नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) को साल 2015 में लॉन्च किया गया था। तब से लेकर अब तक देश में 1.37 करोड़ युवाओं को नि:शुल्क कौशल प्रशिक्षण मिल चुका है और आज यही युवा उभरते भारत की पहचान बन चुके हैं। पीएम मोदी ने राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन का शुभारंभ करने के अवसर पर स्किल इंडिया के बारे में अपना विजन व्यक्त करते हुए कहा था कि ”उनकी सरकार ने गरीबी के विरुद्ध युद्ध घोषित किया है और इसमें जीत के लिए प्रतिबद्ध है। प्रत्येक गरीब और वंचित युवा इस युद्ध में एक सिपाही है।” उनकी यह बात भी सही है कि नई पीढ़ी का कौशल विकास राष्ट्रीय आवश्यकता और आत्मनिर्भर भारत की बुनियाद है, क्योंकि यही पीढ़ी हमारे गणराज्य को 75 वर्ष से 100 वर्ष तक ले जाएगी। यह देखते हुए कि अगले दशक में भारत में 4-5 करोड़ से भी अधिक मानव शक्ति की अतिरिक्त उपलब्धता होगी, पीएम मोदी ने इस युवा मानव शक्ति को वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए कौशल और योग्यता उपलब्ध कराने की जरूरत पर जोर दिया और इस बारे में सावधान किया कि ऐसा न होने पर यह जनसांख्यिकीय लाभ अपने आप में एक चुनौती बन जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर 20वीं सदी ने भारत के अग्रणीय तकनीकी संस्थानों- आईआईटी को वैश्विक नाम अर्जित करते देखा है तो 21वीं शताब्दी के लिए यह अपेक्षित है कि आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) गुणवत्ता युक्त कुशल मानव शक्ति तैयार करने के लिए वैश्विक मान्यता अर्जित करे।
भारत को विश्व का स्किल कैपिटल बनाने की दिशा में पहल
इसी क्रम में भारत ने बीते 7 साल में काफी सुधार किया है। सरकार ने इस छोटी सी अवधि के भीतर भारत को विश्व का स्किल कैपिटल बनाने की दिशा में पहल की। इसके लिए भारत सरकार ने लघु अवधि की ट्रेनिंग शुरू की। इसके तहत अभी तक 67 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण मिल चुका है। वहीं सरकार द्वारा स्पेशल प्रोजेक्ट भी चलाए जा रहे हैं, इनके तहत 3 लाख उम्मीदवारों को प्रशिक्षण मिला है। हर साल 1 करोड़ से अधिक युवाओं को कौशल प्रशिक्षण मिल रहा है। वहीं सरकार द्वारा 40 से अधिक कौशल विकास योजनाएं लागू की गई हैं। देश का कोई हिस्सा पीछे न रह जाए इसके मद्देनजर देश के हर जिले को कवर करते हुए 700 प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं।
देश में कौशल प्रशिक्षण के और अधिक अवसर
”स्किल इंडिया मिशन” के तहत, भारत सरकार देश के युवाओं को अत्याधुनिक कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर सुनिश्चित कर रही है। पीएम मोदी के नेतृत्व में बनी केंद्र सरकार के प्रयासों से बीते 8 साल में देश में कौशल प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के दिशा में कौशल औधोगिक प्रशिक्षण केंद्रों (ITI) में करीब 24 % की वृद्धि की गई है। साल 2014 में जहां 11,847 आईटीआई हुआ करती थीं वहीं 2022 में इनकी संख्या बढ़कर 14,747 हो गई है। केवल इतना ही नहीं 2018 से अब तक इन आईटीआई में 4 लाख से भी ज्यादा सीटें जोड़ी जा चुकी हैं। इस तरह भारत सरकार देश में कौशल प्रशिक्षण को गति प्रदान कर रही है।
अप्रेंटिसशिप सुधारों के जरिए रोजगार को बढ़ावा
राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के तहत अप्रेंटिसशिप के अवसरों से भी देश के युवाओं के कौशल में बढ़ावा मिला है। इसके लिए केंद्र सरकार ने 2016 में राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (NAPS) की शुरुआत की। अप्रेंटिसशिप प्रदान करने वाले 28 हजार से भी ज्यादा प्रतिष्ठान देश में कौशल प्रशिक्षण को बढ़ावा दे रहे हैं। अप्रेंटिसशिप नियम 1992 में सुधार के परिणामस्वरूप प्रशिक्षुओं के नामांकन में भी वृद्धि दर्ज की गई है जिसके तहत अभी तक विभिन्न उद्योगों से 12 लाख से अधिक प्रशिक्षुओं को भी जोड़ा जा चुका है। सरकार द्वारा अप्रेंटिसशिप प्रदान करने वाले संस्थानों को वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा रही है।
स्किल और अपस्किलिंग के माध्यम से पारंपरिक कौशल को बढ़ावा
बाजार की जरूरतों के मुताबिक प्रासंगिक कौशलों की पहचान कर ग्रामीण क्षेत्रों में व्यावसायिक प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार ने ‘जन शिक्षण संस्थान’ खोले। इन संस्थानों में आज स्किल और अपस्किलिंग के माध्यम से पारंपरिक कौशल को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे गैर साक्षर और नव साक्षरों को कौशल प्रशिक्षण व 8वीं कक्षा तक के उम्मीदवार व 12वीं कक्षा तक के ड्रॉपआउट को भी Skills सिखाई जाएंगी ताकि वह जीविकोपार्जन कर अपने परिवार का और अपना पेट भर सकें। यहां पर एससी, एसटी, दिव्यांगों और बीपीएल धारकों को नि:शुल्क प्रशिक्षण मुहैया कराया जाता है। बता दें देशभर में ऐसे 300 से भी अधिक जन शिक्षण संस्थान काम कर रहे हैं जहां से प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षुओं में अभी तक 85% महिलाएं, 28% एससी और 13% एसटी शामिल हैं। पूर्व शिक्षा को मान्यता प्रदान कर असंगठित क्षेत्र में 65 लाख लोगों का री-स्किल और अप-स्किल किया गया है।
उज्ज्वल भविष्य के लिए युवाओं के कौशल का विकास
भारत सरकार उज्ज्वल भविष्य के लिए युवाओं के कौशल के विकास हेतु स्कूली शिक्षा के तौर-तरीकों में व्यापक बदलाव कर रही है। इस कड़ी में सरकार देश में नई शिक्षा नीति (NEP) लेकर आई। ‘NEP 2020’ में कौशल आधारित शिक्षा और प्रशिक्षण पर काफी जोर दिया गया है। इसी को मूल आधार बनाते हुए साल 2025 तक कम से कम 50 प्रतिशत छात्रों को व्यावसायिक कौशल प्रदान किया जाएगा। 9,500 अटल टिंकरिंग लैब्स से युवाओं में जिज्ञासा रचनात्मकता और कल्पनाशीलता को बढ़ावा मिलेगा। आज 75 लाख से अधिक छात्र इसी के तहत सक्रिय रूप से नवीन कौशल सीखने में जुटे हैं। नई शिक्षा नीति और अटल टिंकरिंग लैब्स जैसी पहलों के माध्यम से, सरकार नवाचार आधारित भविष्य के लिए युवाओं में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा दे रही है। याद हो, पीएम मोदी ने कहा था कि भारत विश्व के लिए कुशल कार्यबल उपलब्ध कराने वाला विश्व का सबसे बड़ा देश बन सकता है। भारत सरकार के इन तमाम प्रयासों और देश के युवाओं की मेहनत से साफ होता है कि देश इसी दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
सोर्स- PBNS
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