पटना (लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डाॅ. मोहन भागवत ने डाॅ. हेडगेवार स्मारक समिति द्वारा बनने वाले सेवा सदन का भूमि पूजन किया। बिहार के हर कोने से आने वाले मरीजों एवं परिजनों के ठहरने के लिए प्रारंभ किये जाने वाले सेवा सदन का शिलान्यास के बाद उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि सेवा आत्मीयता के शुद्ध प्रेरणा से किया जाने वाला कार्य है। पूरी मानवता को अपना कुटुंब मानकर ही सही सेवा कार्य किया जा सकता है। सेवा कार्य में अपनापन का भाव होता है। यह स्वयंस्फूत्र्त भाव से किया जाता है। सेवा का उद्देश्य समाज को समर्थवान बनाना होना चाहिए ताकि वह भी सेवा कार्य करने लायक बन सके।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सेवा कार्यों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि संघ के स्वयंसेवक पूरे समाज को अपना मानते हैं। संघ की शाखाओं में यह संस्कार उन्हें मिलता है। समाज में जब भी विपत्ति आती है तो संघ के स्वयंसेवक स्वतः स्फूर्त भाव से सेवा कार्य में जुट जाते हैं। समाज का दुःख देखकर स्वयंसेवक अपना दुःख भूलकर सेवा के लिए तत्पर हो जाता है। 17 जुलाई, 2000 को पटना में हुये विमान हादसे की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि सुबह के समय जब विमान हादसा हुआ था तो संघ के स्वयंसेवक शाखाओं से सीधे सेवा कार्य करने आ गये थे।
पटना के फुलवारी स्थित केशव नगर में बनने वाले सेवा कार्य के महत्ता को रेखांकित करते हुए उन्होंने बताया कि मरीज और साथ में आने वाले परिजनों को चिकित्सा के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। उनकी समस्याओं व आवश्यकताओं की पूत्र्ति इस सेवा सदन से किया जा सकेगा। कोरोना काल में भारतवर्ष में सेवा का अप्रतिम उदाहरण विश्व के सामने प्रस्तुत किया। भारत की शक्ति समाज है। समाज अगर शक्तिशाली रहा तो सभी विपत्तियों से लड़ा जा सकता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रख्यात संत पूज्य जीयर स्वामी ने कहा कि संघ की स्थापना का मूल ही सेवा है। सेवा ही सृष्टि की पहचान और निर्माण है। इसी सेवा से संकल्पित होकर डाॅ. हेडगेवार ने संघ की स्थापना की थी। सेवा के बिना जीवन को उज्जवल बनाना संभव नहीं है।
कार्यक्रम का मंच संचालन डाॅ. हेडगेवार स्मारक समिति के सचिव मोहन सिंह ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन समिति के अध्यक्ष डाॅ. पवन अग्रवाल ने किया।