….जब सरकारी स्कूल की जांच करने पहुंच गया बीइओ साहब का ड्राइवर, फिर हुआ क्या? देखे-वायरल वीडियो

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। सरकारी विभागों में यह ट्रेंड आम है कि अधिकारियों के आजू-बाजू रहनेवाले मातहत चाहे वह ड्राइवर ही क्यो न हो, खुद को साहब ही समझा करते है। यही वजह है कि ये मातहत भी उस अधिकारी के स्टाइल में ही छोटे कर्मियों को धमकाया करते है।

ऐसा ही एक वाकया औरंगाबाद के देव प्रखंड के दधपा में हुआ है। दधपा गांव के सरकारी मिडिल स्कूल की जांच करने वहां के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी(बीइओ) के बदले उनका ड्राइवर ही पहुंच गया। फिर जो हुआ वह आपकी कल्पना से इस कारण विपरीत रहा क्योकि शायद शिक्षकों को यह पता था कि बीइओ का ड्राइवर साहब के बदले स्कूलो की जांच करने पहुंच जाया करता है और शिक्षकों को धमकाता है। ऐसे में जब देव के बीइओ साहब का ड्राइवर जब दधपा मिडिल स्कूल पहुंचा तो एक शिक्षक ने उसका वीडियो बनाते हुए उसे जमकर खरी खोटी सुनाई। नतीजा यह हुआ कि ड्राइवर ने उल्टे पांव स्कूल से निकल लेने में ही अपनी भलाई समझी।

हालांकि जाते-जाते ड्राइवर ने शिक्षक पर यह कहते हुए धौंस जमाने का कोशिश किया कि जांच करने नही बल्कि साहब के ही आदेश पर वह स्कूल की फोटो खींचने आया है। वीडियो में शिक्षक की आवाज आ रही है कि यही ड्राइवर स्कूलो में जाकर जांच के नाम पर धमकाता है। ड्राइवर की करतूत का शिक्षक द्वारा बनाया गया यही वीडियो अब वायरल हो गया है। वीडियो को जमकर देखा और शेयर किया जा रहा है। वीडियो लगातार तेजी से और ज्यादा वायरल हो रहा है। वीडियो को देखकर लोग यह भी कह रहे है कि बीइओ ने ड्राइवर नही दलाल बहाल कर रखा है और यही दलाल ड्राइवर शिक्षकों को धमका कर वसूली किया करता है। हालांकि हम इस वायरल वीडियो की पुष्टि नही करते है।

दावें के साथ हम यह भी नही कह सकते है कि वीडियो कब का है लेकिन कहा जा रहा है कि यह वीडियो शनिवार यानी 4 मार्च का है और उसी दिन यह ड्राइवर दधपा के मिडिल स्कूल की जांच करने पहुंचा था। इसी दौरान शिक्षक ने न केवल वीडियो बनाने की दिलेरी दिखाई और उसे भागने पर मजबूर कर दिया। फिलहाल न वीडियो बनानेवाले शिक्षक और न ही वीडियो में दिख रहे चालक के नाम का पता भी नही चल पाया है। ऐसे में इतना तो कहा ही जा सकता है कि भला हो देव के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और उनके विभाग का, जिन्होने इस तरह की करतूतो को अंजाम देने वाले ड्राइवर बहाल कर रखे है। वैसे इस तरह का कारनामा बेहद निंदनीय है और हम भी इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते है। इस तरह की कारगुजारियां शिक्षा विभाग की पोल ही नही खोलती बल्कि पूरे शिक्षा महकमे को भी शर्मसार करती है। इसी वजह से हमने देव के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी(बीइओ) विनय शंकर दूबे से बात करने की कोशिश की। प्रयास करने पर हमे दो नंबर मिले। इनमे पहले नंबर +919162787871 पर जब संपर्क किया तो आवाज आने लगी कि इस नंबर पर इनकमिंग कॉल की सुविधा उपलब्ध नही है। वही दूसरे नंबर +918544411040 पर जब संपर्क किया तो पहले तो यह नंबर लगातार लंबे समय तक इंगेज बताता रहा। बाद में जब रिंग होने लगा तो कई बार कॉल करने के बावजूद साहब ने कॉल रिसीव करना मुनासिब नही समझा। इस कारण बीइओ का पक्ष नही लिया जा सका। हमे अभी भी उनके पक्ष की प्रतीक्षा है और उनसे संपर्क करने की कोशिश जारी है ताकि वायरल वीडियो की सच्चाई सामने आ सके। हालांकि लगातार कॉल रिसीव नही करने का यह संदेश भी जा रहा है कि दाल में कही कुछ काला जरूर है या पूरी दाल ही काली है, जिसका उजागर होना जरूरी है और यह देर सबेर उजागर होकर ही रहेगी।