औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। बिहार पंचायत आम निर्वाचन-2021 के दूसरे चरण में औरंगाबाद जिले के नबीनगर प्रखंड में चंद्रगढ़ पंचायत के मुखिया पद की कुर्सी चुनाव प्रचार के अंतिम दिन तक हॉट सीट बनी हुई है।
कारण इस सीट से निवर्तमान मुखिया अमोद चंद्रवंशी लगातार दो चुनावों से जीतते आ रहे है और जीत की हैट्रिक लगाने के लिए वे लगातार तीसरी बार चुनावी जंग में उतरे हुए है।
नबीनगर प्रखंड में पंचायत चुनाव के प्रचार के अंतिम दिन उम्मीदवारों के दमखम को टटोलने के लिए निकली हमारी टीम रामपुर के बाद जब चंद्रगढ़ पहुंची तो अन्य प्रत्याशियों से मिलने से पहले ही हमारी सीधी भिड़ंत मुखिया उम्मीदवार अमोद चंद्रवंशी से हो गई।
चंद्रवंशी जी पूरे दम खम से प्रचार मंडली के साथ जनसंपर्क करते मिल गये। प्रचार के तौर तरीको के लिए उनको दाद भी इस कारण देनी पड़ेगी कि ढ़ोलक चुनाव चिंह मिलते ही दिमाग लगाया की ढ़ोलक लेकर प्रचार में कूद पड़ो ताकि थाप के साथ झाल मंजीरे की धुन और प्रचारको के गीत के बहाने वोटरो के जेहन में उनका चुनाव चिंह ढोलक पूरी तरह दिमाग में बैठ जाए।
लिहाजा ढोलक की थाप और प्रचार मंडली ने ऐसा शमां बांधा कि वोटर खुद ही घर से निकल कर यह देखने में लग गये कि भाई किस प्रत्याशी का प्रचार हो रहा है। इस दौरान हमारी टीम ने वोटरो से भी बाते की।
वोटरों ने सीधे तौर पर तो पत्ते नही खोले पर काफी कुछ ईशारा जरूर कर दिया। वोटरो की बाते सुनने के बाद हमारी टीम ने रुख फिर से चंद्रवंशी जी की ओर किया। चंद्रवंशी जी हाथ जोड़कर और पांव पड़कर लोगो से बाते कर अपने लिए वोट मांगते रहे ।
इसी दौरान उनसे हमारी टीम ने जब बाते की तो चंद्रवंशी जी ने भरपूर आत्मविश्वास के साथ कहा कि उनकी तो चुनावी जीत बिल्कुल पक्की है। आत्मविश्वास से लबरेज होकर जब कोई प्रत्याशी अपनी जीत पक्की होने का दावा करे तो उसी के मुंह से ही कारण उगलवाना उचित जान पड़ता है।
लिहाजा हमने जब चंद्रवंशी जी से सवाल दागा तो उन्होने न केवल अपनी उपलब्धियो को एक एक कर गिना डाला बल्कि पुनः मुखिया पद का चुनाव जीतकर आगे क्या करने वाले है, का भी पूरा खुलासा कर दिया।
फिलहाल तो चंद्रगढ़ पंचायत में निवर्तमान मुखिया और प्रत्याशी अमोद चंद्रवंशी द्वारा पिछले दो कार्यकाल में किए गये कार्यों का जादू तो वोटरो के सर चढ़कर बोलता दिख रहा है और सोमवार को शाम में चुनाव प्रचार भी खत्म हो चुका है।
ऐसे में सच्चाई जाऩने के लिए तो चुनाव परिणाम आने का ही इंतजार करना ही होगा। तबतक कयासो का दौर जारी ही रहने वाला है।