पटना(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। बिहार को अपने किसानों की प्रगति और उत्पादकता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। बिहार को उन फसलों पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है जो वैज्ञानिक तरीकों से किसानों की उत्पादकता और आय बढ़ा सकें। उक्त बातें नीति आयोग के सदस्य और प्रसिद्ध कृषि अर्थशास्त्री प्रो रमेश चंद ने कही। उन्होंने आगे कहा कि बिहार के सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन में कृषि एक प्रेरक शक्ति हो सकती है । कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए उर्वरकों और रसायनों और जैविक खेती के अत्यधिक उपयोग के बारे में बात करते हुए उन्होंने सतत विकास के लिए एक बीच का रास्ता अपनाने की राय दी।
उन्होंने अपने भाषण के दौरान उल्लेख किया कि किसानों को अपने उत्पाद अर्थात आम, लीची, आलू, मक्का, मछली आदि की बिक्री के लिए एक उपयुक्त विपणन आउटलेट की आवश्यकता है। वे आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय पटना के पाटलिपुत्र स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (पीएसई) द्वारा 17 से 18 दिसंबर, 2021 को आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह में मुख्य भाषण देते दे रहे थे।
संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि बिहार के कृषि विकास की बड़ी चुनौती राज्य की एक स्थलाकृति के प्रबंधन में निहित है जिसमें एक तरफ 59 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि और दूसरी ओर 70 प्रतिशत बाढ़ संभावित भूमि है। उन्होंने यह भी कहा कि नदियों को बचाने के लिए राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति विकसित करने की आवश्यकता है । उन्होंने कहा कि बिहार के साथ दूसरी हरित क्रांति को अपने उपरिकेंद्र के रूप में शुरू करने का समय आ गया है । इसके अलावा, उन्होंने यह तथ्य सामने लाया कि बिहार सरकार के कृषि विभाग को पिछले एक दशक में पांच बार भारत सरकार द्वारा स्थापित कृषि कर्मण पुरस्कार मिला है । उन्होंने कृषि उत्पादकता में वृद्धि और एक तरफ किसानों की आय और दूसरी ओर पर्यावरण और स्वास्थ्य की चिंता के बीच संतुलन बनाने के लिए जैविक खेती को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर दिया ।
संगोष्ठी का स्वर स्थापित करते हुए पाटलिपुत्र स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (पीएसई) के निदेशक प्रो शंकर कुमार भाऊमिक ने सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और श्रोताओं को इस महत्वपूर्ण मोड़ पर संगोष्ठी के महत्व और विषय के बारे में जानकारी दी जब बिहार अपनी आर्थिक विकास गाथा में प्रगति कर रहा है ।
आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय पटना के पाटलिपुत्र स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (पीएसई) ने 17 से 18दिसंबर, 2021 को बिहार में कृषि उत्पादकता और किसानों की आय बढ़ाने पर आयोजित अपने दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी को हरीझंडी दिखाकर रवाना किया। इस कार्यक्रम में बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, नीति आयोग के माननीय सदस्य श्री रमेश चंद और राज्य के वरिष्ठ नौकरशाह सहित अपर मुख्य सचिव और बिहार सरकार के कृषि विभाग के प्रधान सचिव श्री एन सरवण कुमार सहित अन्य उपस्थित थे।
संगोष्ठी का स्वर स्थापित करते हुए पाटलिपुत्र स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (पीएसई) के निदेशक प्रो शंकर कुमार भाऊमिक ने सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और इस महत्वपूर्ण मोड़ पर संगोष्ठी के विषय की प्रासंगिकता की जानकारी दी जब बिहार अपनी आर्थिक विकास गाथा में प्रगति कर रहा है ।
इस अवसर पर बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने भी प्रतिनिधियों को संबोधित किया और बिहार के कृषि मुद्दों का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए राज्य के कौशल उन्नयन और शैक्षिक विकास की प्रासंगिकता पर जोर दिया ।
इसके बाद बिहार सरकार के कृषि विभाग के प्रधान सचिव एन सरवण कुमार ने कृषि उत्पादकता और किसानों की आय में अंतर करने की जरूरत पर प्रकाश डाला, जब बिहार राज्य बड़े बदलाव के दौर में है ताकि इन मुद्दों पर उचित ध्यान दिया जा सके ।
उद्घाटन समारोह में एड्री के निदेशक प्रो एसपी घोष, स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन के निदेशक प्रो इफ्तेखार अहमद, एकेयू, नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक एसयू सुनील कुमार, पटना के एएन सिन्हा संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो D. M दिवाकर और इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लेने वाले चालीस प्रतिनिधि उपस्थित थे।
उद्घाटन समारोह का संचालन दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के डॉ आदित्य मोहंती ने किया और धन्यवाद ज्ञापन सेंटर फॉर रिवर स्टडीज, एकू के समन्वयक साद मोईनी ने दिया।
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