औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। इन लोगो के स्मार्ट फोन यानी मोबाइल गुम हो गये थे। गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराकर ये लोग चुप हो गये थे। इन्हे सपने में भी यह उम्मीद नही थी कि उन्हे उनके चोरी गये या गुम हो गये मोबाइल कभी मिलेंगे भी लेकिन जब इन्हे पुलिस महकमे से यह इतला दी गयी कि उनके मोबाइल मिल गये है और स्वामित्व का प्रमाण लेकर पुलिस ऑफिस में मौजूद हो तो उनकी आंखों में उम्मीद की किरणें जवां हो गयी।
ये लोग मोबाइल के स्वामित्व के कागजात लेकर सोमवार को औरंगाबाद के पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे। कार्यालय में मे गुम हुए मोबाइल के स्वामित्व का कागजात जमा किया। अपने आइडी प्रूफ जमा किए। एक-एक कर सबके कागजातों को वेरिफाई किया गया। सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कुल 25 लोगो को उनके गुम हुए मोबाइल दिए गये। खुद पुलिस कप्तान स्वपना गौतम मेश्राम ने अपने हाथों से उन्हे उनके गुम हुए मोबाइल प्रदान किए। हाथों में अपना गुम हुआ मोबाइल पाते ही उनका चेहरा देखने लायक था। सबके चेहरों पर अजीब सी खुशी थी। सभी ने खुशी में पुलिस को थैंक्यू कहा क्योकि उन्हे उनका गुम हुआ वह मोबाइल जो मिल गया था, जिसके मिलने की उम्मीद उन्होने छोड़ दी थी।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि औरंगाबाद जिले में मोबाइल फोन की गुमशुदगी की घटनाओं को देखते हुए पुलिस की एक विशेष टीम गठित की गयी थी। टीम ने सभी थाना एवं ओपी में दर्ज मोबाइल गुम होने की घटनाओं की जानकारी एकत्रित की। मामलो का वैज्ञानिक एवं तकनीकी अनुसंधान किया। इसके जरिए मोबाइल का वर्त्तमान लोकेशन ट्रैक किया। फिर छापेमारी की। छापेमारी में मार्च 2023 में कुल 25 मोबाइल बरामद किए गए। इसके बाद जांच के क्रम में बरामद मोबाइल के वास्तविक धारक को सूचित किया गया। स्वामित्व सत्यापन के बाद सोमवार को वास्तविक धारकों को वैध कागजात के आधार पर उनके मोबाइल सुपुर्द किए गये। कहा कि आगे और भी तलाश जारी रहेगा। इस कार्य से जनता का औरंगाबाद पुलिस के प्रति विश्वास उत्पन्न होगा। विशेष टीम में जिला आसूचना इकाई के पुलिस अवर निरीक्षक सुशील कुमार शर्मा, सभी पुलिस निरीक्षक सह थानाध्यक्ष, सभी थानाध्यक्ष, ओपी प्रभारी एवं जिला आसूचना इकाई के सभी सदस्य शामिल रहे।