नई दिल्ली। देश में सभी लोगों तक वैक्सीन पहुंचे इसके लिए अब राज्य कोरोना वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर जारी करने पर विचार बना रहे हैं। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, ओडिशा, कर्नाटक, उत्तराखंड, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र शामिल हैं। चूंकि, कोविड-19 वैक्सीन के मामले में भारत दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक है। इसलिए जो भी वैक्सीन बनाने वाली कंपनी यहां कारोबार करेगी उसे फायदा मिलेगा।
बता दें, उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले ही वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर जारी कर दिया है। 21 मई, इस टेंडर को भरने की आखिरी तारीख घोषित की गई है। उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन की तरफ से 4 करोड़ वैक्सीन डोज के लिए ये टेंडर जारी किया गया है। इसके साथ, यूपी सरकार पहले ही भारत बॉयोटेक और सीरम इंस्टिट्यूट दोनों को 50-50 लाख का आर्डर दे चुकी है।
क्या होता है ग्लोबल टेंडर?
कोई भी देश या राज्य दुनिया भर की कंपनियों के लिए ग्टेंडर जारी करता है। इसी को हम ग्लोबल टेंडर कहते हैं। ये टेंडर इससे जुड़ा विभाग अपनी बेवसाइट पर या किसी प्रतिष्ठित राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मीडिया के द्वारा जारी करता है। इसके साथ ही इसे ग्लोबल टेंडर से जुड़ी कई दूसरी वेबसाइट्स पर भी जारी किया जाता है। कोई भी ग्लोबल टेंडर जारी करने का सबसे बड़ा कारण होता है किसी भी सामान की खरीद की प्रक्रिया पारदर्शी बनें और इसमें सभी को मौका दिया जा सके। इस पूरे प्रोसेस में अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को भी आमंत्रित किया जाता है जहां वह उत्पाद की सप्लाई के लिए बोली या बिड लगाती हैं। इसके बाद जिस भी कंपनी की बोली (बिड) टेंडर जारी करने वाले देश या राज्य को सबसे किफायती लगती है, उसे इसका ऑर्डर दे दिया जाता है।
राज्य चाहते थे फ्लेक्सिबिलिटी इसलिए बनाई गई नई पॉलिसी
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी. के पॉल ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वैक्सीनेशन को लेकर जो नई पॉलिसी बनी, वह इसलिए बनी क्योंकि राज्य चाहते थे कि कुछ फ्लेक्सिबिलिटी मिले और वह खुद कुछ फैसले करें। हमनें उनके साथ मिलकर इस फैसले को माना और आगे बढ़ने का एक रास्ता तय किया। यह भी मांग थी कि प्राइवेट सेक्टर में भी वैक्सीन उपलब्ध हो। उन्होंने कहा, “कोई भी वैक्सीन जो डब्ल्यूएचओ, एफडीए द्वारा अप्रूव्ड है वह आ सकती है, उन्हें इंपोर्ट लाइसेंस 2 दिन में मिल जाएगा। किसने कहा कि रोका गया है? बिल्कुल नहीं। कोई भी इम्पोर्ट नहीं रोका गया है। यह उन्हें देखना है कि कब सप्लाई करना है। हमें इस रास्ते पर मिलकर चलना है।”