औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। भ्रष्टाचार प्रतिरोध संघर्ष मोर्चा ने बिहार सरकार और क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों पर मदनपुर के देवजरा से भुईंयां जाति के लोगों के पलायन की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।
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इसे लेकर मोर्चा की बिहार-झारखंड सांगठनिक राज्य कमिटी के सचिव आलोक कुमार ने बिहार के राज्यपाल, राज्य मानवाधिकार आयोग, राजनीतिक दलों के अध्यक्ष-सचिव एवं औरंगाबाद के डीएम-एसपी को पत्र लिखा है। पत्र में मोर्चा के सचिव ने कहा है कि वर्ष 2020 में भय, भूख और असुरक्षा के कारण मदनपुर प्रखंड के देवजरा से भुईंयां जाति के सैकड़ों दलित परिवार अबतक अन्यत्र पलायन कर चुके है। यह गंभीर चिंता का विषय है और इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। सैकड़ों तायदाद मे दलितों का पलायन कानून के राज, सुशासन तथा महादलित आयोग के गठन का असली चेहरा उजागर करता है। इस सवाल पर राजनीतिक दलों खासकर तथाकथित वाम जनवादी, धर्मनिरपेक्ष एवं लोकतांत्रिक पार्टियों का चुप्पी साधना भी आम लोगों के बीच उनकी प्रासंगिकता पर सवाल खड़ा कर रहा है।
कहा कि देवजरा गांव से सैकड़ो के तायदाद में दलितो के पलायन के अलावा आज भी वाम जनवादी, लोकतात्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष शक्तियों, प्रगतिशिल बुद्धिजीवियों, गरीब एवं कमजोर ग्रामीणों पर दबंगों तथा फासिस्ट शक्तियों का हमला निरंतर जारी है। मोर्चा सरकार प्रशासन एवं सभी राजनितिक दलो तथाकथित वाम जनवादी, लोकतांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष शक्तियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए पलायन किये दलितों को प्रतिस्थापित कराने, पर्चा द्वारा हासिल उनकी भूभि को चिन्हित कर कब्जा दिलाने, आवास की सुविधा उपलब्ध कराने तथा सुरक्षा दिलाने की मांग करता है। साथ ही पलायन के लिए जिम्मेवार लोगों को चिन्हित कर उन पर कार्रवाई की भी मोर्चा मांग करता है।