-परिवार को सीमित रखने में पुरुषों की सहभागिता भी अत्यंत आवश्यक
कैमूर | केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के कराये गए विभिन्न सर्वेक्षण से यह स्पष्ट है कि महिलाओं का एक बड़ा तबका ऐसा है, जो परिवार को सीमित एवं बच्चों के जन्म में अन्तराल रखना चाहता। साथ ही, ये आबादी किसी भी तरह के गर्भनिरोधकों का प्रयोग नहीं करता है। यही विरोधाभास अनमेट नीड या अपूरित आवश्यकता की श्रेणी में आता है।
दम्पत्तियों की है जिम्मेदारी:
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. जितेन्द्र नाथ सिंह ने बताया दम्पत्तियों को समझने की जरूरत है कि एक या दो बच्चों के जन्म के उपरान्त परिवार को सीमित करना उनके हित में है। छोटा सीमित परिवार भविष्य में खुशियों की कुंजी है। इससे बच्चों का पालन पोषण एवं उनसे जुडी सभी जिम्मेदारियों को निभाने में माता पिता को आसानी होती है। परिवार छोटा व सीमित होने से सामान्यतः माता पिता पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ता एवं वो बच्चों को सुख सुविधा और सुरक्षित भविष्य देने में सक्षम होते हैं। परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थाई साधनों के बारे में समुदाय को जागरूक करने एवं उन्हें अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से जिले में 31 जुलाई तक दंपत्ति संपर्क पखवाड़ा चलाया जा रहा है। इसके अलावा विभिन्न माध्यमों के द्वारा लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है।
परिवार को सीमित रखने में पुरुषों की सहभागिता भी अत्यंत आवश्यक :
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 5(2019-2020) के आंकड़ों के अनुसार कैमूर जिले में अपूरित आवश्यकता कुल जनसंख्या का 3.7 % और महिला नसबंदी का आंकड़ा 44 % है। जिले में पुरुष नसबंदी नहीं के बराबर है और आंकड़ा 0.1 % है। परिवार को सीमित करने का सुगम एवं प्रभावी तरीका है पुरुष अथवा महिला नसबंदी या बंध्याकरण। परिवार को सीमित रखने में पुरुषों की सहभागिता भी अत्यंत आवश्यक है। उन्हें ये समझने की जरूरत है कि परिवार को सीमित रखना सिर्फ महिलाओं का ही कर्त्तव्य या जिम्मेदारी नहीं है। इसमें पुरुष मानसिकता में बदलाव की जरूरत है और दम्पत्तियों को आपसी सामंजस्य से इसमें परिवर्तन लाने की आवश्यकता है।
जागरूकता एवं जनसहभागिता से ही मानसिकता में बदलाव संभव :
डॉ. सिंह ने बताया जागरूकता एवं जनसहभागिता से ही मानसिकता में बदलाव संभव है। शहर से लेकर पंचायत स्तर तक इसपर काम करने की जरूरत है। पुरुषों को ये समझना होगा कि परिवार को सीमित करना एवं परिवार नियोजन अकेले उनकी पत्नियों की जिम्मेदारी नहीं है। स्वस्थ मां स्वस्थ बच्चा का स्वप्न छोटा व सीमित परिवार से ही साकार हो सकता है। छोटा सीमित परिवार की आर्थिक, शारीरिक, सामाजिक एवं मानसिक स्थिति मजबूत होती है।सामजिक उन्मुखीकरण इसमें अहम् भूमिका अदा करता और स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्यरत स्वयंसेवी समूह की भूमिका इसमें अति महत्वपूर्ण है।