Aisf के राज्य सम्मेलन में सिवान पहुंचे जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष व सीपीआई नेता कन्हैया कुमार
सिवान (लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। Aisf के 32वें राज्य सम्मेलन में सिवान पहुंचे जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष व सीपीआई नेता कन्हैया कुमार ने महंगाई, बेरोजगारी व सांप्रदायिकता को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया। कन्हैया ने कहा कि हमारी लड़ाई किसी सरकार से इस बात के लिए नहीं है कि आप हमको क्या दे रहें हैं। हमारी लड़ाई इस बात की है कि आप देश को क्या दे रहे है और देश को कहां लेकर जा रहे हैं। कन्हैया ने कहा कि बिहार के लोग आलू जरुर खाते हैं, लेकिन उन्हें बेवकूफ समझने की गलती सरकार ना करे। हमें अपने दिमाग और तर्कशक्ति का प्रयोग करना बहुत ही अच्छे तरीके से आता है।
कन्हैया ने कहा कि मोदी जी मन की बात करते जरूर है लेकिन की जनता की मन की बात कब सुनेंगे मालूम नहीं। शिक्षा की व्यवस्था भी लचर हो गई है। शिक्षा जगत में भेद भाव की जा रहीं है। जबकि एक रिक्शा वाला का बेटा जिस स्कूल में पढ़ता है वहां सरकार में बैठे मंत्री या अमीर लोगो के बच्चे नहीं पढ़ते है। स्कूलों की व्यवस्था दिन पर दिन खराब होती जा जारी है। जेएनयू के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा कि महंगाई दूनी बढ़ गई और समाज में लोगों के बीच वैमनस्यता बढ़ गई।
अदानी-अंबानी की संपत्ति दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ रही है और गरीब दाने-दाने को मोहताज हो रहे है। आज यही है देश के विकास के मायने है। शिक्षा की बात करे तो बिहार में शिक्षा की व्यवस्था डगमग हो गई है। भेद भाव किया जा रहा है। गरीबो को सताया जा जा रहा है। विद्यालय में योग्यता के अनुसार शिक्षकों की बहाली नहीं हुई। जिसके वजह छात्रों का भविष्य अंधेरे में जा रहा है। विश्व गुरु के लिए विश्व ज्ञानी शिक्षक होना भी जरूरी है।
जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा कि गरीबों की थाली से हरि सब्ज़ी गायब है। लेकिन प्रधानमंत्री कहते हैं कि देश तरक्की कर रहा है। उन्होंने सभा में मौजूद जनता से पूछा कि क्या आपको बदलता देश दिख रहा है। क्या युवाओं को रोजगार मिल रहा है। मोदी की नीति से सिर्फ अंबानी और अदानी जैसों को लाभ मिल रहा है न कि गरीबों को। उन्होंने कहा कि आज ग्रेजुएशन, एमबीए और उच्च शिक्षा ग्रहण कर युवा बेरोगार घूम रहे है। हिन्दू मुस्लिम के बीच द्वेष का बीज बोया जा रहा है। कहा मोदी के युग में शिक्षा महंगी हो गई है। ऐसे में गरीब किसान के बच्चे कैसे अच्छी शिक्षा ग्रहण करेंगे।
आइएएस कन्नन गोपीनाथन ने कहा कि हमें अपने आपको प्रजा नहीं बल्कि नागरिक समझना होगा। क्योंकि प्रजा पर हमेसा राजा का हुकूमत चलता है जबकि नागरिक पर किसी का हुकूमत नहीं चलता है। हमे खुद को बदलना होगा। तब जा कर सरकार से बात करनी होगी। अपने हक के लिए सभी को आवाज उठानी चाहिए।
सभा को एआईएसएफ के राष्ट्रीय महासचिव विक्की महेश्वरी ने संबोधित करते हुए नई शिक्षा नीति को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की। कहा कि देश में सरकार शिक्षा के क्षेत्र को बरर्बाद कर रही है। इसके खिलाफ देशभर में छात्रों का व्यापक संर्घष जरूरी है।
एआईएसएफ के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव विजेंद्र केशरी ने कहा कि देश में नरेंद्र मोदी की सरकार सांप्रदायिक राजनीति कर युवाओं को उनके मुद्दे से भटकाने की कोशिश कर रही है। युवाओं को रोजगार के लिए संर्घष करना पड़ रहा है। किसानों को एमएसपी के लिए लड़ना पड़ रहा है। छात्रों को अच्छी शिक्षा व शिक्षा के बाजारीकरण के खिलाफ संघर्ष करना होगा। सभा को एआईएसएफ के प्रदेश अध्यक्ष रंजीत पंडित, राज्य सचिव सुशील कुमार आदि ने प्रमुख रूप से अपने विचार रखे।
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