औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समाधान यात्रा पर औरंगाबाद के बीजेपी सांसद सुशील कुमार सिंह ने तंज कसा है।
सांसद ने रविवार को यहां प्रेसवार्ता में कहा कि मुख्यमंत्री 13 फरवरी को औरंगाबाद की समाधान नही व्यवधान यात्रा पर आ रहे है। यदि नीतीश कुमार सही मायने में यहां समाधान यात्रा पर आ रहे है तो वें औरंगाबाद की पांच समस्याओं का समाधान कर दे तो वे इसे व्यवधान यात्रा नही मानेंगे। उन्होने पांच समस्याओं की बिंदुवार चर्चा करते हुए कहा कि औरंगाबाद में मेडिकल कॉलेज नही है। य़ह यहां की एक बहुत बड़ी समस्या है। मुख्यमंत्री इसका समाधान करे। कहा कि दूसरी समस्या औरंगाबाद के केंद्रीय विद्यालय की है। यहां केंद्रीय विद्यालय के खुले 13 साल हो गये है। विद्यालय को अपनी जमीन नही है। इस कारण यहां बच्चों की 11वीं और 12वीं की पढ़ाई नही हो रही है। आगे की पढ़ाई के लिए यहां के बच्चों को दूसरे जगह जाना पड़ता है। बिहार सरकार स्कूल को मात्र पांच एकड़ जमीन दे देती तो विद्यालय का 60 करोड़ का अपना भवन बन गया होता। इस स्कूल में पढ़नेवाले 99 प्रतिशत बच्चें औरंगाबाद या बिहार के है। स्कूल को सरकार द्वारा जमीन नही देना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है और इस समस्या का समाधान मुख्यमंत्री को करना चाहिए। तीसरी समस्या स्टेट हाईवे-101 की है। कई वर्ष पूर्व यह अम्बा-गया पथ स्टेट हाईवे के रूप में अधिसूचित हुआ था। अभी यह सिंगल रोड है। इसका दोहरीकरण जरूरी है। अम्बा से मदनपुर तक इसके दोहरीकरण की योजना बनी है लेकिन आगे की ओर दोहरीकरण को छोड़ दिया गया है। इस कारण औरंगाबाद जिले के मदनपुर व रफीगंज प्रखंड, गया जिले के गुरुआ और चंदौती आदि प्रखंड के इलाके दोहरीकरण से वंचित हो गए है। इस सड़क का समाधान भी तो मुख्यमंत्री को करना चाहिए।
सांसद ने चौथी समस्या की चर्चा करते हुए कहा कि औरंगाबाद जिले का दक्षिणी भाग नक्सल प्रभावित है। इस इलाके में दो अंर्तराज्यीय सिंचाई परियोजनाएं-बटाने और बतरे जलाशय परियोजना है। बटाने परियोजना का राईट कैनाल आजतक नही बना है। बतरे का बीयर नही बना है। इससे नबीनगर, कुटुम्बा, देव और अन्य इलाकों की जनता प्रभावित है। इलाके के लोगो को सिंचाई संकट झेलना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री को इस क्षेत्र की जनता की इस समस्या का समाधान करना चाहिए। पांचवीं समस्या की चर्चा करते हुए सांसद ने कहा कि जिले के दक्षिणी क्षेत्र में प्राकृतिक जल संसाधन मौजूद है। इस क्षेत्र में नदियों पर चेक डैम आदि लघु सिंचाई की योजना को पूरा कर इलाके में सिंचाई की समस्या को दूर किया जा सकता है। गया जिले के इमामगंज, डुमरिया, बांकेबाजार आदि इलाके में सिंचाई का संकट है। इन समस्याओं से ग्रसित लोग चाहते है कि मुख्यमंत्री इनके समाधान की घोषणा करे। मुख्यमंत्री घोषणा करे कि हर पहाड़ी नदी पर छोटे-छोटे बांध, जलाशय और चेक डैम बनाकर सिंचाई की व्यवस्था होगी। कहा कि इन पांच समस्याओं का समाधान मुख्यमंत्री कर दे तो मैं मानुंगा कि वें औरंगाबाद की समाधान यात्रा पर आए अन्यथा यह व्यवधान यात्रा है। प्रेसवार्ता में पूर्व मंत्री सह विधायक प्रेम कुमार, विधान पार्षद दिलीप सिंह, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व सदस्य योगेन्द्र पासवान, भाजपा जिलाध्यक्ष, जिला मंत्री आलोक सिंह, जिला प्रवक्ता अश्विनी तिवारी, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष विनय सिंह, जिला मीडिया प्रभारी मितेन्द्र कुमार सिंह, मंडल अध्यक्ष विवेक कुमार एवं भाजपा कार्यकर्ता सूरज कुमार आदि मौजूद रहे।
औरंगाबाद में समाधान नही व्यवधान यात्रा पर आ रहे मुख्यमंत्री : सुशील सिंह, कहा-पांच समस्याओं का सीएम कर दे निदान तो समाधान अन्यथा व्यवधान यात्रा
औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समाधान यात्रा पर औरंगाबाद के बीजेपी सांसद सुशील कुमार सिंह ने तंज कसा है।
सांसद ने रविवार को यहां प्रेसवार्ता में कहा कि मुख्यमंत्री 13 फरवरी को औरंगाबाद की समाधान नही व्यवधान यात्रा पर आ रहे है। यदि नीतीश कुमार सही मायने में यहां समाधान यात्रा पर आ रहे है तो वें औरंगाबाद की पांच समस्याओं का समाधान कर दे तो वे इसे व्यवधान यात्रा नही मानेंगे। उन्होने पांच समस्याओं की बिंदुवार चर्चा करते हुए कहा कि औरंगाबाद में मेडिकल कॉलेज नही है। य़ह यहां की एक बहुत बड़ी समस्या है। मुख्यमंत्री इसका समाधान करे। कहा कि दूसरी समस्या औरंगाबाद के केंद्रीय विद्यालय की है। यहां केंद्रीय विद्यालय के खुले 13 साल हो गये है। विद्यालय को अपनी जमीन नही है। इस कारण यहां बच्चों की 11वीं और 12वीं की पढ़ाई नही हो रही है। आगे की पढ़ाई के लिए यहां के बच्चों को दूसरे जगह जाना पड़ता है। बिहार सरकार स्कूल को मात्र पांच एकड़ जमीन दे देती तो विद्यालय का 60 करोड़ का अपना भवन बन गया होता। इस स्कूल में पढ़नेवाले 99 प्रतिशत बच्चें औरंगाबाद या बिहार के है। स्कूल को सरकार द्वारा जमीन नही देना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है और इस समस्या का समाधान मुख्यमंत्री को करना चाहिए। तीसरी समस्या स्टेट हाईवे-101 की है। कई वर्ष पूर्व यह अम्बा-गया पथ स्टेट हाईवे के रूप में अधिसूचित हुआ था। अभी यह सिंगल रोड है। इसका दोहरीकरण जरूरी है। अम्बा से मदनपुर तक इसके दोहरीकरण की योजना बनी है लेकिन आगे की ओर दोहरीकरण को छोड़ दिया गया है। इस कारण औरंगाबाद जिले के मदनपुर व रफीगंज प्रखंड, गया जिले के गुरुआ और चंदौती आदि प्रखंड के इलाके दोहरीकरण से वंचित हो गए है। इस सड़क का समाधान भी तो मुख्यमंत्री को करना चाहिए।
सांसद ने चौथी समस्या की चर्चा करते हुए कहा कि औरंगाबाद जिले का दक्षिणी भाग नक्सल प्रभावित है। इस इलाके में दो अंर्तराज्यीय सिंचाई परियोजनाएं-बटाने और बतरे जलाशय परियोजना है। बटाने परियोजना का राईट कैनाल आजतक नही बना है। बतरे का बीयर नही बना है। इससे नबीनगर, कुटुम्बा, देव और अन्य इलाकों की जनता प्रभावित है। इलाके के लोगो को सिंचाई संकट झेलना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री को इस क्षेत्र की जनता की इस समस्या का समाधान करना चाहिए। पांचवीं समस्या की चर्चा करते हुए सांसद ने कहा कि जिले के दक्षिणी क्षेत्र में प्राकृतिक जल संसाधन मौजूद है। इस क्षेत्र में नदियों पर चेक डैम आदि लघु सिंचाई की योजना को पूरा कर इलाके में सिंचाई की समस्या को दूर किया जा सकता है। गया जिले के इमामगंज, डुमरिया, बांकेबाजार आदि इलाके में सिंचाई का संकट है। इन समस्याओं से ग्रसित लोग चाहते है कि मुख्यमंत्री इनके समाधान की घोषणा करे। मुख्यमंत्री घोषणा करे कि हर पहाड़ी नदी पर छोटे-छोटे बांध, जलाशय और चेक डैम बनाकर सिंचाई की व्यवस्था होगी। कहा कि इन पांच समस्याओं का समाधान मुख्यमंत्री कर दे तो मैं मानुंगा कि वें औरंगाबाद की समाधान यात्रा पर आए अन्यथा यह व्यवधान यात्रा है। प्रेसवार्ता में पूर्व मंत्री सह विधायक प्रेम कुमार, विधान पार्षद दिलीप सिंह, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व सदस्य योगेन्द्र पासवान, भाजपा जिलाध्यक्ष, जिला मंत्री आलोक सिंह, जिला प्रवक्ता अश्विनी तिवारी, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष विनय सिंह, जिला मीडिया प्रभारी मितेन्द्र कुमार सिंह, मंडल अध्यक्ष विवेक कुमार एवं भाजपा कार्यकर्ता सूरज कुमार आदि मौजूद रहे।
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