बधोई के बुढ़िया माई मंदिर में नवरात्रि के सातवें दिन हुई देवी सातवें स्वरूप कालरात्रि की पूजा अर्चना

गोह(औरंगाबाद)(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। गोह में नवरात्रि के नवदुर्गा स्वरूप की पूजा अर्चना से पूरा माहौल भक्तिमय बना हुआ है। शुक्रवार को बधोई में बुढ़िया माई मंदिर में चैत्र नवरात्रि की सप्तमी तिथि को मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा अर्चना धूमधाम से की गई।

मान्यता है कि मां का काले स्वरूप के कारण ही इनका नाम कालरात्रि पड़ा। इन्हें तमाम आसुरिक शक्तियों का विनाश करने वाला बताया गया है। कालरात्रि होने के कारण ऐसा विश्वास है कि वे अपने उपासकों को काल से भी बचाती हैं अर्थात् उनकी अकाल मृत्यु नहीं होती। इन्हें सभी सिद्धियों की भी देवी कहा जाता है।

इसलिए सभी तंत्र मंत्र के उपासक इस दिन उनकी विशेष रूप से पूजा करते हैं। उनके नाम के उच्चारण मात्र से ही भूत, प्रेत, राक्षस, दानव और सभी पैशाचिक शक्तियां भाग जाती हैं। माना जाता है कि इस दिन उनकी पूजा करने वाले साधक का मन सहस्रार चक्र में स्थित होता है। उनकी पूजा में गुड़ के भोग का विशेष महत्व है। मान्यता है कि मां कालरात्रि की पूजा करने से भय भूत-पिशाच सहित अन्य बुरी चीजों से छुटकारा मिल जाता है।