इस गुड सेमेटेरियन ने सड़क हादसे में ईंजीनियर की दर्दनाक मौत के बाद पेश की ईमानदारी की मिसाल, परिजनों को वापस की 58 हजार पांच 500 की नगदी

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। सड़क हादसे तो आए दिन होते रहते है। किसी की मौत हो जाती है, तो कोई घायल हो जाता है। सड़क हादसों में मदद करने वाले को गुड सेमेटेरियन कहे जाते है और हर जिले में परिवहन विभाग हर साल ऐसे लोगो को गुड सेमेटेरियन अवार्ड दिया करता है। रविवार को देर रात भी औरंगाबाद में एक गुड सेमेटेरियन ने ऐसा किया जो ईमानदारी की नजीर भी है।

वाकया राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-139 पर औरंगाबाद मुफस्सिल थाना क्षेत्र का है, जहां रविवार को देर रात रायपुरा मोड़ के पास अज्ञात वाहन के चपेट में आकर बाइक सवार एक युवक की घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के बाद एनएचएआई के एंबुलेंस ने युवक के शव को पोस्टमार्टम के लिए रात्रि साढ़े 10 बजे सदर अस्पताल पहुंचाया।


गुड सेमेटेरियन ने पेश की ईमानदारी की मिसाल

हादसे की जानकारी औरंगाबाद के युवा सामाजिक कार्यकर्ता शाहनवाज रहमान उर्फ सल्लू खान को मिली। सल्लू को सिर्फ बस इतनी जानकारी हुई कि सड़क हादसे में कोई युवक घायल हो गया है और एनएचएआई का एंबुलेंस उसे लेकर औरंगाबाद सदर अस्पताल आ रहा है। सल्लू तत्काल सदर अस्पताल पहुंचा। तबतक एंबुलेंस भी सदर अस्पताल पहुंच गया। एंबुलेंस के पहुंचते ही सल्लू मदद में लग गया। एंबुलेंस से उतारने के दौरान ही सल्लू को पता चला कि युवक की मौत हो गई है। युवक को एंबुलेस से उतारते ही सल्लू ने युवक के बैग को अमानत समझते हुए अपने पास सुरक्षित रख लिया और रात में ही युवक के शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए सदर अस्पताल के उपाधीक्षक से  बात की। उपाधीक्षक ने पोस्टमार्टम का इंतजाम भी करा दिया। इसके बाद सल्लू ने मृतक की पहचान और परिजनों को हादसे की सूचना देने के लिए अपने पास सुरक्षित रखे युवक का बैग खोला। बैग से 58,500 रुपये निकले। साथ ही दो स्मार्ट फोन, आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य कागजात मिले। आधार कार्ड और पैन कार्ड से युवक की पहचान कुटुम्बा प्रखंड के रिसियप थाना क्षेत्र के ईटहट- मंगुराही गांव निवासी संजय कुमार सिंह के पुत्र सचिन कुमार सिंह(28) के रूप में हुई।युवक की पहचान होते ही सल्लू ने हादसे की सूचना परिजनों को दी। उधर सूचना मिलते ही परिजन सदर अस्पताल के लिए चले, इधर सल्लू ने औरंगाबाद नगर थानाध्यक्ष पंकज कुमार सैनी को फोन कर सूचना दी कि युवक के बैग से 58 हजार पांच सौ रूपये मिले है, जिसे वह उनके पास अमानत के रूप में जमा कर देना चाहता है। यह बात सुनकर थानाध्यक्ष ने कहा कि पैसे को सुरक्षित अपने पास रखें, परिजनों के आने पर सही हकदार की पहचान कर उसी के हाथ से यह रकम वापस करा दी जाएंगी। घंटे भर में परिजन सदर अस्पताल आ गए। इसके बाद पुलिस की मौजूदगी में सल्लू ने पूरी रकम और अन्य सभी सामान परिजनों को सुपुर्द कर अपना कर्तव्य निभाया। परिजनों ने सल्लू की नेकी और ईमानदारी की सराहना भी की।

दिल्ली में काम करने के साथ ही बच्चों को प्राईवेट ईंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन कराता था अभियंता

परिजनों से मिली जानकारी के मुताबिक सचिन बी-टेक कर दिल्ली के किसी निजी कंपनी में ईंजीनियर के रूप में कार्यरत था। साथ ही वह बच्चों को प्राईवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन भी कराता था। रविवार को देर रात भी वह  औरंगाबाद शहर में किसी से बात कर एडमिशन का पैसा लेकर घर जा रहा था। इसी दौरान वह हादसे का शिकार हो गया और उसकी मौत हो गई। परिजनों ने कहा कि सचिन ने जिस किसी से एडमिशन कराने का पैसा लिया होगा, उसके बारे में पता कर यह रकम उसे सौंप देंगे। इस बीच पुलिस ने रात के करीब एक बजे पोस्टमार्टम हो जाने के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया। हादसे के बाद परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। उनके घर में मातम पसरा है।