सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ शिक्षकों ने काला बिल्ला लगाकर किया काम

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। प्राथमिक शिक्षक संघ(गोपगुट)मूल के आह्वान पर बुधवार को पूरे बिहार में शिक्षकों ने काला बिल्ला लगाकर विद्यालय किया तथा कुछ जगहों पर राज्य सरकार द्वारा निर्गत बोरा बेचने के आदेश की प्रति भी जलाई।

संघ के महासचिव सत्येन्द्र कुमार ने प्रेस बयान जारी कर कहा कियह कार्रवाई राज्य सरकार के लिए एक चेतावनी की तरह है। सरकार शिक्षक-शिक्षा विरोधी तुगलकी फरमान जारी कर शिक्षकों को परेशान करना बंद करे अन्यथा शिक्षक समाज इससे भी बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होगा। दावा किया कि जहानाबाद, कैमूर, औरंगाबाद, अरवल, गया, भागलपुर, पटना, भोजपुर आदि जिलों में शिक्षकों ने काला बिल्ला लगाकर विद्यालय कार्य किया। आगे की रणनीति बनाने के लिए संघ की राज्य कमिटी की अगली बैठक शीघ्र ही बुलाई जाएगी जिसमें राज्य सरकार के शिक्षक-शिक्षा विरोधी नीति एवं नियत के खिलाफ संघर्ष की रूप-रेखा तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार को एक शिक्षक द्वारा चैराहे पर बोरा बेचने से बेइज्जती महसूस हो रही है तो उसने इस आदेश को निर्गत करने वाले जिम्मेवार पदाधिकारियों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? राज्य सरकार शिक्षकों के ऊपर दमनात्मक कार्रवाई करने में तो अति तत्परता दिखाती है लेकिन शिक्षक हित के बकाया मुद्दों को हल करने में वर्षों लगा देती है।

पिछले पांच वर्षों से विभिन्न जिलों में शिक्षकों का स्नातक ग्रेड और प्रधानाध्यापक के पदों पर प्रोन्नति बंद है जिससे कई विद्यालयों में स्नातक विज्ञान और स्नातक कला के शिक्षक नहीं हैं तथा कई विद्यालय प्रधानाध्यापक विहीन हैं। इस कारण बच्चों के शिक्षा के अधिकार कानून को समग्रता में लागू करने में भारी व्यवधान पैदा हो रहा है। कहा कि केन्द्र सरकार 11 प्रतिषत डीए में बढ़ोतरी कर के विगत जुलाई माह में हीं अपने कर्मियों को लाभ दे चुकी है लेकिन समझौता के मुताबिक बिहार के शिक्षकों-कर्मचारियों के लिए डीए वृद्धि की कार्रवाई राज्य सरकार ने अभी तक नहीं की है। इस मामले में राज्य सरकार उतनी तत्परता क्यों नहीं दिखलाती? उन्होंने राज्य के सभी शिक्षक संघों का आह्वान किया कि वे शिक्षक हित में राज्य सरकार की शिक्षक-शिक्षा विरोधी नीतियों के खिलाफ एक बार फिर से संयुक्त-संघर्ष में उतरने के लिए एक प्लेटफॉर्म पर एकजुट हों। उन्होंने इस मामले में और शिक्षकों के अन्य समस्याओं के समाधान हेतु आगामी संघर्ष की रूप रेखा तैयार करने के लिए बिहार राज्य संयुक्त शिक्षक संघर्ष समिति की बैठक बुलाने हेतु पहल करने की भी बात कही। कहा कि वे शीघ्र ही श्संघर्ष समिति की बैठक बुलाने हेतु हरसंभव प्रयास करेंगे ताकि शिक्षकों के ऊपर विभिन्न तरह से किए जा रहे दमनात्मक कार्रवाई के खिलाफ कारगर प्रतिरोध विकसित किया जा सके।