बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारियों का प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम संपन्न 

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण सह उन्मुखीकरण कार्यक्रम गुरूवार को औरंगाबाद जिला परिषद के सभागार में आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में जिले के सभी थानों के बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारियों को जिला बाल संरक्षण ईकाई द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में बाल संरक्षण सम्बंधी विभिन्न कानूनों में निहित उनके दायित्वों की विधिक जानकारी दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता यूनिसेफ एससीपीसी के स्टेट कंसल्टेंट राकेश कुमार झा ने की जबकि  संचालन बाल संरक्षण पदाधिकारी संगीत ठाकुर ने किया। कार्यकम में बतौर मुख्य अतिथि किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मनीष कुमार पांडेय मौजूद रहे। कार्यक्रम में गोह प्रखंड में एक गोद लेने की घटना पर कहा गया कि किसी भी अनाथ का विधिवत गोद लेना जरूरी है ताकि उसे सम्पत्ति पर हक मिल सके। कोई भी दम्पत्ति  अनाथ को सड़क से गोद न लेकर सरकारी नियमों से गोद ले और उसका भविष्य सुरक्षित करें।

कहा गया कि सामान्य अपराध और गंभीर अपराध में बच्चों पर प्राथमिकी दर्ज नहीं करने है। जिन बच्चों को संरक्षण की आवश्यकता है, उन्हें हर हाल में संरक्षित करना चाहिए। बच्चों से संबंधित वाद यथाशीघ्र निपटारे के लिए समाजिक पृष्ठभूमि रिपोर्ट बोर्ड में प्रथम उपस्थिति के समय में ही प्रस्तुत कर उनके भविष्य सुरक्षित करने में मदद करें। जिन बच्चों को गिरफ्तार कर रहे हो,  उसके माता-पिता, संरक्षक या परिवीक्षा अधिकारी को तत्काल सूचना दे। यह भी देखें कि किसी मेडिकल में बच्चों को नशीली दवा तो नहीं बेची जा रही है। स्कूलों को भी जांच करनी है। संवेदना पूरी तरह बच्चों को साथ रखनी है। बच्चों को जेजेबी में सादा लिबास में पुलिस को प्रस्तुत करना है ताकि बच्चे काफी डरा हुआ महसूस न करे। अवर पुलिस निरीक्षक पंकज सैनी ने एसबीआर के साथ बालक को प्रस्तुत किया, वे बधाई के पात्र हैं। बाल श्रम भी बाल संरक्षण पदाधिकारी को देखना है। यह देखना है कि पालन के जगह शोषण तो नहीं हो रहा है। किशोर न्याय परिषद में समय पर समाजिक पृष्ठभूमि रिपोर्ट और आरोप पत्र दाखिल करें ताकि न्याय बच्चों के भविष्य के साथ न्याय हो सके। बच्चों को थाना में न रखें। मालूम हो कि औरंगाबाद में दिसंबर 2019 मे 569 वाद थे। यह बढ़कर जून 2022 में 804 हो गया जो चिंतनीय विषय है जबकि किसी भी जिले में 100 से अधिक केस नहीं रहना चाहिए। अभी आपके जिले में तेजी से किशोर न्याय परिषद के मुकदमे बढ़ते जा रहे है। 2021 में 194 केस आए। वहीं जनवरी से जून 2022 में 234 केस आए चुके हैं। कार्यक्रम में जिला बाल संरक्षण ईकाई की सहायक निदेशक अनीता कुमारी,  पुलिस उपाधीक्षक सह समन्वयक विशेष किशोर पुलिस ईकाई  नम वैभव, बाल कल्याण समिति की सदस्य डॉ. गुलाब देवी, किशोर न्याय परिषद के सदस्य अधिवक्ता विजय कुमार पांडेय, अरूण कुमार सिंह, संजू कुमारी, पोक्सो के स्पेशल पीपी शिवलाल मेहता, विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान की समन्वयक कंचन झा, अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही, प्रियंका सिन्हा , दीपक कुमार सिन्हा, विक्रमादित्य पाल, अवर पुलिस अधिकारी सहित अन्य उपस्थित थे।