औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। पूर्व मंत्री सह राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष डाॅ. सुरेश पासवान ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा फ्री वैक्सीन देने का एलान सुप्रीम कोर्ट के दबाव में लिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा वैक्सीन नीति को ही अव्यवहारिक करार देते हुए केन्द्र सरकार से वैक्सीन खरीद और वितरण से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी फाइलों में देने को कहा था। इसी का परिणाम है कि मोदी सरकार को अपनी गलती को स्वीकार करते हुए यू टर्न लेते हुए 75 प्रतिषत वैक्सीन खरीद करने का एलान करना पड़ा और राज्यों को सेंट्रलाइज्ड तौर पर आपूर्ति करने की घोषणा भी करनी पड़ी। गैर एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के द्वारा शुरू से किया जा रहा था कि केन्द्र सरकार वैक्सीन खरीद कर राज्यों को आपूर्ति करे, जिसको मोदी जी द्वारा लगातार अनसुना किया जा रहा था।
कहा कि आपदा में कभी भी भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए खासकर तब जब इंसान का जीवन बचाने का नौबत आए तो, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लगतार गैर एनडीए राज्यों के नागरिकों के साथ इस कोरोना के जंग में भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा था। कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट को सैल्यूट करता हूं कि देश के आम आवाम की चिंता करते हुए केंद्र सरकार को वैक्सीन नीति में बदलाव करने के लिए बाध्य होना पड़ा। जहां तक अस्सी करोड़ लोगों को नवंबर तक मुफ्त राशन देने का जो एलान किया गया है, वह भी फुड सिक्युरिटी एक्ट के द्वारा मिलने वाला अधिकार के तहत किया गया है। चूंकि केंद सरकार के द्वारा कोरोना के खिलाफ जंग में घोर लापारवाही के चलते देश में रोजगार के अवसर पूर्णतः ठप हो गए हैं। ऐसे में भोजन के अधिकार के तहत देश के खजाने पर पहला अधिकार गरीबों का है। इसके तहत गरीबों को नवंबर तक मुफ्त राशन देने घोषणा करना पड़ा।