चैत में ही मौसम का दिखने लगा वैशाख-जेठ सा तेवर, औरंगाबाद में पारा 39 पर पहुंचा

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। गर्मी के मौसम के शरुआती महीने चैत में ही मौसम के तेवर दिखने लगे है। वैशाख-जेठ आने से पहले ही मौसम जेठ सा अपना गर्म मिजाज दिखा रहा है।

मौसम के मिजाज का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि अभी अप्रैल में ही मई जैसी गर्मी का एहसास हो रहा है। दिन में तीखी धूप होने के साथ ही शाम को भी गर्मी अधिक लग रही है। अधिकतम तापमान भी 39 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। भरी दोपहरी में गर्म हवा के थपेड़ों ने लोगों को बेहाल कर रहा है। सुबह आठ बजे के बाद से ही मौसम तेवर दिखाने लग रहा है। आसमान से आग बरसने लग रहा है। धूप का असर इस कदर हो रहा है कि दोपहर 11 बजे के बाद सड़कों पर लू के थपेड़ों से दो चार होना पड़ रहा है। राहगीरों के लिए सड़कों के किनारे छांव तलाशना और सूखते गले को तर करने के लिए शीतल पेय लेना मजबूरी बन गई है। अभी के मौसम के तेवर से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले कुछ सप्ताह में गर्मी का मिजाज अपने चरम पर होगा। आसमान से मानों आग बरस रहा है और मौसम के पारा में गिरावट के बजाय तेजी की ही उम्मीद बन रही है। आलम यह है कि दोपहर में चिलचिलाती धूप में निकलने में चेहरा झुलस रहा हैं। तापमान दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। होली के समय से ही मौसम के पारा में चढ़ाव दिख रहा है। सूर्यदेव आग उगल रहे हैं। इस कारण लोग दुपट्टा और गमछा लेकर ही घर से निकल रहे हैं।


गेहूं की फसल पर पड़ेगा बुरा असर

कृषि व मौसम वैज्ञानिकों की राय में गर्मी का अचानक बढ़ना रब्बी फसल खासकर गेहूं की फसल के लिए ठीक नहीं है। पछेती गेहूं के लिए यह काल है। तापमान में वृद्धि का बुरा असर रब्बी की सभी प्रकार की फसलों पर पड़ेगा। गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए इस समय ठंडक बना रहना जरूरी है। बढ़ते तापमान से गेहूं पर टर्मिनल हीट का खतरा रहता है। इससे गेहूं का दाना पूरी तरह विकास करने से पहले ही सिकुड़ सकता है। इसका सीधा असर फसलों के उत्पादन पर पड़ेगा।