औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। वज्रपात, ठनका से होनेवाले मृत्यु से बचाव एवं रोकथाम हेतु कार्ययोजना के कार्यान्वयन को लेकर योजना भवन में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य पारस नाथ राय की अध्यक्षता में एक बैठक संपन्न हुई।
बैठक में जिले में वज्रपात से होने वाली मृत्यु से बचाव एवं रोकथाम पर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में जिलाधिकारी-सह-जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष सौरभ जोरवाल, पुलिस अधीक्षक कांतेश मिश्रा, डीएफओ, अपर समाहर्ता बालगोविंद चैधरी, उप विकास आयुक्त मंजू प्रसाद, सदर एसडीएम, विजयंत, दाउदनगर की एएसडीएम प्रियवर्त, मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, आपदा प्रबंधन शाखा के प्रभारी पदाधिकारी, वरीय उपसमाहर्ता डाॅ. फतेह फैयाज, निरज कुमार सिंह, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वरीय सलाहकार मणिकांत, आपदा प्रबंधन प्रोफेशनल, डीडीएमए, नबीनगर, ओबरा, कुटुम्बा, औरंगाबाद, रफीगंज, बारूण के अंचलाधिकारी, पंचायतों के जनप्रतिनिधिगण, मुखिया तथा सभी लाईन डिर्पाटमेंट के पदाधिकारी उपस्थित थें। बैठक में वज्रपात-ठनका से बचाव हेतु कार्ययोजना के क्रियान्वयन के संबंध में जिलाधिकारी ने कहा कि यह जिला वज्रपात के दृष्टिकोण से अति संवेदनशील है जिसमें मानसून सिजन के अलावा भी वज्रपात की घटनाए हुआ करती है।
इसकी रोकथाम के लिए समाज में जनजागरूकता अति आवश्यक है। इसे लेकर मई से जून माह तक हैंडबिल, पोस्टर, बैनर, नुक्कड नाटक, रथ के परिचालन एवं माईकिंग के द्वारा लोगों के बीच एक मुहिम चलाया जाएगा। इसके लिए राज्य आपदा प्रबंधन विभाग से राशि उपलब्ध एवं आवश्यक सहयोग प्रदान करने की बात कही गई तथा जिले मे हो रहे अगलगी, हिटस्ट्रोक, डूबने की घटनाओं को कैसे न्यून किया जाए इस पर भी चर्चा की गई। साथ ही राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य एवं जिलाधिकारी द्वारा जन प्रतिनिधियों को किसी भी आपदा से बचाव हेतु आगे आने व प्रशासन के साथ मिल कर कार्य करने की अपील की गई। कार्यशाला में वज्रपात से बचाव एवं रोकथाम पर वरीय सलाहकार निरज कुमार सिंह ने पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुतीकरण दी। वही वज्रपात-ठनका सेे बचाव एवं रोकथाम हेतु कार्य योजना पर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मणिकांत द्वारा भी प्रस्तुतिकरण दिया गया। अंत में कार्यशाला का समापन एसडीएम सदर विजयंत द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया।