकास पर कम फोकस है। यदि कौशल विकास पर ध्यान दिया जाए तो बेरोजगारों को पलायन करने की जरूरत नहीं होगी। उन्होने शिक्षा में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकों की पदस्थापना उनके पंचायत में न कर दूसरे क्षेत्र या अन्य जिलों में करने की वकालत करते हुए कहा कि गृह या नजदीक के पंचायतों में ही शिक्षकों की पदस्थापना होने से उन पर दबाव नहीं बन पाता। इससे सीधे तौर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रभावित होती है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि सिर्फ पढ़ाई पर ही ध्यान नहीं दे बल्कि लिखने की भी आदत डालें। पढ़ाई के साथ-साथ लिखना भी जरूरी है। अगर आप नहीं लिखेंगे तो नहीं सीखेंगे। इसलिए लिखना जरूरी है।
कार्यक्रम में श्री कुमार की पत्नी, राजद की वरिष्ठ नेत्री व समस्तीपुर के सिंहवाहिनी पंचायत की पूर्व मुखिया रितु जायसवाल ने अपना अनुभव साझा किया। बताया कि दिल्ली की सुख सुविधा का त्याग कर किस प्रकार उन्होंने सिंहवाहिनी पंचायत से मुखिया पद का चुनाव लड़ा। मुखिया बनने के बाद उन्हें किन-किन चुनौतियों से गुजरना पड़ा। उन्होंने कहा कि व्यवस्था में जो गैप है, उसे भरना जरूरी है। जब हम बेहतर करने आते हैं तो कई प्रकार की चुनौतियां सामने आती हैं। किसी पर उंगली उठाने से पहले स्वयं की ओर जरूर देखना चाहिए। एक सही राजनीतिज्ञ ही राजनीति को ठीक कर सकता है। जब एक ईमानदार राजनीति की आवाज सदन में गूंजती है तो राज्य व देश में बदलाव होता है। राजनीति में सही लोगों को आगे लाना होगा। उन्हें गर्व है कि वे राजनीति कर रही हैं।
कार्यक्रम में पूर्व आइएएस अधिकारी के सहयोगी एवं एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी छोड़कर बिहार आकर उनके साथ ही पटना के गंगा घाट पर विद्यार्थियों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान कर रहे आरटीआई एक्टिविस्ट देवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि मन को एकाग्र चित्त रखें। आप स्वयं तय करें कि आपका जीवन कैसे चलेगा। अपने जीवन का एक विजन बनाएं। इसके बाद उसे प्राप्त करने का तरीका ढूंढें। कार्यक्रम में कॉलेज के सचिव डॉ. प्रकाश चंद्रा ने वीआरएस लेने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी, उनकी पत्नी एवं उनके अन्यतम सहयोगी की प्रशंसा करते हुए कहा कि हमारे तीनों ही मुख्य अतिथि पूरे मनोयोग से बिहार की सेवा कर रहे हैं। इस दौरान बीएड कॉलेज के छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई। वही कार्यक्रम में आगत अतिथियों का स्वागत कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य पंकज कुमार ने किया। इस मौके पर पूर्व विधायक रविंद्र सिंह, भाजपा के जिला प्रवक्ता अश्विनी कुमार तिवारी, विद्या निकेतन ग्रुप आफ स्कूल्स के सीईओ आनंद प्रकाश, लोजपा (रामविलास) के नेता महेंद्र पासवान, पूर्व जिप उपाध्यक्ष संजय सिंह सोम, पूर्व मुखिया राजकुमार शर्मा, पूर्व प्रमुख छोटेलाल प्रसाद, समाजसेवी मुकेश कुमार उर्फ लाल, पूर्व मुखिया रामजीवन पासवान, जदयू नेता ओम प्रकाश पासवान, चिंटू मिश्रा, झोंकी यादव, बीएड कॉलेज के व्याख्याता रामचंद्र, अनूप कुमार, अखिलेश कुमार, विनोद कुमार, सत्या कुमारी, बबीता कुमारी, विकास कुमार, संजय विश्वकर्मा आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।