आज के समय में महिलाएं , बेटियां, माताएं, सक्षम सहयोगी और अन्य कई भूमिकाओं को बड़ी कुशलता व सौम्यता के साथ निभा रही हैं, लेकिन आज भी दुनिया के कई हिस्सों में उनकी भूमिका को नजरअंदाज किया जाता है। इसके चलते महिलाओं को बड़े पैमाने पर असमानता, उत्पीड़न, वित्तीय निर्भरता और अन्य सामाजिक बुराइयों का खामियाजा भुगतना पड़ता है। सदियों से यह बंधन महिलाओं को पेशेवर व व्यक्तिगत ऊंचाइयों को प्राप्त करने से अवरुद्ध करता रहा हैं। ऐसे में महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए पूरी दुनिया में महिला सशक्तिकरण के लिए ”अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस” मनाया जाता है। इसी क्रम में भारत में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह मनाया जा रहा है, जिसमें 1 से 8 मार्च तक महिला सशक्तिकरण के लिए केंद्र सरकार विभिन्न कार्यक्रम कर रही है।
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के क्रम में ‘प्रतीक सप्ताह’
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय एक से आठ मार्च तक अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सप्ताह मना रहा है। यह आयोजन ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के क्रम में ‘प्रतीक सप्ताह’ के रूप में मनाया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के सप्ताह भर चलने वाले समारोह के अंग के रूप में मंत्रालय ने विभिन्न कार्यक्रमों की योजना बनाई है और महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण से जुड़े विभिन्न विषयों पर सोशल मीडिया अभियान चलाने की रूपरेखा तैयार की है। कार्यक्रमों का आयोजन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों तथा विशेषज्ञों के सहयोग से किया जा रहा है, जिनमें महिलाओं, बच्चों और उनकी सुरक्षा और सशक्तिकरण से सीधे जुड़े व्यक्तियों की भागीदारी की योजना बनाई गई है।
पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के सहयोग से की गई शुरूआत
समारोह के दौरान एक मार्च को पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के सहयोग से इसकी शुरुआत की गई, जिसमें महिलाओं की सुरक्षा और रक्षा के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कार्य किया गया। इसी दिन राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने अपना स्थापना दिवस भी मनाया। इस कार्यक्रम का मुख्य केंद्र बच्चे रहे। बच्चों द्वारा एक प्रदर्शनी भी लगाई गई और बच्चों को लाल किले का भ्रमण भी करवाया गया।
संकट ग्रस्त महिलाओं के समर्थन के लिए ‘वन स्टॉप’ केंद्र
वहीं दो मार्च को कार्यक्रम का मुख्य विषय संकट ग्रस्त महिलाओं के समर्थन के लिये ‘वन स्टॉप’ केंद्रों की भूमिका रहा। निमहांस, बेंगलुरु के सहयोग से मंत्रालय स्त्री मनोरक्षा परियोजना का शुभारंभ किया गया। इस परियोजना के तहत मनोवैज्ञानिक आरोग्य पर जोर दिया जाएगा और इसका लक्ष्य भारत में महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाना होगा। ओएससी परामर्शदाताओं के लिए एक उन्नत प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का भी इस दौरान शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम के बाद महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त उपक्रम के रूप में ‘वन स्टॉप’ केंद्रों के क्षमता निर्माण पर विचार-सम्मेलन के आयोजन की रूपरेखा तय की गई।
‘विमेन ऑफ टूमॉरो’ विषय पर समारोह
तीन मार्च को ‘विमेन ऑफ टूमॉरो’ विषय पर समारोह किया गया। इस दौरान “यंग विमेन इन स्टेम–अपॉरट्यूनिटीज, चैलेंजेस एंड सॉल्यूशंस” जैसे विषयों पर पैनल चर्चा की गई। इसके बाद महिला एवं बाल विकास मंत्री के साथ वित्तीय साक्षरता पर “नारी शक्ति वार्ता–फायरसाइड चैट” का आयोजन किया गया।
जनजातीय क्षेत्रों की महिलाओं के वृत्तांतों को किया जाएगा रेखांकित
वहीं 4 और 5 मार्च को बाल अधिकार संरक्षण राज्य आयोगों के साथ दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन की रूपरेखा तैयार की गई, जिसमें बाल अधिकार से जुड़ सम-सामयिक विषयों पर चर्चा होगी। इसके साथ ही ऑनलाइन सोशल मीडिया गतिविधि भी चलाई जाएगी, जिसमें जनजातीय क्षेत्रों और आकांक्षी जिलों के महिलाओं के वृत्तांतों को रेखांकित किया जाएगा।
‘बैक टू स्कूल’ अभियान
7 मार्च, 2022 को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और यूनिसेफ इंडिया मिलकर ‘बैक टू स्कूल’ अभियान की शुरुआत करेगा। यह आयोजन ‘कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव’ के क्रम में किया जाएगा और स्कूल बीच में छोड़ देने वाली लड़कियों को समर्थन देने का विषय इसके केंद्र में रहेगा।
देशभर में लैंगिक समानता की दिशा में आगे बढ़ाए जाएंगे कदम
अंतिम दिन, यानी आठ मार्च, 2022 को दो प्रमुख आयोजन होंगे–नारी शक्ति पुरस्कार और महिला पुलिस प्रतिनिधियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सम्मेलन। इसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की महिला पुलिस हिस्सा लेंगी। इस कार्यक्रम में महिलाओं के असाधारण कार्यों के बारे में बताया जाएगा तथा इसके जरिए विभिन्न वर्गों के श्रोता एक संयुक्त बल के रूप में एक साथ आने में सक्षम होंगे, ताकि देशभर में लैंगिक समानता की दिशा में आगे बढ़ा जाए।
‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ सप्ताह समारोह लैंगिक समानता, बराबरी और महिला सशक्तिकरण के ध्येय को प्राप्त करने की दिशा में की गई प्रगति का समारोह है। इस दौरान लैंगिक समानता की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाने तथा उपलब्धियां प्राप्त करने के महत्त्वपूर्ण प्रयासों को भी पेश किया जाएगा।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम:
- बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना
- वन स्टॉप सेंटर योजना
- महिला हेल्पलाइन योजना
- उज्जवला : अवैध व्यापार की रोकथाम और अवैध व्यापार और वाणिज्यिक यौन शोषण के पीड़ितों के बचाव, पुनर्वास और पुन: एकीकरण के लिए एक व्यापक योजना
- कामकाजी महिला छात्रावास
- मंत्रालय ने उज्ज्वला योजना के तहत नई परियोजनाओं को मंजूरी दी और मौजूदा परियोजनाओं को जारी रखा
- स्वाधार गृह (कठिन परिस्थितियों में महिलाओं के लिए एक योजना)
- नारी शक्ति पुरस्कार
- स्त्री शक्ति पुरस्कार, 2014 के पुरस्कार विजेता और नारी शक्ति पुरस्कार के पुरस्कार विजेता
- राज्य महिला सम्मान और जिला महिला सम्मान के पुरस्कार विजेता
- महिला शक्ति केंद्र (एमएसके)
- निर्भय
- महिला पुलिस स्वयंसेवक