नई दिल्ली। राफेल लड़ाकू विमानों की चौथी खेप कल फ्रांस से भारत पहुंची। भारतीय वायु सेना ने ट्वीट द्वारा जानकारी देते हुए कहा कि तीन राफेल फ्रांस के इस्त्रेस एयर बेस से बिना बीच में रुके सीधे भारत पहुंचे। इन विमानों के आने से भारतीय वायुसेना के हमला करने की क्षमता में और इजाफा होगा।
हवा में ही भरा ईंधन
वायु सेना के अनुसार इन विमानों की उड़ान के दौरान संयुक्त अरब अमीरात की वायु सेना के विमानों ने हवा में ही ईंधन की आपूर्ति की। वायुसेना ने कहा कि इससे भारत और संयुक्त अरब अमीरात की वायु सेनाओं के बीच मजबूत संबंधों की पुष्टि होती है।
ये राफेल विमान कल गुजरात के जामनगर एयरबेस पर उतरे। ये लड़ाकू विमान अंबाला में गोल्डन एरो स्क्वाड्रन का हिस्सा होंगे। पहले के 11 राफेल और इस बार के 3 विमान मिलकर कुल 14 राफेल विमान अब अंबाला स्क्वाड्रन का हिस्सा होंगे।
2022 तक आजाएंगे सभी 36 राफेल विमान
पहले जत्थे में पांच राफेल विमान 29 जुलाई 2020 को भारत पहुंचे थे। फ्रांस से करीब चार साल पहले 59,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया गया था। इन विमानों को पिछले साल 10 सितंबर को अंबाला में एक कार्यक्रम में आधिकारिक रूप से भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया। तीन राफेल विमानों का दूसरा जत्था तीन नवंबर को भारत पहुंचा था, जबकि 27 जनवरी 2021 को तीन और विमान वायुसेना में शामिल हुए थे.
जानकारी के लिए बता दें कि भारत और फ़्रांस के बीच कुल 36 राफेल विमानों का समझौता हुआ है। यह समझौता 2016 में हुआ था। भारतीय वायुसेना को राफेल विमान फ़्रांस से 2020 में मिलने शुरू हुए हैं, जो 2022 तक धीरे धीरे मिलेंगे।
राफेल लड़ाकू विमान भारतीय वायुसेना के लिए गेम चेंजर माने जा रहे हैं, क्योंकि इनके आने से भारत को अपने पड़ोसियों के मुकाबले हवाई सैन्य ताकत में बढ़त मिली है। राफेल कितना अभूतपूर्व लड़ाकू विमान है इसका सबूत चीन सीमा विवाद के समय लद्दाख के आसमान में उड़ान भर के दे दिया था।