तीसरे दिन भी जारी रहा कार्यपालक सहायकों का अनिश्चितकालीन हड़ताल

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद जिले के विभिन्न विभागों में कार्यरत कार्यपालक सहायकों का आंदोलन लगातार दसवें दिन भी जारी रहा। बुधवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल के तीसरे दिन बिहार राज्य कार्यपालक सेवा संघ के बैनर तले जिले के सैकड़ों कार्यपालक सहायक शहर के दानी बिगहा में धरना पर बैठे रहे।

धरना का नेतृत्व जिलाध्यक्ष भूपेंद्र ठाकुर व कार्यकारी जिलाध्यक्ष कमल कुमार ने संयुक्त रूप से किया। धरना का संचालन कर रहे कार्यपालक सहायक श्रवण कुमार ने संघ के सदस्यों का हौसला बढ़ाते हुए एकजुट होकर आंदोलन में भाग लेने के लिए उत्साहित किया। वही बुधवार को जिले के प्रमुख समाजसेवी व विधानसभा चुनाव में रफीगंज से प्रत्याशी रहे प्रमोद सिंह ने धरना को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार पूर्व ने युवाओं को संविदा पर बहाल कर गलती की है। अल्प मानदेय मिलने से परिवार के भरण-पोषण में उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। फिर भी जिले के कार्यपालक सहायकों ने विभिन्न विभागों में लगन और मेहनत से काम किया है। अब बेल्ट्रॉन के तहत परीक्षा आयोजित कर कार्यपालक सहायकों की नौकरी का निजीकरण करना सरासर अन्याय है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस गलत नीति के खिलाफ हम आप सबों के साथ हैं। मांगे पूरी होने तक आंदोलन जारी रखें। एकता में काफी ताकत होती है, आपकी जीत निश्चित होगी। सरकार की गलत मंशा को हम कभी पूरा नहीं होने देंगे। जिला से लेकर प्रदेश तक जहां भी जरूरत पड़ेगी, हम आंदोलन करने को तैयार हैं। उन्होंने शासी परिषद के 29वीं बैठक में लिए गए निर्णय को गलत करार देते हुए कहा कि बैठक में एसी लगा छत के नीचे बैठकर अधिकारी अनाप-शनाप निर्णय लेते हैं। सरकार को जन कल्याणकारी कार्य से कोई लेना-देना नहीं रह गया है। ऐसा लगता है कि देश में लोकतंत्र नहीं राजतंत्र आ गया है। आप सभी युवा में असीम शक्ति है। आप सकारात्मक प्रयास करें। यदि सरकार आप की मांगों को नहीं मानेगी तो हम खुद आपके आंदोलन को धारदार कर सरकार को मांगे मानने पर मजबूर करेंगे।

विदित हो कि अपनी 8 सूत्री मांगों को लेकर जिले की विभिन्न विभागों में कार्यरत कार्यपालक सहायक 8 मार्च से आंदोलन कर रहे हैं। 2 दिनों तक सांकेतिक हड़ताल के बाद सभी कार्यालयों में कार्यरत सहायकों ने काला बिल्ला लगाकर विरोध जताया। इसके बाद 15 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं। हड़ताल पर चले जाने से आरटीपीएस, मनरेगा, लोक जन शिकायत, बिजली विभाग समेत जिले के सभी विभागों का कार्य प्रभावित है। जिले के विभिन्न दलों से जुड़े जनप्रतिनिधि व समाजसेवियों का भी सहयोग सहायकों को मिल रहा है। धरना पर बैठे कार्यपालक सहायकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस क्रम में कैंडल मार्च भी निकाला गया। जिलाध्यक्ष ने बताया कि गुरुवार को सभी कार्यपालक सहायक थाली पीठ कर पैदल मार्च करते हुए सरकार का विरोध जताएंगे। इस मौके पर जिला सचिव रंजन कुमार, पंकज कुमार पांडेय, इंद्रजीत रजक, हर्ष कुमार, ललन कुमार, आनंद कुमार, राजीव रंजन, बलवेंद्र कुमार, श्वेता कुमारी, आभा सिन्हा, सिंनु कुमारी, प्रीति कुमारी, मनीष कुमार, हरी लाल पासवान, नीरज कुमार, रवि कुमार, विजेंद्र कुमार, रितेश कुमार, प्रभात कुमार, कुंदन कुमार, रोहित कुमार, अनुज कुमार आदि मौजूद थे।

स्वास्थ्य विभाग से हटाए जाने व बेल्ट्रॉन से परीक्षा आयोजित होने का पत्र पर भड़के हैं कार्यपालक सहायक

स्वास्थ्य विभाग में पिछले 7 वर्षों से कार्यरत कार्यपालक सहायक को 3 माह पूर्व जिला स्थापना में वापस भेज दिया गया है। इसके बाद से उनकी पदस्थापना किसी विभाग में नहीं कराई गई है। बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन के पत्र के अनुसार अब सभी विभागों में बेल्ट्रॉन के तहत ऑपरेटर की बहाली की जानी है। पूर्व से कार्यपालक सहायकों को भी बैठकों के तहत परीक्षा देना होगा। विभाग के इस पत्र से कार्यपालक सहायकों में काफी आक्रोश है। उनका कहना है कि यदि हमसे बार-बार परीक्षा ली जाती है तो विभाग के अधिकारी से परीक्षा आयोजित क्यों नहीं की जाती है। उन्हें भी परीक्षा में बैठनी चाहिए। जिलाध्यक्ष ने कहा कि शासी परिषद के 29वीं में बैठक में लिए गए निर्णय को निरस्त कर जब तक हमारी मांगों को पूरी नहीं की जाएगी, तब तक हम सभी आंदोलन पर डटे रहेंगे। जरूरत पड़ी तो आमरण अनशन व आत्मदाह भी किया जाएगा।