औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज़ 18 )। दाउदनगर में आयोजित चुनावी सभा में बिहार के निवर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना संक्रमण के बीच पहली बार विधानसभा चुनाव होने की चर्चा करते हुए लोगो सचेत रहते हुए कोरोना से नही डरने की नसीहत दी पर उनकी नसीहत के बावजूद उनकी सभा में उमड़ी भीड़ सचेत होने के बगैर बेपरवाह तौर पर कोरोना से निडर नजर आई। यह स्थिति तब है जब पूरे देश की नजर कोरोना काल में बिहार में हो रहे इस चुनाव पर टिकी है। पूरे विश्व में कोरोना संकट के दौरान बिहार में सबसे पहला चुनाव हो रहा है। ऐसे में स्वाभाविक है कि हर लोग इस पर नजर गड़ाए बैठे हैं कि कोरोना में आखिर कैसे चुनाव हो रहा है। वैसे भी इस बार का विधानसभा चुनाव काफी कुछ बदला रहने वाला है। मतदान केंद्र पर मास्क लगाकर जाना है। सैनिटाइज की सुविधा से लेकर शारीरिक दूरी का पूरा ख्याल रखने के दिशा-निर्देश का पालन करना है, पर इसका कितना ख्याल रखा जाएगा। यह तो 28 अक्टूबर को ही पता चलेगा लेकिन इसके पहले ही शुक्रवार को निवर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दाउदनगर में आयोजित औरंगाबाद जिले में जदयू की पहली बड़ी चुनावी सभा में जहां एक ओर सीएम कोरोना से सचेत रहते हुए नही डरने की बात कर रहे थे, वही दूसरी ओर कोरोना से बेखौफ हजारों की संख्या में लोग लापरवाही बरतते हुए बिना मास्क लगाए नीतीश कुमार को सुन रहे थे। सभा में मौजूद किसी व्यक्ति के पास मास्क के जगह पर यदि गमछा भी था तो वह कंधें की शोभा बढ़ा रहा था। सभा में शारीरिक दूरी की तो बात ही छोड़िए, लोग आजू-बाजू सभा में बैठे थे। मतलब सभा में सोशल-फिजिकल डिस्टेंस का तनिक भी ख्याल नहीं रखा गया और इसकी धज्जियां उड़ती नजर आई। ऐसे में आने वाला वक्त बतायेगा कि चुनाव सभाओं में मास्क का प्रयोग नही होने और सोशल-फिजिकल डिस्टेंस का पालन नही होने का क्या दुष्परिणाम सामने आयेगा