औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। केंद्रीय पुलिस सशस्त्र सीमा बल(एसएसबी) की बिहार के औरंगाबाद के कालापहाड़ स्थित 29वीं वाहिनी के कमांडेंट हरेकृष्ण गुप्ता के निर्देश पर वाहिनी की बी कंपनी कमांडर लोकेश कुमार ने टीम के जवानों के साथ एक हार्डकोर नक्सली को गिरफ्तार करने के लिए यहां से झारखंड जाकर छापेमारी की।
इस दौरान उन्होने झारखंड के पलामू जिले के हुसैनाबाद थाना की पुलिस के सहायक उप निरीक्षक सोमप्रकाश, टंडवा थाना के सिपाही सत्येंद्र कुमार के साथ सयुंक्त अभियान चलाकर कई घटनाओ को अंजाम देने वाले हार्डकोर सक्रिय नक्सली रवींद्र पासवान उर्फ डीजीएम को धर दबोंचा। कमांडेंट ने बताया कि नक्सली को पचम्भा गांव के पास से गिरफ्तार किया गया।
उन्होने बताया कि पकड़ा गया नक्सली मोस्ट वांटेड था। उस पर हुसैनाबाद थाना में कांड संख्या 241/21 दर्ज था। हुसैनाबाद थानाध्यक्ष जगन्नाथ धान के मुताबिक रवींद्र झारखंड जन मुक्ति परिषद संगठन के नाम पर लेवी मांगा करता था। काफी दिनों से पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही थी, लेकिन किसी न किसी तरीके से वह बच निकलता था। पूछताछ में उसने कई कांडो में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। वह पहले भी कई कांडो में जेल जा चूका है। इलाके में उसके नाम का काफी दहशत का महौल बना रहता था। गिरफ्तारी के बाद उसने कई अहम जानकारी दी है जिससे नक्सल गतिविधियों के रोकथाम में मदद मिलेगी।
गौरतलब है कि बिहार की औरंगाबाद पुलिस ने इन दिनों नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन के मामले में झंडा बुलंद कर रखा है। अभी हाल ही में यहां की पुलिस ने बिहार-झारखंड में आतंक का पर्याय रहे नामचीन और 18 लाख के इनामी बड़े नक्सली को गिरफ्तार किया था। एसएसबी ने भी रवींद्र को गिरफ्तार कर नक्सलियों के संगठन को हिलाकर रख दिया है।