पटना(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। दिवाली मनायें, पर पटाखों से दूरी बनायें और आंखों को बचायें। सरकार की ओर से प्रतिबंधित हैं पटाखे फोड़ना, पर दुर्भाग्यवश यदि पटाखे छोड़ने पर बच्चों की आंखें यदि चोटिल या जख्मी होती हैं तो सबसे पहले पानी से आंखों को धोयें और जितना जल्दी हो सके निकटतम आंखों के अस्पताल या नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।
आंखों में पटाखे के कण, धूल या अन्य विस्फोटक पदार्थ प्रवेश किया हो तो घरेलू उपचार के भरोसे ना रहें, बल्कि विशेषज्ञ नेत्र चिकित्सक से दिखायें। आज यह बातें सगुना मोड़ स्थित दृष्टिकुंज नेत्रालय की निदेशक डॉ निम्मी रानी ने दीपावली के मौके पर बच्चों को पटाखों से सावधानी बरतने के दौरान कही। डा निम्मी रानी ने कहा बच्चे की उंचाई कम होती है ऐसे में बच्चे अभिभावकों की निगरानी में पर्याप्त दूरी बनाकर ही पटाखे छोड़ें।
ग्लूकोमा विशेषज्ञ डॉ रणधीर झा ने कहा पटाखे से जख्मी सामान्यतौर पर वे लोग होते हैं जिन्हें पटाखे फूटने की जानकारी नहीं होती, खासकर राहगीर या भीडभाड़ के इलाके से गुजरनेवाले लोग। पटाखे छोड़ने ही हों तो खुली जगह पर छोड़ें। आंखों के जख्मी होने की स्थिति में खुले काउंटर से दवाई नहीं लें, अक्सर उसमें स्टेरायड होता है जो राहत व बचाव के बदले बाद में मरीजों के लिए परेशानी बन सकता है।