औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद के कुटुम्बा प्रखंड के कझपा में 55 एकड़ में फैले सरकारी कृषि फार्म बीज गुणन प्रक्षेत्र में खेती के नाम पर घोटाले की खेती करने के आरोपी तेलहारा पंचायत के कृषि समन्वयक आशुतोष कुमार उर्फ टनटन सिंह ने कईयों को चूना लगाया है। उसने कई किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर हजारों की ठगी की है।
ठगी के शिकार लोगो ने इसे लेकर अम्बा थानाध्यक्ष को एक शिकायत आवेदन भी दिया है। शिकायत में पीड़ित निरंजनपुर निवासी सुदेश्वर सिंह, संजय कुमार सिंह, बिंदु कुमार, रामस्वरुप यादव, अभिनय कुमार, अभिमन्यु कुमार, सुशीला देवी, शंकर पाल, अनीता कुंवर, बिंदा देवी, कृष्णा सिंह, सुरेश प्रसाद यादव एवं दीपक कुमार ने कहा है कि तेलहारा के कृषि समन्वयक आशुतोष कुमार उर्फ टनटन सिंह हमारे गांव निरंजनपुर में फरवरी 2020 में आए और किसानों से कहा कि सुखाड़ का पैसा मिल रहा है। आपलोग प्रति फार्म एक हजार रूपये दे दे। सुखाड़ का पैसा खाता में डलवा देंगे। प्रति फार्म एक हजार नहीं देंगे तो सुखाड़ का पैसा नहीं मिलेगा क्योंकि तीन-तीन पंचायत के किसानों का फार्म एक साथ ऑनलाइन हम नहीं कर सकते हैं। प्रति फार्म खर्चा जमा करने पर सरकार से सुखाड़ का पैसा मिलेगा, इसका गारंटी है। गांव के 10 किसानों ने आपस में पैसा जमा किया और आशुतोष कुमार को दस हजार रूपये और दस फार्म दे दिया।
बाद में अम्बा बजार में मिलने पर कृषि कोऑर्डिनेटर ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का भी ऑनलाइन हो रहा है, जिसमें किसानों को साल में तीन बार दो हजार रूपये यानी छः हजार रूपये प्रति वर्ष मिलता रहेगा। इसके लिए भी प्रति किसान एक हजार रूपये देना पड़ेगा, जो पैसा देगा उसको हम करवा देंगे। कहा कि पैसा लेना मजबुरी है क्योंकि प्रखंड से लेकर जिला तक खर्च देना पड़ता है। इस बात पर भी 10 किसानों को विश्वास में लेकर दस हजार रूपये ले लिया लेकिन किसी किसान को अभी तक सरकार या कृषि विभाग से कोई भी लाभ नहीं मिला है। किसानों का कहना है कि कृषि समन्वयक ने निरंजनपुर के किसानों के साथ ही नहीं बल्कि कुटुम्बा प्रखंड़ के तीन पंचायत, कर्मा-बसंतपुर, तेलहारा एवं बैरांव पंचायत के गरीब व कमजोर किसानों से भी इसी तरह से ठगी की है। पीड़ित किसानों ने कृषि समन्वयक पर प्राथमिकी दर्ज कर ठगी के शिकार किसानों को रूपये वापस दिलाने की मांग की है। वही पूछे जाने पर कृषि समन्वयक ने कहा कि कुछ दलाल किस्म के लोगो ने किसानों से वसूली कर उन्हे आवेदन दिया था, जो त्रुटिपूर्ण होने के कारण अस्वीकृत हो गया। उन्होने किसी से कोई पैसा नही लिया है।