औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद जिला प्रषासन ने मुख्यमंत्री पेयजल आपूर्ति निष्चय योजना के तहत गांवों में स्थापित ग्रामीण पेयजल योजनाओं के पानी को बर्बाद करने और भू-गर्भ जल का अनावष्यक दोहन करने के आरोप में एक सप्ताह के अंतराल पर लगातार दूसरी बार 60 वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समितियों को कारण बताओं नोटिस जारी किया है। इसके पूर्व 16 जून को भी 60 वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समितियों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया था। जिन समितियों का जवाब संतोषजनक नही होगा, उन पर प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी।
पानी की आपूर्ति पर निगरानी की राज्य सरकार ने मुकम्मल व्यवस्था की है। इसके तहत सभी ग्रामीण पेयजल योजनाओं में आइओटी डिवाइस अधिष्ठापित किए गए हैं। इस डिवाइस से प्राप्त आंकडों की निरंतर समीक्षा की जा रही है और समीक्षा में पाया गया है कि कई वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समितियों द्वारा निर्धारित समय अवधि से अधिक समय तक मोटर चलाकर भूगर्भ जल का अपव्यय किया गया है और पूरे जिले में एक लाख लीटर पानी की बर्बादी हुई है। पानी बर्बाद करनेवाले औरंगाबाद जिले के 60 वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समितियों को शोकाॅज किया गया है।
यह जानकारी देते हुए औरंगाबाद के वरीय उप समाहर्ता सह प्रभारी जिला जनसंपर्क पदाधिकारी कृष्णा कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पेयजल आपूर्ति निष्चय योजना सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है। इसके तहत बोरिंग कर पाईप लाईन श्रृंखला के माध्यम से ग्रामीण परिवारों को पेयजल उपलब्ध कराया जाता है। पेयजल आपूर्ति के साथ साथ धारणीय विकास के दृष्टिकोण से बोरिंग के माध्यम से भूगर्भ जल का मितव्ययी उपयोग करना भी जरूरी है। इसके लिए विभागीय निर्देषानुसार सभी वार्ड के क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति को निर्देषित किया गया है कि संबंधित वार्ड में बोरिंग के माध्यम से जलापूर्ति सुबह में 2 घंटा एवं शाम में 2 घंटा मोटर चलाकर की जाए।
इस प्रक्रिया की निगरानी हेतु सभी ग्रामीण पेयजल योजनाओं में आइओटी डिवाइस अधिष्ठापित किए गए हैं। इन डिवाइस से प्राप्त आंकडों की निरंतर समीक्षा की जा रही है। समीक्षा में पाया गया है कि जिलें में कई वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समितियों द्वारा निर्धारित समय अवधि से अधिक समय तक मोटर चलाकर भूगर्भ जल का अपव्यय कर लगभग 1,00,000 (एक लाख) लीटर से अधिक का दुरुपयोग किया गया है, जो प्राकृतिक संसाधन के अनावष्यक दोहन का द्योतक है। ऐसी कुल 60 समितियों से स्पष्टीकरण की मंाग की गयी है। स्पष्टीकरण प्राप्त होने के बाद भादवि की सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
पानी बर्बाद करनेवाली वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समितियों में नबीनगर प्रखंड के टंडवा पंचायत के वार्ड संख्या-5, बरियावा के वार्ड-2 एवं 15, बैरिया के वार्ड-1, बसडीहा के वार्ड-6, राजपुर के वार्ड-11, खजुरी पांडु के वार्ड-3, गोह प्रखंड के वर्मा खुर्द के वार्ड-11, डिहुरी के वार्ड-3, फाग के वार्ड-5, दधपी के वार्ड-4 एवं 5, मीरपुर के वार्ड-1, 4 एवं 8, तेयाप के वार्ड-7, बनतारा के वार्ड-10, उपहारा के वार्ड -4, 10, देवहरा के वार्ड-5, 15, चापुक के वार्ड-1, मलहद के वार्ड-6, 11 एवं 12, बेरका के वार्ड-10, देव प्रखंड के देव के वार्ड-3, 5 एवं 7, हसौली के वार्ड-12, बनुआ के वार्ड-3, पश्चिमी केताकी के वार्ड-4, बेढ़नी के वार्ड-7, दाउदनगर प्रखंड के गोरडीहा के वार्ड-10, अरई के वार्ड-8, मदनपुर प्रखंड के पिपरौरा के वार्ड-7, घटराईन के वार्ड-8, रफीगंज प्रखंड के बलार के वार्ड-2, बलिगांव के वार्ड-9, गोरडीहा के वार्ड-3 एवं 8, सिहुली के वार्ड-1 एवं 3, ईटार के वार्ड-2 एवं 6, भदुकीकला के वार्ड-11 एवं 18, लट्टा के वार्ड-16, कजपा के वार्ड-12 एवं 13, भदवा के वार्ड-5, अरथुआ के वार्ड-8, भेटनिया के वार्ड-12, बघौरा के वार्ड-11, ओबरा प्रखंड के ओबरा के वार्ड-5, 6, 8 एवं 9, अमिलौना के वार्ड-3, कंचनपुर के वार्ड-14, मलवां के वार्ड-11, बेल के वार्ड-3, सोनहुली के वार्ड-11 एवं 13, सरसौली के वार्ड-3, हसपुरा प्रखंड के मलहारा पंचायत के वार्ड संख्या-10, जैतपुर के वार्ड-3, कोइलवां के वार्ड-10, धुसरी पंचायत के वार्ड संख्या-11 एवं 13 की वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति शामिल है।