- अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य तेज करने का दिया निर्देश
पटना(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सड़क मार्ग से आरा एवं सारण जिले के बाढ़ से प्रभावित इलाकों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री कोईलवर और बबुरा का जायजा लेते हुये छपरा पहुंचे। छपरा के डोरीगंज, मौजमपुर होते हुए सोनपुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भी उन्होंने जायजा लिया।
मुख्यमंत्री ने सारण जिले के मुसेपुर चैक पर बाढ़ प्रभावित लोगों के लिये चलाये जा रहे सामुदायिक किचेन का निरीक्षण किया। सामुदायिक किचेन में भोजन कर रहे लोगों से उन्होंने बातचीत की और वहां की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। कम्युनिटी किचेन के निकट चलाये जा रहे कोविड टीकाकरण केन्द्र का भी मुख्यमंत्री ने निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि यहां पर रहे सभी लोगों की कोरोना जांच अवश्य कराएं और जो भी संक्रमित पाए जाते हैं तो उनके लिए अलग से व्यवस्था करें। जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है उनका टीकाकरण अवश्य कराएं।
मुख्यमंत्री ने मुसेपुर चैक पर रह रहे विस्थापित लोगों से बातचीत की उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि सामुदायिक किचेन को और बड़ा किया जाए ताकि सहूलियत पूर्वक अधिक से अधिक भोजन कर सकें। लोगों को यहां किसी प्रकार की दिक्कत न हो इसका ख्याल रखें। यहां टेंट के साथ-साथ अन्य जरुरी चीजों की भी पूरी व्यवस्था रखें। पशु चारा की पूरी उपलब्धता रखें। उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी बातचीत की और कहा कि लोगों को राहत दिलाने के लिए जिला प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर सभी काम करें। छपरा के जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को प्रभावित आबादी की जानकारी दी और नावों के परिचालन एवं अन्य राहत कार्यों की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित फोरलेन कोईलवर पुल पर रुककर सोन नदी एवं वीर कुंवर सिंह सेतु पर गंगा नदी की धारा एवं जलस्तर का जायजा लिया। पटना वापस आने के क्रम में मुख्यमंत्री ने जे0पी0 सेतु पर रूककर गंगा नदी के जलस्तर का लिया जायजा। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के दौरान जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार एवं संबद्ध जिलों के जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे।
वापस लौटने के पश्चात मुख्यमंत्री ने 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में आपदा प्रबंधन एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ स्थिति की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में हुई क्षति का ठीक से आकलन कराएं। साथ ही किसानों की धान रोपनी की क्षति का भी आकलन कराएं। प्रभावित लोगों से संपर्क बनाए रखें और पूरी तत्परता के साथ सभी लोगों की सहायता करें। जिलाधिकारियों से निरंतर संपर्क में रहें और स्थिति पर नजर बनाए रखें। राहत एवं बचाव कार्य तेजी से करें ताकि लोगों की त्वरित सहायता हो सके।
बैठक में जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे।