औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद जिले के रफीगंज विधानसभा क्षेत्र से लगातार दो चुनाव लड़कर विरोधी प्रत्याशियों के छक्के छुड़ा देनेवाले मदनपुर के कमात निवासी सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता प्रमोद कुमार सिंह फिर से अपने पुराने घर यानी अपनी पुरानी पार्टी लोजपा में शामिल हाेने जा रहे है।
उन्होने लोजपा(रामविलास) में शामिल होने की घोषणा कर दी है। घोषणा के अनुरूप पार्टी में शामिल होने की बाजाप्ता तारीख तय कर दी गई है। तय तारीख पर 26 अगस्त को लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष व जमुई के सांसद चिराग पासवान औरंगाबाद आकर उन्हे पार्टी में शामिल करेंगे। इसके लिए शहर के बंधन रिसॉर्ट में मिलन समारोह आयोजित किया गया है। मिलन समारोह में श्री सिंह अपने हजारो समर्थकों के साथ लोजपा रामविलास में शामिल होंगे। श्री सिंह द्वारा मिलन समारोह को शानदार बनाने की युद्ध स्तर पर तैयारी की जा रही है। उनके समर्थक उत्साह के साथ मिलन समारोह की तैयारी में जुटे है। श्री सिंह ने बताया कि कुछ दिन पहले उन्होंने औरंगाबाद में अपने शुभेच्छुओं, सहयोगियों एवं समर्थकों की मैराथन बैठक की थी। बैठक में भविष्य की राजनीति और रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई। चर्चा में सभी ने उन्हे लोजपा रामविलास में पुनः शामिल होने की सलाह दी। शुभेच्छुओं की सलाह को सिर आंखों पर लेते हुए उन्होने लोजपा रामविलास में शामिल होने का फैसला लिया और 26 अगस्त को वे विधिवत रूप से हजारों समर्थकों के साथ पार्टी में शामिल हाेने जा रहे है।
उन्होने कहा कि लोजपा उनका पुराना और अपना घर है। लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान मेरे प्रथम राजनीतिक गुरु हैं और मैंने जीवन का पहला विधानसभा चुनाव रफीगंज से लोजपा के टिकट पर ही 2015 में लड़ा। जब तक मैं पार्टी में रहा रामविलास पासवान के दिशा निर्देशों, विचारों एवं पार्टी के उद्देश्यों को अपने संपूर्ण अंतर्मन एवं पूर्ण निष्ठा के साथ अपना योगदान देता रहा। मैं अपने राजनीतिक गुरु स्व. रामविलास पासवान के विचारों एवं उद्देश्यों से हमेशा प्रभावित रहा हूं और उनका स्नेह, आशीर्वाद और मार्गदर्शन समय-समय पर काफी प्रभावी तरीके से मुझे मिलता रहा है। बाद में कुछ कारणों से मेरी पार्टी(लोजपा) के कुछ व्यक्तिगत लोगों के साथ विचारों में मतभेद दिखने लगा। इस बीच धीरे-धीरे पार्टी से मेरी दूरियां बढ़ती चली गई लेकिन रामविलास पासवान जी के साथ मेरे रिश्ते हमेशा बरकरार रहे और उनसे मेरी व्यक्तिगत मुलाकात एवं विचार विमर्श हमेशा होता रहा। इन सारे घटनाक्रम के दौरान भी मेरे आदरणीय नेता के साथ मेरे रिश्ते, विचार एवं उद्देश्यों में कभी कोई फर्क नहीं पड़ा एवं उनका आशीर्वाद एवं स्नेह मेरे उपर उस दौरान भी पहले की तरह ही मिलता रहा। आज वे इस दुनिया में नहीं है, जो मेरे लिए एक अपूरणीय क्षति है। जो शायद ही कभी पूर्ण हो पाए। मेरी नजर में मेरे लिए हमेशा से परम आदरणीय रहे मेरे राजनीतिक गुरु स्व. रामविलास पासवान देश की महानतम विभूतियों में से एक महान व्यक्ति थे। उनके न होने के बावजूद उनके यशस्वी सुपुत्र, वर्तमान सांसद एवं लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान एवं उनके परिवार के साथ मेरा पारिवारिक संबंध पहले की तरह ही हमेशा से बना रहा है। कई मौकों पर चिराग पासवान और उनके परिवार के साथ मेरी मुलाकातें होती रही हैं और ज्यादातर मौकों पर चिराग पासवान ने मुझे “घर वापसी” यानी पुनः पार्टी(लोजपा) के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने की बात करते रहे हैं। पिछले दिनों भी कई मौकों पर उन्होंने मुझे पार्टी(लोजपा) से जुड़कर कार्य करने को प्रेरित किया। इन्हीं सारी बातों के मद्देनजर और शुभेच्छुओं की सद्इच्छा का सम्मान करते हुए मैने अपने पुराने घर यानी लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास में वापसी का निर्णय लिया।