औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद जिलें में धनकटनी का काम चरम पर है। धनकटनी कर किसान धान की फसल को खेत से खलिहान और खलिहान से घर पहुंचाने में लगे हैं। आलम यह है कि अब अधिकांश किसान हार्वेस्टर से ही धान की कटाई कराते हैं। इस कारण धान किसानों के घर तक लगभग पहुंच गए हैं और किसान रब्बी फसल की बुआई में भी व्यस्त हो गये हैं। रब्बी फसल बोने के लिए किसानों को रुपयों की जरूरत है और अभी सरकारी स्तर पर धान की खरीदारी शुरू नहीं हो सकी है। ऐसे में किसान बेचैन हैं क्योकि धान क्रय केंद्र अभी तक नहीं खुला है।
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धान क्रय केंद्र नही खुलने के कारण खरीदारी आरंभ नहीं हो सकी है। इस वर्ष सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1868 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। सरकार ने दर तो तय कर दिया परंतु खरीदारी आरंभ नहीं हो सकी है। बाजार में धान की कीमत 1200 रुपये प्रति क्विंटल है। जिन किसानों को पैसे की ज्यादा जरूरत है, वे अपना धान बाजार में बेच रहे हैं। ऐसे किसान कभी भी सरकारी दर पर धान नहीं बेच पाते हैं। इधर धान क्रय के मामलें में पैक्स अध्यक्षों का अलग तरह का रोना है। पैक्स अध्यक्षों की शिकायत है कि पैक्सों का धान क्रय के लिए अब तक बैंक से कैश क्रेडिट नहीं हुआ है। जब तक सीसी नहीं हो जाता है, धान की खरीदारी कैसे प्रारंभ होगी। वही किसानों का कहना है कि सरकार सिर्फ दिखावे के लिए धान की खरीदारी करती है। जब किसानों के पास धान नहीं होते हैं तो खरीदारी आरंभ होती है। किसानों को हमेशा पैसे की जरूरत होती है।
औरंगाबाद में 2 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य-
खलिहान में रखी धान की फसल
को-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष सह देव प्रखंड के खरकनी पैक्स के अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह बताते है कि जिले में 2 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य है। धान खरीद को लेकर अधिकारियों के साथ अभी तक बैठक नहीं हुई है। जिलें में 204 पैक्स एवं 11 व्यापार मंडल द्वारा धान की खरीदारी की जाती है। 10 से 12 पैक्स डिफाल्टर हैं, जिस कारण वें धान की खरीद नहीं कर सकेंगे। ऐसे पैक्स को पास के पैक्स से टैग किया जाएगा ताकि किसानों को कोई परेशानी न हो। अध्यक्ष ने बताया कि सरकार ने धान खरीद के लिए पैसा उपलब्ध नहीं कराया है। कहा कि जब तक सरकार 40 प्रतिशत राशि की सीसी नहीं करेगी, धान क्रय की शुरुआत नहीं की जाएगी।