गोड्डा : 23 जून को गोड्डा जिले के सुंदरपहाड़ी ब्लॉक के आमजोड़ा गांव में आदिवासी अस्तित्व और पर्यावरण सुरक्षा का ऐलान किया गया।
५०० से करीब लोगों के दिनभर सम्मेलन में अडानी गोड्डा पावर प्लांट, बोआरीजोर ट्रांसमिशन लाइन, साहेबगंज रिजर्वॉयर आदि अन्य प्रजेक्त प्रभावित व्यक्तिगण शामिल हुए और अपनी बात रखे। स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर के भी कई सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
सम्मेलन में बताया गया कि साहेबगंज से गंगा की पानी रिजर्वोयर से होते हुए गोड्डा पावर प्लांट को ठंडा रखने के लिए लाई जाने की प्लान है, और उस रिजर्वॉयर और गंगा नदी से पानी पंप करने की व्यवस्था चलाने के लिए गोड्डा से बोआरीजर होते हुए ट्रांसमिशन लाइन जायेगी।
ऑस्ट्रेलिया से आयात किया हुआ कोयला गोड्डा पावर प्लांट में जलाकर बिजली उत्पादन की जाएगी जिसको बांग्लादेश में निर्यात की जाएगी, ऐसा बताया गया। ऑस्ट्रेलिया में कोयला खदान, और ऑस्ट्रेलिया और भारत में बंदरगाह जिसके ज़रिए कोयला आयात किया जाएगा, तीनो अडानी कंपनियों के ही हैं।
इसके अलावा, सम्मेलन में कहा गया जी क्षेत्र में सुंदर जलाशय, हुर्रासी कोल माइनिंग, जितपुर कोल ब्लॉक, सड़क चौड़ीकरण और हवाई अड्डा के लिए जमीन आदिवासी ग्रामीणों के राय लिए बगैर उनसे छीना जा रहा है।
बताया गया कि वन अधिकार कानून २००६ का खुलेआम उल्लंघन करते हुए गोरीजोर में हुर्रसी कोल माइंस क्षेत्र के छः गांव के ५२७ हेक्टेयर वन भूमि को ग्राम सभा की सहमति के बगैर ईसीएल को दिया गया, जिसका सीधा असर पर्यावरण पर पड़ रहा है।
सम्मेलन में सरकार को पांच मांग रखे गए:
- भारतीय संविधान में उल्लेखित आदिवासी/मूलवासी अधिकार अक्षरशः लागू करें।
- संथाल परगना टेनेंसी एक्स १९४९ पांचवी अनुसूचि के प्रावधान एवं पेसा कानून १९९६ अनुसार राज्य सरकार शीघ्र नियमावाली तैयार कर ग्राम सभा को शक्ति देकर स्वशासन स्थापित करें।
- जंगलों को (बचाने) संरक्षण एवं संवर्धन की अधिकार ग्राम सभा को प्रदान किया जाए क्योंकि आदिवासियों ने सदियों से जंगलों (पर्यावरण) को बचाया है।
- खतियान आधारित स्थानीय निति, नियोजन निति एवं उद्योग निति परिभाषित किया जाए।
- पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था को संभालने का मौका प्रदान करे।
सम्मेलन के आयोजक रहे हासा आर भाषा जोगाव संगठन गोड्डा, जन जिगृति संघर्ष मोर्चा लीलातारी (बोआरीजर), और भूमि बचाव संघर्ष समिति गोड्डा, और उनके सहयोगी संगठन रहे इंसाफ, ग्रोथवॉच, आमरा एक सचेतन प्रयास, झारखंड जनाधिकार महासभा, और मांझी परगना संगठन, सुंदरपहाड़ी।
मरंग बुरो की पूजा से शुरु की गई सम्मेलन सफलता पूर्वक आयोजित की गई।