औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद जिलें में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी नल-जल योजना में गड़बड़ी करने वाले पंचायत प्रतिनिधियों पर गाज गिरना तय हो गया है।
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जिला जनसंपर्क पदाधिकारी कृष्णा कुमार ने बताया कि जिला स्तर से नल-जल योजनाओं की गहन समीक्षा की जा रही है। समीक्षा में पाया गया कि कई पूर्ण योजनाओेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेेें से जलापूर्ति बंद है और योजना के कई घटक यथा पानी टंकी का स्ट्रक्चर निर्माण, फेरूल, चेक वाॅल्व, गेट वॉल्व, चैम्बर, स्टार्टर आदि का कार्य नहीं कराया गया है। पाईपलाईन तीन फीट के स्थान पर 1.25 फीट ही पाया गया है। अधिकांश जगहों पर स्टैब्लाईजर नहीं है, जिसके कारण मोटर एवं स्टार्टर जल जा रहा है और जलापूर्ति बाधित हो जा रही है। कहा कि पेयजल योजनाओं से निरंतर जलापूर्ति जारी रहे, यह संबंधित ग्राम पंचायत के मुखिया की जिम्मेदारी है। ग्राम पंचायत के मुखिया होने के नाते उन्हें उपलब्ध करायी गई सरकारी राशि का समुचित उपयोग सुनिश्चित करना एवं उस राशि से सृजित की गई परिसम्पर्तियों से जनसाधारण को लाभ हो, यह सुनिश्चित करना उनकी जिम्मेदारी एवं संवैधानिक दायित्व है।
समीक्षा के बाद जिलें के 39 मुखियों से बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 की धारा 18(5) के तहत पदमुक्त करने के बिंदु पर स्पष्टीकरण की मांग की गयी है। स्पष्टीकरण प्राप्त होने के बाद अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी। समीक्षा में औरंगाबाद प्रखंड के खैराबिंद, फेसर, बेला व परसडीह, दाउदनगर के सिन्दुआर व मनार, गोह के हथियारा, बनतारा, अमारी, उपहारा व फाग, हसपुरा के अमझरशरीफ, डिंडिर व पुरहारा, कुटुम्बा रिसियप, वर्मा, डुमरा, जगदीशपुर व घेउरा, नबीनगर के बसडीहा, बैरिया, सोनौरा व सोरी, ओबरा के भरूब, चंदा, डिहरी, बेल, कारा, करसांव, अमिलौना, गैनी, कंचनपुर, डिहरा, तेजपुरा, रतनपुर, महुआंव व बभनडीहा, रफीगंज के कोटवारा, देव प्रखंड के खरकनी पंचायत में नल-जल योजना में भारी पैमाने पर अनियमितता पाई गई है। उन्होने बताया किअभी कुछ और प्रतिवेदनों की समीक्षा की जा रही है। समीक्षा के बाद कुछ और पंचायतों-बारूण प्रखंड के कोचाढ, गोठौली एवं कुटुम्बा प्रखंड के तेलहारा पंचायत की योजनाओं में कई त्रुटियां पायी गयी हैं। इनके विरूद्ध भी अग्रेतर कार्रवाई की जा रही है।