औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। बिहार राज्य कार्यपालक सेवा संघ के राज्यव्यापी आह्वान पर औरंगाबाद जिलें में लगातार दूसरे दिन भी कार्यपालक सहायकों की हड़ताल जारी रही। साथ ही हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को कार्यपालक सहायकों की एक टीम जिलाध्यक्ष भूपेंद्र ठाकुर के नेतृत्व में पटना में चल रहे राज्यस्तरीय धरना में शामिल होने के लिए रवाना हुई। वही हड़ताली कार्यपालक सहायकों की एक दूसरी टीम प्रभात कुमार के नेतृत्व मेें दानी बीघा में धरना पर बैठी रही। धरना पर बैठनेवालें कार्यपालक सहायकों में दीपक कुमार, रंजीत कुमार सिंह, आशीष कुमार, बलवेंद्र कुमार, वरुण प्रियदर्शी, राजीव रंजन, रोहित कुमार एवं नंदकुमार आदि शामिल है। धरना को संबोधित करते हुए कार्यपालक सहायकों ने कहा कि हमलोगों ने निष्ठापूर्वक कार्य किया है, जिसका परिणाम है कि बिहार के सभी विभागों में समय पर बेहतर तरीके से कार्य हुए हैं। अपने विभागीय कार्य के अलावा जरूरत के अनुसार चुनाव, कोविड-19 समेत अन्य कार्यों में भी कार्यपालक सहायकों को प्रतिनियुक्ति कर कार्य लिया जाता है, पर इसके लिए उचित राशि नहीं दी जाती है। कहा कि सरकार की उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट मंत्रीमंडल द्वारा पारित किए जाने के बाद भी कई विभागों में उसके विपरीत पत्र जारी कर कार्यपालक सहायकों का शोषण किया जा रहा है। कार्यपालक सहायको ने अपनी 8 सूत्री मांगों की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि यदि सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है, तो हम सब उग्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।
वक्ताओं ने स्वास्थ विभाग के कार्यपालक सहायक को वापस कर उर्मिला इंटरप्राइजेज से ऑपरेटर बहाल करने की प्रक्रिया को निंदनीय बताया। कहा कि बेवजह परेशान करने के लिए विभाग द्वारा इस तरह की नीति अपनाई जा रही है। जिले से 24 कार्यपालक सहायक वापस किए गए हैं, जिन्हें 3 माह बीतने के बाद भी अब तक दूसरे विभागों में समायोजित नहीं किया गया है जबकि मंत्रिमंडल में लिए गए निर्णय के अनुसार सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जो पत्र जारी किया गया है, उसमें यह स्पष्ट कहा गया है कि दूसरे विभाग में रिक्ति होने पर कार्यपालक सहायकों का समायोजन किया जाना है। विभागीय अधिकारियों द्वारा मंत्रिमंडल के निर्णय की अवहेलना की जा रही है। कहा कि सरकार बारी-बारी से हम सभी पर आघात करना चाह रही है, पर हम सब चट्टानी एकता की तरह मजबूत है और एक साथ मिलकर लड़ाई लड़ेंगे। जरूरत पड़ने पर न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का भी निर्णय लिया गया। इस मौके पर रूपेश कुमार, प्रभु नंदन कुमार, जितेंद्र कुमार, रोशन कुमार, नवी शेर आलम, पंकज पाठक, भारत भूषण, रंजीत रोशन, कृष्ण मुरारी, संजीत कुमार, बसंत कुमार, संजय, संजीव, मनीष, विनोद, रविंदर, अभिजीत, रुपेश, प्रमोद, राहुल, अविनाश, संजू कुमारी एवं प्रभा कुमारी आदि मौजूद रहे।
हड़ताल से आरटीपीएस समेत विभिन्न विभागों का काम बाधित
कार्यपालक सहायकों के हड़ताल पर जाने से जिले के विभिन्न विभागों का कार्य ठप है। आरटीपीएस, लोक जन शिकायत, बिजली विभाग, कृषि विभाग, जिले के सभी वरीय उप समाहर्ता समेत सभी विभागों का कार्य प्रभावित है। आवासीय, जाति, आय समेत अन्य प्रमाण पत्र बनवाने वाले लोग कार्यालय तक आकर बगैर आवेदन जमा किए वापस लौट रहे है। स्वास्थ विभाग द्वारा बनाया जा रहा गोल्डन कार्ड बनाने का कार्य प्रभावित हो रहा है।
सेवा नियमित व वेतन वृद्धि समेत 8 मांगों को ले चल रही हड़ताल
कार्यपालक सहायकों ने 8 सूत्री मांगों की ओर सरकार एवं प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया है। उनकी मांगों में सभी कार्यपालक सहायकों का सेवा नियमित करने, वेतन वृद्धि, बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी की बैठक में लिए गए निर्णय को निरस्त करने, उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट का पूरी तरह अनुपालन कराने, उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट के आधार पर तत्काल प्रभाव से वापस किए गए कार्यपालक सहायकों को दूसरे विभागों में समायोजित करने, न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता इंटर करते हुए कार्यपालक सहायकों की सेवा सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग अंतर्गत गठित प्रौद्योगिकी संवर्ग में शामिल करने, महिला कार्यपालक सहायकों को विशेष अवकाश देने एवं स्थानांतरण किए जाने पर सरकारीकर्मी के अनुरूप भता देने आदि मांगें शामिल है