देवकुंड में निकला अनोखा शिव बारात, भूत-प्रेत-पिशाच रहे बाराती

गोह(औरंगाबाद)(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। गोह के देवकुंड मठ के तत्वावधान में मंगलवार को देर रात महाशिवरात्रि पर शिव बारात निकाली गई।

बारात का दर्शन करने के लिए देवकुंड नगरी में जनसैलाब उमड़ पड़ा। जिन-जिन मार्गो से होकर बारात गुजरी, उन मार्गो में दोनों ओर भक्त खड़े दिखे। बारात में आगे-आगे सुशोभित रथ, घोड़े, हाथी उंट के साथ शोभा ऐसी लग रही थी कि मानो देवलोक का नजारा हो। डीजे व बैड बाजा पर थिरकते हुए श्रद्धालु चल रहे थे। इनके पीछे छऊ नृत्य करते कलाकार और शिवलिंग का प्रारूप, तासा पार्टी, बैंड पार्टी और घुड़सवार चल रहे थे। साथ ही जीवंत झांकी भी चल रही थी। झांकी के बीच मंडली के भजन गायक और बाराती भी नाचते-झूमते चल रहे थे।

च्यवनाश्रम पीठ के महंथ कन्हैयानंद पुरी के नेतृत्व में बारात मठ से निकलकर पूरे देवकुंड नगरी का भ्रमण करती हुई नोरंगा गांव से लौटकर बाबा दुधेश्वरनाथ मंदिर परिसर में पहुची। यहां भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह का आयोजन किया गया। विद्वान पंडित ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विवाह की रस्म अदा की। शिव बारात में आशीर्वाद की मुद्रा में भगवान भोले शंकर की प्रतिमा, शंकर और ब्रह्माजी, बग्धी पर सवार भोले बाबा, कल्प वृक्ष, स्वर्ग पर मां दुर्गा और अन्य देवता, शिवलिंग के पास विराजमान यमराज और श्रीकृष्ण और युवकों की टोली की जीवंत झांकियां शामिल थीं। भूत-प्रेत, पिशाच और संतों के वेश में बच्चे भी शामिल थे। इसके अलावा शिवलिंग का प्रारूप भक्तों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा था। जगह-जगह विभिन्न धार्मिक संगठन और व्यवसायियों ने पुष्प वर्षा कर भगवान शिव की बारात का स्वागत किया। साथ ही उनके बीच पेयजल, शरबत, फल और टॉफी आदि का वितरण किया। शिव बारात निकालने की जिम्मेवारी जिन लोगों के कंधों पर थी, उन्होंने पूरी जिमेवारी के साथ इसे संपन्न कराया।

रथ पर सवार होकर निकले थे दूल्हा शिव-

दूल्हे के वेश में रथ पर सवार होकर शिवजी बारात में निकले। बारात में ब्रहा-विष्णु, सूर्य-चंद्रमा, शिवगण वीरभद्र, नंदी के साथ ही तमाम देवता, राजा-महाराजा और ऋषि-मुनियों के साथ ही भूत-पिशाचों की सेना थी। दूल्हा बने भोलेनाथ का जगह-जगह आरती उतारकर और पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। देवकुंड नगरी के गणमान्य लोग भी बाराती के तौर पर साथ-साथ चल रहे थे। पूरे रास्ते भूत-पिशाच राहगीरों को अपनी हरकतों से डराने का प्रयास करते रहे। बारात देर रात लगभग 11 बजे बाबा दुधेश्वरनाथ मंदिर परिसर पहुंची। शिव बारात की अगवानी की गई और फिर भोलेनाथ के विवाह की रस्म निभाई गई।

बच्चो, युवाओ के साथ बुजुर्ग भी थिरके शिव बारात में-

देवकुंड में शिव बारात के दौरान बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी नाचते दिखे। इस अवसर पर शिव और पार्वती के स्वरूप ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई। देवकुंड में मठ की ओर से हर साल महाशिवरात्रि पर शिव बारात का आयोजन किया जाता है। इस बार भी शिव बारात की शुरूआत देर शाम मठ से हुई। इसके बाद जैसे-जैसे बारात आगे बढ़ती गई स्वागत का सिलसिला भी बढ़ता गया। सभी बाराती साथ में चल रहे डीजे से निकल रहे शिव भजनों पर थिरकते हुए चल रहे थे। भांग मिले दूध से तो किसी ने चाय पिलाकर बारातियों का स्वागत किया।