औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद के धरती पुत्र सदर प्रखंड के पोईंवां निवासी पूर्व मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिंहा के नाम पर शहर के दानी बिगहा में बने पार्क का लोकार्पण कोविड प्रोटोकाॅल को ताक पर रखते हुए और मारपीट के बीच शनिवार की शाम हो गया।
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इस दौरान औरंगाबाद नगर परिषद की उप मुख्य पार्षद शोभा सिंह के पति रेडक्राॅस के चेयरमैन सतीश सिंह और सदर विधायक आनंद शंकर सिंह के समर्थकों में जमकर भिड़ंत हुई। सिर फुटौवल तक हुई और दो लोगों का सिर भी फआ। इसके बाद लोकार्पण समारोह में कोविड प्रोटोकाॅल को ताक पर रख कर आयोजित आॅरकेस्ट्रा भी आनन-फानन में बंद कर दिया गया।
मारपीट
दरअसल कोविड प्रोटोकाॅल की अनदेखी करते हुए आयोजित लोकार्पण समारोह में हंगामा और मारपीट भी प्रोटोकाॅल के पालन को लेकर ही हुई। कायदें से किसी भी सरकारी कार्यक्रम में स्थानीय सांसद और विधायक को आमंत्रित करने का प्रोटोकाॅल है। प्रोटोकाॅल के अनुसार इस मामलें में सांसद और विधायक नगर निकाय तथा पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों से काफी सीनियर है। इसके बावजूद नगर परिषद द्वारा आनन-फानन आयोजित लोकार्पण समारोह में स्थानीय सांसद और विधायक को आमंत्रित करना मुनासिब नही समझा गया।
पार्क का नजारा
यह बात सदर विधायक आनंद शंकर सिंह को नागवार गुजरी। इससे नाराज विधायक कार्यक्रम के दौरान दनदनाते हुए सीधे पहुंच गये। वहां उन्होने प्रोटोकाॅल की अनदेखी पर गहरी आपति भी जताई। इसे लेकर ही विधायक के समर्थक और नप की उप मुख्य पार्षद के पति के समर्थक आपस में भिड़ गये। दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई। दो लोगों के सिर भी फूटें और अंततः कार्यक्रम को ही स्थगित कर दिया गया। विधायक ने मारपीट होने की बात तो स्वीकार की लेकिन इसका आरोप असामाजिक तत्वों के नाम मढ़ दिया और यह कह दिया कि वें तो कार्यक्रम में आने के बाद डीडीसी के साथ बैठे थे। मारपीट असामाजिक तत्वों ने की है, उनके समर्थकों ने नही।
पार्क का नजारा
खैर कोविड प्रोटोकाॅल को ठेंगा दिखाकर और मारपीट के बीच ही सही पर पार्क का लोकार्पण अब हो गया है। सो शहरवासी इस सुंदर पार्क का अब आनंद ले रहे है। पार्क में बच्चों से लेकर जवान और बूढ़ों तक के लिए हर वह सुविधा मौजूद है, जो एक अच्छें से पार्क में होनी चाहिएं।
लाख टके का सवाल, कोरोना काल में पार्क के लोकार्पण समारोह की किसने दी अनुमति-
हंगामा और मारपीट के बीच पार्क के लोकार्पण के बाद लाख टके का यह सवाल हवा में तैर रहा है कि कोरोना काल में किसी भी तरह के सरकारी समारोह के वृहद स्तर पर आयोजन पर रोक है, तो लोकार्पण समारोह के आयोजन की अनुमति कैसे मिली। किसने और किस अधिकारी ने यह अनुमति दी।
पार्क का नजारा
यह भह बात दीगर है कि कोरोना काल होने के कारण ही विधानसभा चुनाव के पहले इस पार्क समेत राज्य की विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से किया था, जिसकी गवाही पार्क में लगा शिलापट्ट आज भी दे रहा है। ऐसें में अलग से लोकार्पण समारोह के आयोजन से राजनीति की ही बूं आ रही है। स्थानीय सांसद और विधायक को कार्यक्रम में नही आमंत्रित करने को इसका संकेत भी माना जा सकता है। अब देखना यह है कि पार्क के लोकार्पण से शुरु हुई राजनीति का उंट किस ओर करवट लेता है।