औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। शादी-विवाह का लगनौती मौसम आषाढ़ माह के बीतने के साथ ही अब खत्म होने वाला है। इस बीच औरंगाबाद जिले में कुछ दुल्हों की गिरफ्तारी की घटनाएं सामने आई है। हाल-फिलहाल पुलिस ने ऐसे दो दुल्हों को पकड़ा है, जिन पर संगीन अपराध में शामिल होने का आरोप है। पहला मामला रफीगंज का है, जहां पुलिस ने शादी के बाद दुल्हन की विदाई कराकर ले जा रहे दुल्हे को पुलिस ने धर दबोंचा। नतीजतन दुल्हन ससुराल जाने से चुक गयी और उसे वापस अपने मायके जाना पड़ा। दूसरा मामला दो दिन पहले का है, जहां ओबरा पुलिस ने शादी की बारात लेकर जा रहे दुल्हे को रास्ते में ही धर दबोंचा। नतीजतन यहां दुल्हे की बारात तो नही लगी लेकिन पुलिस ने दरियादिली दिखाते हुए वधू पक्ष के लोगो को थाना बुलाकर देव सूर्य मंदिर में शादी का प्रबंध कराया और शादी की रस्म पूरी होने के बाद पुलिस ने दुल्हे को जेल भेज दिया। यहां भी दुल्हन दुल्हे के साथ ससुराल के लिए विदा होने के बदले शादी के बाद मायके के लिए विदा हो गई।
ऐसे में वधू पक्ष के लिए अब यह जरूरी हो गया है कि शादी का रिश्ता तय करने से पहले दुल्हे के जाति-गोत्र और पेशे को जानने की पुरानी परंपरा पर तो अमल करे ही। साथ ही नयी परंपरा की बुनियाद रखे और दुल्हे के कैरेक्टर का पुलिस वेरिफिकेशन कराये ताकि शादी के तत्काल बाद या शादी के पहले दूल्हा को हनीमून के बदले हवालात की सैर करने न जाना पड़े। ऐसे में वर्तमान में बनती-बिगड़ती परिस्थितियों में यह देखने और समझने की जरूरत है कि अगर आप अपनी बेटी या बहन के लिए रिश्ता देख रहे हैं तो बेहद सतर्कता बरतिएं। सिर्फ लड़के की जाति-गोत्र, संपत्ति, रूप-रंग, कद-काठी और पेशा ही मत देखिए वरन उसके चरित्र को भी जानिए। इसके लिए संबंधित पुलिस का भी सहयोग ले क्योकि आम मामलों से इतर शादी-विवाह के मामले में पुलिस का रवैया वधू पक्ष के प्रति सहयोगात्मक ही रहा करता है। यदि आप रिश्ते की बात चला रहे किसी लड़के के कैरेक्टर वेरिफिकेशन के लिए पुलिस के पास पहुंचेंगे तो पुलिस निरूसंदेह आपको सहयोग करेगी। यदि पुलिस लड़के के कैरेक्टर को सही वेरिफाई करती है तो इससे शादी के बाद दूल्हे को दुल्हन को लेकर अपने घर पहुंचने के बजाय हवालात की सैर नही करनी पड़ेगी और न ही इसका खामियाजा हमारी बहन-बेटियों को नही भुगतना पड़ेगा। हालांकि ऐसी घटनाओं से पीड़ित वधू पक्ष को शादी के बाद जरूर पछतावा हो रहा है। उनपर यह कहावत भी लागू हो रही है कि-अब पछतावत का होत है, जब चिड़ियां चुग गई खेत। खैर अब हाल के दिनों में औरंगाबाद जिले में में हुई ऐसी अलग-अलग दो घटनाओं को भी जान लीजिएं जिसने समाज को चैंका दिया है। इनमे एक मामले में एक जगह दूल्हा शादी के बाद तो दूसरी जगह शादी के पहले ही गिरफ्तार हो गया। दोनों पर ही लूट जैसे गंभीर अपराध का आरोप था। यानी दोनो ही दूल्हे लुटेरे निकले। इन दोनो मामलों से सबक लेने की लेने की जरूरत है ताकि बहन-बेटियों को उनका वैवाहिक जीवन खुशहाल और सुखमय हो सके।
पहला मामला-धूमधाम से हुई शादी, पर दुल्हन को घर लेकर पहुंचने से पहले दूल्हा गिरफ्तार-
औरंगाबाद जिले के रफीगंज प्रखंड के खैरी मुड़ला गांव निवासी बिंदेश्वरी यादव ने अपनी बेटी की शादी गया जिले के प्राणपुर गांव निवासी निरंजन कुमार के साथ तय की थी। शादी से पहले लड़का के बारे में सारी जानकारी ली, लेकिन उसके आपराधिक इतिहास की जानकारी नहीं ली। धूमधाम से दूल्हा बारात लेकर 19 मई 2022 को दुल्हन के घर पहुंचा। पूरे विधि-विधान से हर्षोल्लास के साथ शादी हुई। सुबह दुल्हन की विदाई की गई, लेकिन दुल्हन लेकर घर पहुंचने से पहले ही रफीगंज पुलिस ने खड़वां मोड़ से दूल्हा को गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ नवादा जिले के एक थाना में फाईनेंस कर्मी से छिनतई का मामला दर्ज था। इसी मामले में पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। दूल्हा को गिरफ्तार करने के बाद दुल्हन को पुलिस ने उसके घर भेज दिया। इसके बाद दुल्हन के आक्रोशित परिजनों ने दूल्हा के बहनोई व एक चालक को बंधक बना लिया था और शादी तोड़ने पर आमादा हो गए थे।
दूसरा मामला-वर निकासी हुई, पर दुल्हन लेने ससुराल नहीं पहुंच पाया दूल्हा, रास्ते में ओबरा पुलिस ने किया गिरफ्तार-
औरंगाबाद जिले के देवकुंड थाना क्षेत्र के दुलार बिगहा गांव निवासी कामेश्वर यादव ने अपनी बेटी की शादी दाउदनगर थाना क्षेत्र के उच्चकुंधी गांव निवासी मिथलेश यादव के बेटे सोनु कुमार से तय की थी। सबकुछ जानकारी अगल-बगल के लोग व रिश्तेदारों से ली, लेकिन उसके आपराधिक इतिहास की जानकारी नहीं ली। तिलक चढ़ने के बाद 22 जून को पूरे धूमधाम से दूल्हे की वर-निकासी हुई। सेहरा सजाकर दूल्हा विवाह करने के लिए रवाना हुआ, लेकिन वह दुल्हन के घर तक नहीं पहुंच पाया। रास्ते से ही ओबरा पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया क्योंकि उसके खिलाफ ओबरा थाना में लूट मामले में कांड संख्या 26ध्21 व दाउदनगर थाना में आर्म्स एक्ट मामले में कांड संख्या 72ध्21 दर्ज था। दूल्हे की गिरफ्तारी के बाद भी परिजनों की रजामंदी से पुलिस ने देव सूर्य मंदिर में में दोनों की शादी करायी, लेकिन फिर उसे जेल भेज दिया गया। नौकरी के लिए चरित्र प्रमाण पत्र जरूरी तो शादी के लिए भी हो कैरेक्टर वेरिफिकेशन जरूरी-इन विकट परिस्थितियों में यह सवाल उठना लाजिमी है कि सरकारी नौकरियों में ज्वाईनिंग से पहले चरित्र प्रमाण पत्र की मांग की जाती है। यह जाना जाता है कि ज्वाईनिंग करने वाले लड़का का चरित्र कैसा है? सरकारी नौकरी में आने पर वह लोगों को बेहतर सेवा दे पाएगा या नहीं? ऐसे में अगर नौकरी के लिए चरित्र प्रमाण पत्र जरूरी है तो फिर शादी के लिए क्यों नहीं? आखिर यह बेटियों की जिंदगी से जुड़ा सवाल है। जिसके साथ शादी होगी, पूरा जीवन उसके साथ रहना है। ऐसे में चरित्र प्रमाण पत्र क्यों नहीं मांगा जाना चाहिए और अब वधू पक्ष के लोग लड़के का कैरेक्टर वेरिफिकेशन कराने की नई परंपरा की बुनियाद रखते हुए इसे अपना ले तो इससे बेहतर कुछ और हो ही नही सकता।