- ग्लोबल वर्ल्ड में बिहार के युवाओं की नई छवि प्रस्तुत करता छठ गीत “माई खातिर” रिलीज
- मां और माटी के प्रेम के साथ दुनियाभर में बिहार की नई छवि गढ़ रहे युवा : नीरज अग्रवाल
- छठ गीत “माई खातिर” मेरे दिल के करीब, गाते समय हुई आंखें मेरी नम : रंजना झा
पटना : लोक आस्था का महापर्व छठ 17 नवंबर से शुरू हो रहा है। इसको लेकर सीमेज पटना द्वारा प्रस्तुत छठ गीत “माई खातिर” रिलीज किया गया है, जिसमें संगीत नाटक अवार्ड से सम्मानित रंजना झा ने अपनी खूबसूरत आवाज दी है और यह गाना पुष्य मित्र व मोना झा के ऊपर फिल्माया गया है।
सिमेज़ द्वारा महापर्व छठ को लेकर एक ऐसे गाने की प्रस्तुति की गई है जिसमें आधुनिकता और पाश्चात्य संस्कृति के आकर्षण के बीच ग्लोबल वर्ल्ड में बिहार के युवाओं की नई छवि प्रस्तुत करता है।
इस छठ गीत में एक कहानी भी साथ-साथ चलती है जो नए बिहार की छवि गढ़ती है, जिसके युवा आज ग्लोबल वर्ल्ड में अपने प्रदेश और परिवार का नाम तो रोशन कर ही रहे हैं, साथ ही अपनी माटी से भी उनका प्रेम कम नहीं है।
इस गीत में एक ऐसे बेटे की कहानी है जो अपनी मां के लिए छठ करता है, क्योंकि उसकी मां बीमार होती है। बेटे की नौकरी हो जाए इसलिए मां ने जो मन्नत मांगी थी उसे भी उसका बेटा पूरा कर रहा होता है।
इस गीत को लेकर रंजना झा ने कहा कि छठ गीत “माई खातिर” मेरे दिल के करीब है. इस गाने ने मेरी आत्मा को छू लिया. अस्मिता के लिए मैंने पहले भी गाने गए हैं. यह गाना पुरुषों पर आधारित हैं. फिर भी उन्होंने मुझे कहा इस गाना को गाने. उन्होंने कहा कि छठ महिलाओं पर सुंदर दिखता है. जब मैं स्टूडियो में गा रही थी, तब आंखें नम हो गयी थी. मुझे रुकना पड़ा. गाते – गाते मैं उस किरदार में पहुँच गयी. और बिना किरदार में उतरे गाने का भाव नहीं आता है.
छठ गीत “माई खातिर” को लेकर सिमेज के डायरेक्टर नीरज अग्रवाल ने कहा कि इस गाने को बनाने का मकसद यह था कि जब भी बिहारी युवाओं का जिक्र होता है, तब लोगों के मन में अक्सर बिहार के युवाओं की नकारात्मक छवि बनती है।
अगर थोड़ी सी सकारात्मक छवि होती भी है तो वह इस आईएएस – आईपीएस को लेकर होती है। लेकिन अब दौर बदल गया है बिहार के युवा सीमित जैसे संस्थानों से पढ़ाई कर वैश्विक परिपेक्ष में अपनी धाक जम रहे हैं। स्टार्टअप कर रहे हैं। उद्योग लगा रहे हैं। एंटरप्रेन्योर बना रहे हैं मल्टीनेशनल में काम कर रहे हैं। और हर जगह गर्व से खुद को बिहार के रूप में प्रस्तुत भी कर रहे हैं। विदेश में जाकर डॉलर कमा रहे हैं जिससे हमारा देश आज मजबूत हो रहा है।
उन्होंने कहा कि भले आज बिहार के युवा आधुनिक युग में पश्चात संस्कृति के बीच अपनी पहचान बना रहे हैं लेकिन उनमें देश की संस्कृति और बिहार की माटी की सुगंध आज भी रचती बसती है यही वजह है कि जब छठ पर्व का माहौल आता है, तब उनके मन में इस महापर्व के प्रति यादें ताजा हो जाती हैं और वह अपने गांव घर आने को बेकरार हो जाते हैं।
इस गाने में जहां मां का वात्सल्य और अपनी संस्कृति से जुड़ाव का भाव देखने को मिलता है, वहीं सच्ची मित्रता का भी बोध इस गीत में झलकता है। इसलिए मुझे लगता है कि यह गाना महापर्व छठ के साथ-साथ नए बिहार की छवि को भी एक व्यापक परिदृश्य में प्रदर्शित करता है। इसलिए मैं समस्त बिहार वासियों से आग्रह करूंगा कि वह एक बार इस गाने को जरूर देखें।
गौरतलब है कि छठ गीत “माई खातिर” को सिमेज पटना के ऑफिसियल यूट्यूब से रिलीज किया गया है। इसके निर्देशक अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में चर्चित फिल्मकार प्रतीक शर्मा हैं, जबकि राष्ट्रपति से सम्मानित शास्त्रीय संगीत और लोकगायिका रंजना झा ने इसे गाया है। गीतकार टीवी की मशहूर कलाकार अस्मिता शर्मा हैं। इस गाने में पुष्य मित्र और मोना झा के अलावा आशीष मिश्रा और अभिषेक भी मुख्य भूमिका में नजर आए हैं। जबकि गेस्ट एपियरेंस में खुद नीरज अग्रवाल, नीरज पोद्दार और मेघा अग्रवाल हैं।
मौके पर फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम, बीपीएससी के बोर्ड मेंबर अरुण भगत, सिमेज की प्रिंसिपल मेघा अग्रवाल, वेद प्रकाश समेत अन्य लोग उपस्थित थे।