एक्टिविस्ट उमेश नज़ीर की कमी हमेशा खलेगी : इप्टा

पलामू(रवि)। एक एक्टिविस्ट और इप्टा के समर्पित सांस्कृतिक कार्यकर्ता उमेश नज़ीर की कमी सदैव खलती रहेगी। रविवार को रांची रिम्स में कोविड संक्रमण की वजह से इलाजरत उमेश नजीर का निधन हो गया। मेदिनीनगर के बेलवाटिका निवासी स्व उमेश 49 वर्ष के थे। वे इप्टा के रंगकर्मी प्रेम प्रकाश के छोटे भाई थे। उमेश नज़ीर इंडियन पीपुल्स थियेटर एसोसिएशन इप्टा के संघर्षशील और जुझारू कार्यकर्ता थे। उन्होंने अपने जीवन का लंबा और कीमती समय इप्टा और सांस्कृतिक आंदोलन को दिया है।

वे इप्टा झारखंड राज्य परिषद के साथ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य परिषद सदस्य भी थे। रांची में रहकर खान, खनिज अधिकार के सम्पादक के तौर पर काम किया। इसके अलावा अपनी लेखनी के माध्यम से आदिवासी, दलित, वंचित, किसानों व मजदूरों को उनके हक अधिकार के लिए प्रेरित करने का काम इन्होंने निरंतर किया। एक संघर्षशील, समाजसेवक और क्रांतिकारी संस्कृतिकर्मी के निधन पर कला, साहित्य व राजनीति जगत के लोगों ने गहरी शोक संवेदना प्रकट की है।

इप्टाकर्मी समेत कई सामाजिक व राजनीतिक लोगों ने उमेश के निधन पर श्रद्धांजलि दी है। जिनमे इप्टा के राज्य महासचिव उपेंद्र मिश्रा, शैलेन्द्र कुमार, एटक के राजीव कुमार, गौतम कुमार, ज्ञान विज्ञान समिति के शिवशंकर प्रसाद, प्रगतिशील लेखक संघ के पंकज श्रीवास्तव, मासूम आर्ट ग्रुप के सैकत चटर्जी, विनोद कुमार, भाकपा के सूर्यपत सिंह, रुचिर तिवारी, किसान सभा के केडी सिंह, वरिष्ठ पत्रकार गोकुल बसंत, नंदलाल सिंह के अलावा आलोक वर्मा, शब्बीर अहमद, नुदरत नवाज, सुरेश सिंह, राजीव रंजन, शिशुपाल सिंह, विनय कुमार, गगन सिंह, शर्मिला सुमि, मुनमुन चक्रवर्ती, कलाकार राम- श्याम, शशि पाण्डेय, संजू ठाकुर, मिथिलेश कुमार, संजय सिंह उमेश, अजीत, समरेश, रविशंकर समेत अन्य लोग शामिल हैं।

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