- ‘सिटीजन्स फोरम’, पटना की ओर से बुद्ध स्मृति पार्क में प्रतिरोध सभा का आयोजन
पटना(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। नागरिक सरोकारों व जनतांत्रिक अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध ‘ सिटीजन्स फोरम’ द्वारा यू.ए.पी.ए व राजद्रोह के तहत मनमानी गिरफ्तारी करने, इजरायली सॉफ्टवेयर ‘ पेगासस’ के माध्यम से पत्रकारों, सामाजिक व मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी करने के खिलाफ प्रतिरोध सभा का आयोजन बुद्धा स्मृति पार्क के पास किया गया। प्रतिरोध सभा मे बड़ी संख्या में पटना के नागरिक, बुद्धिजीवी, पत्रकार , व मानवाधिकार कार्यकर्ता व विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि मौजूद थे। सभा मे निजता के अधिकार की रक्षा करने, जमानत देने के अधिकार, झूठे मुकदमे लादने, पीड़ितों को मुआवजा , फादर स्टेन स्वामी के संस्थागत हत्या संबंधी बातें उठाई गई। प्रतिरोध सभा में देश मे बढ़ रही निरंकुश प्रवृत्तियों पर चिंता व्यक्त जी गई।
भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने प्रतिरोध सभा को संबोधित करते हुए कहा” सत्तर के दशक में जिस तरह से लोग जेल में बंद हो रहे थे। दमन का डंडा चल रहा है। यदि लोकतंत्र नहीं रहेगा, कानून का शासन नहीं रहेगा तो कोई आंदोलन नहीं चल सकता। पेगासस में इजरॉयल की सरकार ने कहा है वो सिर्फ संप्रभु सरकार को बेच रही है। ‘पेगासस’ कि माध्यम से कितने लोगों की जासूसी कर रही है हम यह नहीं जानती। लेकिन सरकार भी कह रही है कि वो नहीं जानती। यह ब्लैकमेल करने पत्रकारों की आवाज दबाने की कोशिश है।
उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि लोग उससे डरें। छात्रों, मज़दूरों, किसानों पर हमले की इस कोशिश का प्रतिवाद अधिक से अधिक आयोजित करने जरूरत है। पहले के आपातकाल से ज्यादा आज 365 दिन का आपातकाल है जो फिजिकल और डिजटल आपातकाल है। यह आज फिर से 1974 जैसे आंदोलन जैसे करने की जरूरत है। आज फिर से जनता की आवाज बुलन्द करने की जरूरत है। आज मानवता शर्मसार हो रही है। हम जिंदा लोगों के मानवाधिकार लोगों की जिन लोगों की मौत की गिनती न हो सकी है उन सबके लिए हमें लड़ना है।”
‘फ़िलहाल’ की संपादक प्रीति सिन्हा ने सभा मे कहा” फादर स्टेन स्वामी का हाथ हिलता था लेकिन सरकार और न्यायालय से पानी पीने के लिए पाइप के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। ” सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता अरविंद सिन्हा ने प्रतिरोध सभा को संबोधित करते हुए कहा ” एक अजीब स्थिति है देश मे जो भी आदमी जनवादी अधिकारों की बात करता है, सरकार के गलत नीतियों के खिलाफ आवाज उठती है यो सरकार धमकाती है, सलाखों के पीछे डाल देती है।”
वरिष्ठ मज़दूर नेता मणिकांत पाठक ने आज के काले कानूनों की तुलना 1870 के अंग्रेज़ो के कानूनों से तुलना करते हुए करते हुए कहा ” जिन देशभक्तों को दबाने के लिए अंग्रेज़ो ने राजद्रोह कानून लागू किया था।आज आजादी के 75 साल बाद भी किया जा रहा है। इससे अधिक शर्म की बात क्या होगी।” मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर जोश ने अपने संबोधन में कहा ” हमारे जस्टिस सिस्टम में मानवता होनी चाहिए। यदि मानवता नहीं रहे तो न्याय नहीं हो सकता। स्टेन स्वामी हमेशा हिम्मत के साथ लड़ते रहे। और इसकी पूरी कीमत भी उन्होंने चुकाई। बिहार में भी 168 मामले हैं जिनके तहत सैंकड़ो लोग जेल में बंद हैं। उनके लिए हमलोग क्या कर सकते हैं ये सोचना होगा। “
प्रतिरोध सभा के दौरान नारे लगते रहे। बंद कैदियों को रिहा करना होगा, मानवाधिकार कार्यकर्ताओ के गिरफ्तारी नहीं सहेंगे, फादर स्टेन स्वामी के सांस्थानिक हत्या की जांच करानी होगी।
माकपा के केंद्रीय समिति के नेता अरुण मिश्रा ने कहा ” रक्षा क्षेत्र के कर्मचारियों ने आज जब हड़ताल किया यो सरकार कह रही है कि हड़ताल करने वाले जेल जाएंगे। हमारे प्रधानमंत्री 2017 में जबसे इजरायल गए थे तभी से नागरिकों की जासूसी सिलसिला शुरू हुआ। लड़कियों की जासूसी के जा रही है।”
‘ मज़दूर’ पत्रिका के सतीश कुमार ने प्रतिरोध सभा मे कहा ” आज हमारे घर में क्या हो रहा है इसको ‘ पेगासस’ के माध्यम से पता लगा रही है। 40 लोगों की जासूसी में नाम आया है। यदि सरकार ‘पेगासस’ लाई है तो हमें उसकी की भी काट ढूंढ की जाएगी।” शिक्षाविद तैय्यब हुसैन के अनुसार ” आज जो हो रहा है यह सोची समझी साजिश है। यह सरकार वैज्ञानिक दृष्टि से संपन्न नहीं है। “छपरा से आई सिस्टर मंजू ने कहा ” हमें बाबा साहब आंबेडकर केअंबेडकर की बात समझ कर शिक्षित बनें और संघर्ष करने की ओर बढ़ना चाहिए।”
सीपीआई के पटना जिला सचिव रामलला सिंह ने मुंगेर में अपने गिरफ्तार साथी की चर्चा करते हुए कहा ” हमारे साथी की मुंगेर में यू. ए .पी.ए के तहत उन्हें जेल भेज दिया गया। है।” बलदेव झा ने प्रतिरोध सभा में कहा ” मज़दूरों, किसानों, दलितों, आदिवासियों व महिलाओं द्वारा आवाज जो उठ रही थी वैसे में सरकार को लग रहा था कि सबको आतंकवादी करार देकर जेल में डाल देंगे। ऐसा लग रहा है पूरे देश की जनता की मिल्कियत को बेचने पर तुले हैं इसका विरोध करने वाले को देशद्रोही करार देती है।”
प्रतिरोध सभा का संचालन शिक्षाविद अनिल कुमार राय ने किया। संबोधित करने वालों वक्ताओं में पटना विश्विद्यालय में इतिहास के प्रोफ़ेसर सतीश कुमार , सिस्टर डोरोथी, राधेश्याम, जनवादी लेखक संघ के विनीताभ आदि ने भी संबोधित किया।
‘सिटीजन्स फोरम’, पटना की ओर से आयोजित प्रतिरोध सभा में उपस्थित प्रमुख लोगों में थे नागेश्वर, भाकपा- माले के राज्य सचिव कुणाल, एटक राज्य अध्यक्ष अजय कुमार, प्रगतिशील लेखक संघ के सुमन्त शरण, विश्वजीत कुमार, गोपाल शर्मा, सीसीआई के पार्थ सरकार, वीरेंद्र कुमार, रामपुकार, कौशलेंद्र कुमार वर्मा, एटक नेता ,ग़ज़नफर नवाब, अखिलेश, सर्वेश कुमार, महेश रजक, इंद्रजीत , आदित्य कमल, भगवान पासवान, धीरेंद्र झा, अभ्युदय, सुधीर, संतोष चंदन, अनिल अंशुमन, रामलखन आदि मौजूद थे।
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