साढ़ू की लाश को चुपके से सदर अस्पताल में छोड़ फरार हुआ साढ़ू, सीसीटीवी फुटेज ने खोला राज, जाने- फिर हुआ क्या ?

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। औरंगाबाद के सदर अस्पताल में बीती रात एक साढ़ु अपने ही साढ़ु की लाश को चुपके से छोड़कर फरार हो गया।

परिजनो के आने पर मृतक की पहचान शहर के करमा रोड बिजली कॉलोनी निवासी सुधीर कुमार मिश्रा(35वर्ष) के रूप में की गई। मृतक एक मंदिर में पुजारी का काम करता था। मृतक के चाचा संतोष मिश्रा ने बताया कि सुधीर दो दिन पहले पूरी तरह से स्वस्थ अवस्था में अपनी ससुराल बारुण थाना के पिपरा गांव गया था और मंगलवार को उसकी लाश सदर अस्पताल में स्ट्रेचर पर मिली। बताया कि सोमवार की रात 10 बजे मृतक की सरहज ने सूचना दी थी कि सुधीर की तबीयत खराब है और उसका इलाज कराया गया है। अभी हालत ठीक है। इसके बाद सुधीर का मोबाइल स्विच ऑफ बताने लगा।

पुनः उसके नम्बर पर लगातार प्रयास के बावजूद बात नही हो सकी। मंगलवार को भी सुबह में मोबाइल स्विच ऑफ ही बता रहा था। इसी बीच एक अन्य नंबर से सुबह 5 बजे यह जानकारी दी गयी कि सुधीर की तबीयत ज्यादा ही खराब है, सदर अस्पताल आकर देख लें। इस सूचना पर जब परिजन सदर अस्पताल पहुंचे तो देखा कि सुधीर की डेडबॉडी स्ट्रेचर पर पड़ी है। मौके पर कोई भी मौजूद नही है। लाश स्ट्रेचर पर कैसे आई, इसकी चिकित्सकों से भी जानकारी नही मिल सकी। इसके बाद परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए सदर अस्पताल में लगे कैमरों की सीसीटीवी फुटेज दिखाए जाने की मांग की।

परिजनों की मांग पर जब अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गयी तो सच्चाई परत दर परत खुलकर सामने आ गई। सीसीटीवी फुटेज में परिजनो को साफ तौर से दिखा कि यह सारा खेल सोमवार की रात दस बजकर छप्पन मिनट पर शुरू होकर 11 बजे तक खत्म होता है। फुटेज को मौके पर आई नगर थाना की पुलिस ने भी देखा और पाया गया कि एक ओमनी कार में डेड बॉडी लाई जाती है। वाहन से डेड बॉडी को निकाला जाता है। साढ़ू के साथ रहा एक और व्यक्ति जो शहर का ही रहने वाला है, के द्वारा शव को स्ट्रेचर पर लाद कर लाया जाता है और उसे सदर अस्पताल की सीढ़ी के नीचे छोड़ दिया जाता है। इसके बाद सभी चल बनते है। सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद पुलिस ने मृतक के परिजनों से सबके नाम और पते को नोट कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

इस मामले में सदर अस्पताल की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में है। मृतक के चाचा संतोष मिश्रा ने बताया कि जब उन्हें सुबह 5 बजे यह सूचना मिली कि उनके भतीजे सुधीर की तबीयत खराब है और वह सदर अस्पताल में भर्ती है। इसके बाद परिवार के अन्य सदस्यों के साथ भागे-भागे अस्प्ताल पहुंचे और वहां मौजूद चिकित्सक से सुधीर के बारे में पूछा तो उन्होंने ऐसे किसी भी मरीज को देखे जाने से इंकार किया। जब इसकी पड़ताल शुरू की गई तो यह पाया गया कि उसी चिकित्सक ने जिसने सुधीर का इलाज किये जाने से इंकार किया था, उसी ने सुधीर के शव को स्ट्रेचर पर सीढ़ी के नीचे रखे जाने के बाद रात्रि के 11.18 पर इलाज किया और 11.20 बजे मृत भी घोषित कर दिया। परिजनों ने आशंका जताई है कि इस मामले में चिकित्सक की भी मिलीभगत है। बहरहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।